सोशल मीडिया के कारण अलीगढ़ में लापता दिव्यांग बच्चों को मिले परिजन, चाइल्ड लाइन ने कहा शुक्रिया - missing children found by social media
सोशल मीडिया की वजह से अलीगढ़ में दिव्यांग बच्चे परिजनों से मिले. उड़ान सोसाइटी के अध्यक्ष व चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि दोनों बच्चे 23 नवंबर और 28 नवंबर से लापता थे.
अलीगढ़: अन्तराष्ट्रीय दिव्यांग दिवस पर उड़ान सोसाइटी की ओर से संचालित चाइल्ड लाइन ने सोशल मीडिया के सहयोग से परिजनों से दो दिव्यांग बच्चों को मिलाया. उड़ान सोसाइटी के अध्यक्ष व चाइल्ड लाइन के निदेशक ज्ञानेंद्र मिश्रा ने बताया कि चाइल्ड लाइन को थाना पिसावा से 23 नवम्बर और थाना रोरावर से 28 नवम्बर को मिले दो बच्चों के परिजनों का पता नहीं चल पा रहा था. सोशल मीडिया की वजह से परिजनों से अलीगढ़ में लापता बच्चे मिले.
थाना पिसावा अंतर्गत ग्राम पलसेड़ा बिजलीघर के पास एक किशोर लावारिस अवस्था में घूमता हुआ मिला था, जो अपने बारे में कुछ भी बता नहीं पा रहा था. पुलिस ने आसपास के क्षेत्र व ईंट भट्टों पर लड़के के परिजनों को खोजने के काफी प्रयास किया गया. इसी तरह थाना रोरावर में लेपर्ड को अज्ञात लड़का घूमता हुआ मिला. लड़का लाल जर्सी, दूधिया रंग की पैंट पहने हुआ था और नंगे पैर था. चाइल्ड लाइन ने दोनों के बारे में खोजबीन की कोशिश की.
ऐसे में चाइल्ड लाइन ने दोनों ही बच्चों के विषय में सोशल मीडिया के माध्यम से जानकारी को प्रसारित कराया. थाना रोरावर से प्राप्त बच्चे के विषय में नयाबांस गोंडा निवासी राशन डीलर जितेंद्र सिंह ने सूचना को पढ़ा और चाइल्ड लाइन के ज्ञानेंद्र मिश्रा से संपर्क किया. इसके बाद लड़के के पिता जीतेन्द्र सिंह चाइल्ड लाइन के कार्यालय आये. यहां से उन्हें बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत कर बालक की सुपुर्दगी करायी गयी. लड़के के पिता ने बताया कि सुमित 26 नवम्बर को घर के पास बने स्कूल में अन्य बच्चों के साथ खेलने निकल गया था. जहां से बिछड़ गया. इसके अगले दिन उन्होंने थाना गोंडा में इसकी सूचना दी थी.
इसी तरह दूसरे लड़का इतवारपुर थाना टप्पल का रहने वाला है. उसकी मां हेमा व मौसी राजबाला शुक्रवार शाम को अलीगढ़ चाइल्ड लाइन के कार्यालय पहुंची. उन्होंने बताया कि बालक के पिता का देहांत हो गया है. इसलिए बच्चा अपने नाना नानी के साथ इतवारपुर में रहता है. वह कासना में किसी फैक्ट्री में प्राइवेट नौकरी कर अपने बच्चों का लालन-पालन करती है. उन्हें नहीं पता चला कि कब लड़का अन्य बच्चों के साथ निकल आया और घर से ग्यारह किलोमीटर दूर पलसेडा थाना पिसावा पहुंच गया. बालक को सेविओ नवजीवन बाल आश्रम से लेकर बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश कर परिजनों के सौंप दिया गया.
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