अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में छात्राएं मुंह पर काली पट्टी बांधकर पांचवें दिन भी बाबे सैयद गेट पर धरने पर बैठी रहीं. इस दौरान छात्राओं का समर्थन करने के लिए महिलाएं बाहर से बाबे सैयद गेट पर पहुंचीं, लेकिन सुरक्षा कर्मियों ने उन्हें छात्राओं तक नहीं पहुंचने दिया. धरना दे रहीं छात्राओं ने हॉस्टल छोड़कर गए छात्रों से विश्वविद्यालय लौटकर प्रोटेस्ट में भागीदारी करने की अपील की है.
एएमयू में हुए बवाल के बाद से छात्राएं नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध दर्ज कराते हुए पांचवें दिन भी बाबे सैयद गेट पर बैठी रहीं. हालांकि विश्वविद्यालय 5 जनवरी तक बंद है और धरना दे रहीं छात्राओं की तादाद भी कम है. छात्राओं ने हॉस्टल छोड़कर जाने वाले छात्रों से वापस लौटने की अपील की है.
एकजुट रहने से मजबूत होगा आंदोलन
छात्राओं का कहना है कि हम एकजुट रहेंगे तो आंदोलन मजबूत होगा. छात्राओं ने कहा कि हम एक सप्ताह या दो सप्ताह तक आंदोलन कर सकते हैं, लेकिन फिर उसके बाद मामला शांत हो जाएगा और फिर अल्पसंख्यकों पर हमला होगा. धरने के दौरान बाबे सैयद गेट पर पुलिस फोर्स तैनात रही.
इसे भी पढ़ें- गोण्डा में एएसपी की अनोखी पहल, राष्ट्रगान गाकर प्रदर्शनकारियों को कराया शांत
छात्राओं ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में केवल मुस्लिम नहीं पढ़ते, यहां सभी धर्मों के लोग पढ़ते हैं. छात्राओं ने कहा कि एएमयू पर अटैक प्री प्लानिंग के तहत था. छात्रों पर टियर गैस और लाठीचार्ज किया गया, जो छात्र देश के भविष्य कहे जाते हैं.