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Taj Mahal Controversy: ताजमहल में तहखाना की हकीकत 'लॉक', मगर एएसआई की वेबसाइट पर सब कुछ 'अनलॉक', जानें तहखाने का राज - website of ASI

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भाजपा नेता की ताजमहल के तहखाने में बने 22 कमरे खुलवाले की याचिका खारिज कर दी. इससे अब तहखाने की हकीकत 'लॉक' रहेगी. इससे लोगों के दिमाग में तहखाने में कमरे कैसे हैं? उनकी स्थिति क्या है? कमरे के अंदर क्या है? ऐसे ही तमाम जिज्ञासाएं घूम रही हैं.

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Published : May 16, 2022, 9:52 PM IST

आगरा: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भाजपा नेता की ताजमहल के तहखाने में बने 22 कमरे खुलवाले की याचिका खारिज कर दी. इससे अब तहखाने की हकीकत 'लॉक' रहेगी. इससे लोगों के दिमाग में तहखाने में कमरे कैसे हैं ? उनकी स्थिति क्या है ? कमरे के अंदर क्या है? ऐसे ही तमाम जिज्ञासाएं घूम रही हैं. मगर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी वेबसाइट पर ताजमहल की हकीकत 'अनलॉक' कर दी है. यानी एएसआई की वेबसाइट पर बीते माह तहखाने में किए गए संरक्षण कार्य की तस्वीरें वेबसाइट अपलोड हैं, जिसमें तमाम सवालों के जवाब मिल रहे हैं.

गौरतलब है कि, बीते दिनों भाजपा नेता डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने ताजमहल के बंद तहखाने में स्थित 22 कमरे खुलवाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी, जिससे एक बार फिर ताजमहल मंदिर या मकबरा का विवाद चर्चा में आया. बीते गुरुवार को डॉ. रजनीश कुमार सिंह की याचिका पहली सुनवाई में खारिज हो गई, जिससे ताजमहल के तहखाने के बंद 22 कमरों के राज को लेकर चर्चा आम हो गई है. अब हर किसी की यही जिज्ञासा है कि आखिर तहखाने में क्या है? तहखाने के कमरे कैसे हैं? कमरे के अंदर क्या है? यही सवाल दिमाग में हैं.

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एएसआई की वेबसाइट पर अपलोड तस्वीरें
एएसआई ने अपलोड की तस्वीरें और जानकारी

इसी विवाद के बीच एएसआई ने अपनी वेबसाइट www.asi.nic.in पर 05 मई 2022 को 'रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी-2022' अपलोड की. इसके पृष्ठ संख्या 24 पर ताजमहल के तहखाने के संरक्षण का जिक्र है. इस पृष्ठ पर चार चित्र भी दिए गए हैं, जिसमें दो चित्र संरक्षण से पूर्व और दो चित्र संरक्षण कार्य होने के बाद के हैं.

इसे भी पढ़ेंः Taj Mahal Row: 'ताजमहल की जमीन ही नहीं महल भी जयपुर के राजा का'- इतिहासकार

छह लाख रुपये खर्च हुए संरक्षण कार्य पर

एएसआई की ओर से वेबसाइट पर अपलोड 'रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी-2022' में लिखा है कि, ताजमहल में यमुना किनारा की तरफ चमेली फर्श के नीचे स्थित तहखाने में संरक्षण कार्य किया गया था. इस संरक्षण कार्य में 6 लाख रुपये व्यय हुए थे. इस बजट में तहखाने की दीवार के खराब हुए चूने का प्लास्टर हटाकर दोबारा प्लास्टर हुआ था. लाइम पनिंग (चूने का पतला प्लास्टर) पूरे तहखाने में किया गया था. इसके साथ ही दरारों को भरने के साथ वेंटीलेटर्स पर जाली लगाने का काम भी किया गया था.

संरक्षण कार्य में यह सामान किया उपयोग

एएसआई की ओर से वेबसाइट पर अपलोड 'रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी-2022' में लिखा है कि, ताजमहल के तहखाने में जो सरंक्षण कार्य किया गया था. उसमें चूना, गुड़, दाल, बताशे समेत अन्य सामग्री को मिलाकर मिश्रण तैयार गया. इस मिश्रण की तहखाने की दीवार, छत, मेहराब समेत अन्य जगह पर पतली परत चढ़ाई गई.

संरक्षण के पूर्व और बाद के चित्र बता रहे यह हकीकत

उस वेबसाइट पर यह भी लिखा है कि, संरक्षण से पूर्व के पहले चित्र में तहखाना की दीवार खराब दिखाई दे रही है. इसके साथ ही दीवार से चूने का प्लास्टर गिर गया है. दीवार में बने आले और लाखौरी ईंटों से बंद दरवाजे नजर आ रहे हैं. दूसरे चित्र में तहखाना की छत पर हो रही डायमंड की कटिंग खराब है. चूने का प्लास्टर और आर्च नजर आ रही है.

एएसआई के आगरा सर्किल कार्यालय के अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल बताते हैं कि, एएसआई ने स्मारकों को बंद रखकर तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाना गलत है. सुरक्षा की वजह से तहखाना पूर्व में बंद किया गया था. एएसआई ने वेबसाइट पर ताजमहल के तहखाने के संरक्षण की जानकारी के साथ पुराने और संरक्षण कार्य के बाद वाले चित्र जारी किए हैं. इसमें तहखाना की दीवार और आलों पर किया गया सफेद चूने का प्लास्टर और लाखौरी ईंटों पर किया गया प्वाइंटिंग (टीप) भी साफ दिखाई दे रही है. ऐसे ही दूसरे चित्र में संरक्षण के बाद तहखाना की छत की डायमंड कटिंग निखरी नजर आ रही है.

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आगरा: इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने भाजपा नेता की ताजमहल के तहखाने में बने 22 कमरे खुलवाले की याचिका खारिज कर दी. इससे अब तहखाने की हकीकत 'लॉक' रहेगी. इससे लोगों के दिमाग में तहखाने में कमरे कैसे हैं ? उनकी स्थिति क्या है ? कमरे के अंदर क्या है? ऐसे ही तमाम जिज्ञासाएं घूम रही हैं. मगर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने अपनी वेबसाइट पर ताजमहल की हकीकत 'अनलॉक' कर दी है. यानी एएसआई की वेबसाइट पर बीते माह तहखाने में किए गए संरक्षण कार्य की तस्वीरें वेबसाइट अपलोड हैं, जिसमें तमाम सवालों के जवाब मिल रहे हैं.

गौरतलब है कि, बीते दिनों भाजपा नेता डॉ. रजनीश कुमार सिंह ने ताजमहल के बंद तहखाने में स्थित 22 कमरे खुलवाने की मांग को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर की थी, जिससे एक बार फिर ताजमहल मंदिर या मकबरा का विवाद चर्चा में आया. बीते गुरुवार को डॉ. रजनीश कुमार सिंह की याचिका पहली सुनवाई में खारिज हो गई, जिससे ताजमहल के तहखाने के बंद 22 कमरों के राज को लेकर चर्चा आम हो गई है. अब हर किसी की यही जिज्ञासा है कि आखिर तहखाने में क्या है? तहखाने के कमरे कैसे हैं? कमरे के अंदर क्या है? यही सवाल दिमाग में हैं.

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एएसआई की वेबसाइट पर अपलोड तस्वीरें
एएसआई ने अपलोड की तस्वीरें और जानकारी

इसी विवाद के बीच एएसआई ने अपनी वेबसाइट www.asi.nic.in पर 05 मई 2022 को 'रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी-2022' अपलोड की. इसके पृष्ठ संख्या 24 पर ताजमहल के तहखाने के संरक्षण का जिक्र है. इस पृष्ठ पर चार चित्र भी दिए गए हैं, जिसमें दो चित्र संरक्षण से पूर्व और दो चित्र संरक्षण कार्य होने के बाद के हैं.

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छह लाख रुपये खर्च हुए संरक्षण कार्य पर

एएसआई की ओर से वेबसाइट पर अपलोड 'रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी-2022' में लिखा है कि, ताजमहल में यमुना किनारा की तरफ चमेली फर्श के नीचे स्थित तहखाने में संरक्षण कार्य किया गया था. इस संरक्षण कार्य में 6 लाख रुपये व्यय हुए थे. इस बजट में तहखाने की दीवार के खराब हुए चूने का प्लास्टर हटाकर दोबारा प्लास्टर हुआ था. लाइम पनिंग (चूने का पतला प्लास्टर) पूरे तहखाने में किया गया था. इसके साथ ही दरारों को भरने के साथ वेंटीलेटर्स पर जाली लगाने का काम भी किया गया था.

संरक्षण कार्य में यह सामान किया उपयोग

एएसआई की ओर से वेबसाइट पर अपलोड 'रिलीज आफ एएसआइ न्यूज लेटर-जनवरी-2022' में लिखा है कि, ताजमहल के तहखाने में जो सरंक्षण कार्य किया गया था. उसमें चूना, गुड़, दाल, बताशे समेत अन्य सामग्री को मिलाकर मिश्रण तैयार गया. इस मिश्रण की तहखाने की दीवार, छत, मेहराब समेत अन्य जगह पर पतली परत चढ़ाई गई.

संरक्षण के पूर्व और बाद के चित्र बता रहे यह हकीकत

उस वेबसाइट पर यह भी लिखा है कि, संरक्षण से पूर्व के पहले चित्र में तहखाना की दीवार खराब दिखाई दे रही है. इसके साथ ही दीवार से चूने का प्लास्टर गिर गया है. दीवार में बने आले और लाखौरी ईंटों से बंद दरवाजे नजर आ रहे हैं. दूसरे चित्र में तहखाना की छत पर हो रही डायमंड की कटिंग खराब है. चूने का प्लास्टर और आर्च नजर आ रही है.

एएसआई के आगरा सर्किल कार्यालय के अधीक्षण पुरातत्वविद् राजकुमार पटेल बताते हैं कि, एएसआई ने स्मारकों को बंद रखकर तथ्यों को छुपाने का आरोप लगाना गलत है. सुरक्षा की वजह से तहखाना पूर्व में बंद किया गया था. एएसआई ने वेबसाइट पर ताजमहल के तहखाने के संरक्षण की जानकारी के साथ पुराने और संरक्षण कार्य के बाद वाले चित्र जारी किए हैं. इसमें तहखाना की दीवार और आलों पर किया गया सफेद चूने का प्लास्टर और लाखौरी ईंटों पर किया गया प्वाइंटिंग (टीप) भी साफ दिखाई दे रही है. ऐसे ही दूसरे चित्र में संरक्षण के बाद तहखाना की छत की डायमंड कटिंग निखरी नजर आ रही है.

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