ETV Bharat / city

भगवान श्रीराम ने किया रावण का वध, बुराई पर हुई अच्छाई की जीत - असत्य पर सत्य की जीत का पर्व है दशहरा

उत्तर प्रदेश के आगरा जिले में ऐतिहासिक रामलीला में विजयदशमी पर रावण वध लीला का मंचन किया गया. मंचन को देखने के लिए भारी संख्या में लोग एकत्रित हुए. लोगों ने रामलीला के दौरान रावण वध लीला का लुत्फ उठाया.

धूं धूं कर जलता रावण का पुतला.
author img

By

Published : Oct 9, 2019, 9:32 AM IST

आगरा: मंगलवार देर रात ताजनगरी की ऐतिहासिक रामलीला में दशहरा पर रावण वध लीला का मंचन हुआ. 125 साल पुरानी रामलीला में आगरा किला के पास भगवान श्रीराम और रावण की सेनाओं में घमासान युद्ध हुआ. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. भगवान श्रीराम ने महायुद्ध में रावण का वध कर असत्य पर विजय प्राप्त की. राम ने 100 फीट ऊंचे रावण के विशालकाय पुतले की नाभि में अग्नि बाण मारा तो रावण धू-धू कर जलने लगा.

विजयदशमी पर रावण वध का हुआ मंचन.
आगरा की रामलीला सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है. इस रामलीला में रावण और उसके कुनबे का पुतला बनाने के लिए मथुरा के कोसी से मुस्लिम परिवार के कारीगर आते हैं. यह कारीगर करीब सवा माह तक रहकर विशालकाय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले को बनाते हैं. जिनका रामलीला मंचन के दौरान दहन किया जाता है. कई सालों से रावण और उसके कुनबे के पुतलों में आतिशबाजी लगाने का काम आगरा के चमन मंसूरी कर रहे हैं.

इसे भी पढे़ं- 11 और 12 अक्टूबर को योगी हरियाणा में भरेंगे हुंकार

जानें रामलीला कमेटी के प्रचार मंत्री ने क्या बताया
रामलीला कमेटी के प्रचार मंत्री प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऐतिहासिक रामलीला का आयोजन करीब 125 सालों से किया जा रहा है. आगरा किला में आजादी के पहले से रामलीला का मंचन शुरू हुआ था, जो लगातार चल रहा है. आज भी उसी भव्य रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन होता है जिसके बाद दशहरा पर रावण वध होता है और विशालकाय पुतले का दहन किया जाता है.


आगरा: मंगलवार देर रात ताजनगरी की ऐतिहासिक रामलीला में दशहरा पर रावण वध लीला का मंचन हुआ. 125 साल पुरानी रामलीला में आगरा किला के पास भगवान श्रीराम और रावण की सेनाओं में घमासान युद्ध हुआ. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. भगवान श्रीराम ने महायुद्ध में रावण का वध कर असत्य पर विजय प्राप्त की. राम ने 100 फीट ऊंचे रावण के विशालकाय पुतले की नाभि में अग्नि बाण मारा तो रावण धू-धू कर जलने लगा.

विजयदशमी पर रावण वध का हुआ मंचन.
आगरा की रामलीला सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है. इस रामलीला में रावण और उसके कुनबे का पुतला बनाने के लिए मथुरा के कोसी से मुस्लिम परिवार के कारीगर आते हैं. यह कारीगर करीब सवा माह तक रहकर विशालकाय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले को बनाते हैं. जिनका रामलीला मंचन के दौरान दहन किया जाता है. कई सालों से रावण और उसके कुनबे के पुतलों में आतिशबाजी लगाने का काम आगरा के चमन मंसूरी कर रहे हैं.

इसे भी पढे़ं- 11 और 12 अक्टूबर को योगी हरियाणा में भरेंगे हुंकार

जानें रामलीला कमेटी के प्रचार मंत्री ने क्या बताया
रामलीला कमेटी के प्रचार मंत्री प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि ऐतिहासिक रामलीला का आयोजन करीब 125 सालों से किया जा रहा है. आगरा किला में आजादी के पहले से रामलीला का मंचन शुरू हुआ था, जो लगातार चल रहा है. आज भी उसी भव्य रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन होता है जिसके बाद दशहरा पर रावण वध होता है और विशालकाय पुतले का दहन किया जाता है.


Intro:आगरा.
ताजनगरी की ऐतिहासिक रामलीला में दशहरा पर मंगलवार देर रात रावण वध की लीला का मंचन हुआ. 125 साल पुरानी रामलीला में आगरा किला के पास भगवान श्री राम और रावण की सेनाओं में घमासान युद्ध हुआ. जिसे देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग पहुंचे. भगवान श्रीराम ने महायुद्ध में रावण का वध किया. असत्य पर सत्य की जीत हुई. फिर 100 फीट ऊंचे रावण के विशालकाय पुतले का राम के स्वरूप पुतले की नाभि में अग्नि बाण मार मारा तो रावण धू धू कर जलने लगा.




Body:आगरा की की रामलीला सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल है. इस रामलीला में रावण और उसके कुनबे का पुतला बनाने के लिए मथुरा के कोसी से मुस्लिम परिवार के कारीगर आते हैं. करीब सवा माह तक यह कारीगर रहकर विशालकाय रावण, कुंभकरण और मेघनाथ के पुतले को बनाते हैं. जिनका रामलीला मंचन के दौरान दहन किया जाता है. इसके साथ ही कई सालों से रावण और उसके कुनबा के पुतलों में आतिशबाजी लगाने का काम आगरा के चमन मंसूरी कर रहे हैं.

रामलीला कमेटी के प्रचार मंत्री प्रकाशचंद्र अग्रवाल ने बताया कि करीब 125 साल हो गए. इस ऐतिहासिक रामलीला होते हुए. आगरा किला में आजादी के पहले रामलीला का मंचन शुरू हुआ था, जो लगातार चल रहा है. आज भी उसी भव्य रामलीला मैदान में रामलीला का मंचन होता है और उसके बाद फिर दशहरा पर रावण वध होता है. और विशालकाय पुतले का दहन किया जाता है. इसके साथ ही हर साल की तरह इस साल भी आतिशबाजी का मुकाबला भी होगा.




Conclusion:ऐतिहासिक रामलीला में दशहरा पर रावण का दहन देखने के लिए हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी. देर रात करीब 12 बजे नाभि में प्रभु श्री राम का अग्निबाण लगते ही विशालकाय रावण के पुतले ने अट्टहास किया. पुतले की आंखों से अंगारे निकले। धू धू कर जला पुतला 5 मिनट में धराशाई हो गया.
.......
बाइट प्रकाशचंद्र अग्रवाल, प्रचार मंत्री (रामलीला कमेटी आगरा)।

.....।।
श्यामवीर सिंह
आगरा
8387893357
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.