आगराः लखनऊ के होटल लेवाना में आग लगने की घटना के बाद से प्रदेश भर में प्रशासनिक अधिकारी अलर्ट हो गये हैं. जगह-जगह होटलों में आग की घटना से निपटने के लिए इंतजामों की जांच की जा रही है. आगरा में अग्निशमन विभाग और आवास विकास प्राधिकरण की सयुंक्त टीम ने जांच अभियान चलाया, जिसमें जिले के होटलों और गेस्ट हाउस में फायर सेफ्टी के इंतजाम पर सवाल खड़े हुए. दो दिन चले अभियान में 90 ऐसे होटल चिन्हित किए गए हैं, जिनमें आग लगने पर सुरक्षा के कोई इंतजाम नहीं थे. ऐसे सभी 90 होटल को नोटिस दिया गया है.
बता दें कि, आगरा में छोटे और बड़े 400 होटल के साथ ही 100 गेस्ट हाउस हैं. इनमें से महज 30 होटलों के पास ही अग्निशमन विभाग की एनओसी है. बाकी के बजट क्लास होटल और गेस्ट हाउस का संचालक बिना एनओसी के अपने होटल और गेस्ट हाउस का संचालन कर रहें हैं.
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आगरा के मुख्य अग्निशमन अधिकारी (सीएफओ) अक्षय रंजन शर्मा ने बताया कि, जिले में टीमें लगातार होटल में आग बुझाने के इंतजाम का निरीक्षण कर रही हैं. दो दिन चले अभियान में 90 होटल में आग से बचने के इंतजाम नहीं मिले हैं. 90 होटल के संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं. जिसके तहत होटल संचालकों को सात दिन में अपना जवाब देना. इसके बाद इन होटलों के संचालकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
एडीए उपाध्यक्ष चर्चित गौड ने बताया कि, आगरा में 30 होटल के पास फायर की एनओसी है. बाकी के बजट क्लास होटल और गेस्ट हाउस के पास फायर ब्रिगेड की एनओसी नहीं है. अग्निशमन विभाग और एडीए की संयुक्त टीमें होटलों का निरीक्षण करके आग से बचाव के इंतजाम परख रही हैं. क्योंकि, बजट क्लास होटल एक से तीन मंजिला हैं.
वहां पर न फायर सेफ्टी उपकरण हैं और न ही पानी का टैंक है. सीएफओ अक्षय रंजन शर्मा ने बताया कि जिन होटल संचालकों को नोटिस दिया है, उनमें से अधिकतर में फायर फाइटिंग सिस्टम नहीं हैं. इनमें एक ही सीढ़ी है. अधिकतर होटल में आगे की ओर शीशा लगा है. फायर एग्जिट भी नहीं हैं.
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