आगरा: भाजपा के 5 मौजूदा विधायकों का टिकट कटने और कई दावेदारों को टिकट न मिलने के कारण बगावत तेज हो गई है. आगरा में भाजपा के तीन बार के सांसद रहे प्रभु दयाल कठेरिया के बेटे अरुण कांत कठेरिया ने आगरा ग्रामीण से बीजेपी का टिकट न मिलने पर पार्टी से बगावत करते हुए आम आदमी पार्टी से नामांकन किया. पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया.
उन्होंने कहा कि मैं अब सिर्फ पार्टी का एक सदस्य हूं. आज मैंने अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई है. हो सकता है कि मैं पार्टी की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दूं. जो गुनाह करता है, वो तो आरोपी है. लेकिन जो गुनाह सहता है, वह उससे भी बड़ा अपराधी होता है. मैंने 2012 में टिकट मांगा, मगर नहीं मिला. 2014 में टिकट नहीं दिया. 2017 में तैयारी कराई फिर भी टिकट नहीं मिला. वर्ष 2019 में टिकट मांगा, तब नहीं मिला. फिर मुझे कहा गया कि विधानसभा चुनाव की तैयारी में लग जाइए. मैंने और मेरे बेटे ने गांव-गांव जाकर लोगों से संपर्क किया. फिर 2022 के विधानसभा चुनाव में आगरा ग्रामीण से बेटे को टिकट नहीं दिया. इसलिए बेटा अरुण कांत कठेरिया ने आम आदमी पार्टी से नामांकन किया है. यह बेटे का फैसला है.
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पूर्व सांसद प्रभु दयाल कठेरिया ने कहा कि मैं अपने बेटे के साथ 325 गांवों में गया. सर्वे कहां गया. दोनों विधानसभा सीट सुरक्षित है. हम किसी समाज का विरोध नहीं कर रहे हैं. आखिर अनुसूचित जाति में कठेरिया भी आते हैं. यूपी में दस लाख कठेरिया समाज के वोट हैं. पार्टी ने समाज का अपमान किया, तो हमारा में अपमान किया. मैं पंडित अटल बिहारी वाजपेई का शिष्य हूं. जब भाजपा के दो सांसद हुआ करते थे. उसमें एक सांसद मैं हुआ करता था. हमारी गलती क्या है? हमने क्या गुनाह किया है. मैं गुनाह के खिलाफ आवाज उठाता हूं. मैंने 2004 में भी करके दिखाया था. आज फिर आवाज उठाई है.
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