आगरा: भारत सरकार ने गणतंत्र दिवस पर गलवान घाटी संघर्ष में अदम्य साहस दिखाने वाले आगरा में रहने वाले कर्नल अरूपम चक्रवर्ती को वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया. अरूपम की वीरता के किस्से उनके माता, पिता और भाई भी सुना रहे हैं. गुरुवार को परिवार को बधाई देने राज्य मंत्री डॉ. जीएस धर्मेश अरूपम के घर पहुंचे.
कर्नल अरूपम की मां और पिता ने कहा कि सबसे पहले देश है. इससे बढ़कर कुछ भी नहीं है. आगरा की डिफेंस कालोनी निवासी सेना से रिटायर्ड हवलदार पीआर चक्रवर्ती ने कहा कि उनके पुत्र कर्नल अरूपम चक्रवर्ती अभी गलवान घाटी में तैनात हैं. बेटे को वीरता पुरस्कार मिलने पर वो बहुत खुश है. इससे पहले भी उनका बेटा अपने साहस का परिचय कई ऑपरेशन में दे चुका है.
अरूपम चक्रवर्ती की मां शिखा चक्रवर्ती ने कहा कि अरूपम ने आगरा के सेंट क्लेयर्स कॉलेज से पढ़ाई की थी. इसके बाद वो 2001 में इंडियन मिलिट्री एकेडमी से पढ़ाई करने के बाद देश सेवा के लिए चले गए. हम हर समय उसके बेहतर भविष्य की कामना करते हैं. सबसे पहले ही देश की सेवा है और इसके ऊपर कुछ नहीं है. मेरी भारत की सभी माताओं से अपील है कि वो अपने बच्चों को प्रोत्साहित करें. उन्हें देश की सेवा करने के लिए प्रेरित करें.
2020 में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड में कर्नल अरूपम चक्रवर्ती मद्रास रेजीमेंट के कमांडिंग अफसर थे. गलवान घाटी संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे और 5 चीनी सैनिक मारे गए थे. इनमें चीन का कमांडिंग अफसर भी शामिल था.
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