आगरा: आगरा पुलिस सोमवार को कुर्की की प्रक्रिया पूरी करके आदेश की प्रति अब फरार निलंबित दोनों अफसर के घरों पर चस्पा करेगी. मथुरा में गोविंद नगर की महाविद्या कालोनी निवासी चांदी कारोबारी प्रदीप अग्रवाल की विनायक ट्रेडर्स के नाम से फर्म है. 30 अप्रैल की रात प्रदीप अग्रवाल और उनका चालक राकेश चैहान कटिहार (बिहार) से लौट रहे थे. कार में उनका एक थैला रखा था. जिसमें चांदी के जेवरात की बिक्री से मिले 43 लाख रुपए रखे हुए थे.
आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे स्थित फतेहाबाद टोल पर जयपुर हाउस स्थित वाणिज्य कर कार्यालय की टीम ने उनकी गाड़ी रुकवाई और उन्हें कार्यालय ले आए. जहां पर जेल भेजने की धमकी देकर वाणिज्य कर अधिकारियों ने 43 लाख रुपये लूट लिए. पीड़ित चांदी कारोबारी ने व्यापारी कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष रविकांत को वाणिज्य कर अधिकारियों की इस करतूत के बारे में जानकारी दी. फिर चांदी कारोबारी की शिकायत पर एसएसपी मुनिराज ने एफआईआर दर्ज कराई थी.
विवेचक सीओ सदर राजीव कुमार ने बताया कि, इस मामले में आरोपी सिपाही संजीव कुमार और चालक दिनेश कुमार को जेल भेजा जा चुका है. अभी निलंबित असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार और वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार फरार हैं. जल्द ही दोनों आरोपी अधिकारियों के घरों पर कुर्की की नोटिस चस्पा की जाएगी. कोर्ट से कुर्की का आदेश मिल चुका है. सोमवार को इसकी पूरी प्रक्रिया पूरी हो जाएगी. दोनों के घरों पर नोटिस चस्पा किया जाएगा.
लोहामंडी पुलिस ने 43 लाख रुपए की लूट में फरार निलंबित वाणिज्य कर असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार और वाणिज्य कर अधिकारी शैलेंद्र कुमार पर 25-25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है. वाणिज्य कर अधिकारी अजय कुमार लखनऊ के इंदिरा नगर में रहते हैं. शैलेंद्र कुमार चंदौली के रहने वाले हैं. अजय कुमार आगरा में फिनिक्स पुष्पविला गार्डेनिया अपार्टमेंट और शैलेंद्र कुमार अर्पणा प्रेम अपार्टमेंट रहते थे. जहां पर ताला लगा है. अजय कुमार और शैलेंद्र कुमार ने अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया था. जिस पर अभी सुनवाई नहीं हुई है.
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एसएसपी के निर्देश पर लोहामंडी थाना में अज्ञात वाणिज्य कर अधिकारी और कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था. इस पर वाणिज्य कर कमिश्नर ने विभागीय जांच कराई. विभागीय जांच रिपोर्ट में असिस्टेंट कमिश्नर अजय कुमार, वाणिज्य कर अधिकारी शैलेन्द्र कुमार, सिपाही संजीव कुमार और गाड़ी चालक दिनेश कुमार का नाम सामने आया था. इसके बाद चारों को नामजद किया गया था.