ETV Bharat / business

IMF का भारत की वृद्धि को लेकर अनुमान 'अत्यधिक कम आकलन' : एन के सिंह

15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने कहा कि आईएमएफ द्वारा भारत के संभावित वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर छह प्रतिशत करना 'अत्यधिक कम अनुमान' है.

एन के सिंह
एन के सिंह
author img

By

Published : Oct 26, 2021, 9:28 PM IST

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत के संभावित वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर छह प्रतिशत करना 'अत्यधिक कम अनुमान' है. 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने मंगलवार को यह बात कही.

आईएमएफ ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत की वृद्धि की संभावना को नीचे किया है.

सिंह ने अध्ययन एवं औद्योगिक विकास संस्थान (आईएसआईडी) द्वारा ‘विकास के लिए वित्तपोषण’ विषय पर आयोजित 'ऑनलाइन' परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जो लोग अभी गरीबी से बचे हुए हैं, वे महामारी की वजह से दोबारा गरीबी में नहीं चले जाएं.

उन्होंने कहा, 'आईएमएफ ने पिछले सप्ताह हमारी मध्यम अवधि की वृद्धि की संभावना को 6.25 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत किया है. मेरा मानना है कि यह बहुत ज्यादा कम आकलन है.'

उन्होंने कहा, 'वृद्धि संभावना का आकलन हमेशा से समस्या रहा है.' आईएमएफ ने पिछले सप्ताह महामारी की वजह से भारत की वृद्धि की संभावना को घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था.

यह भी पढ़ें- आश्रम 3 : वेब सीरीज की शूटिंग में धार्मिक एक्शन और क्षेत्रवादी इमोशन की एंट्री, जानें कैसे ?

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत तथा 2022-23 में 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसकी वजह आधार प्रभाव और मजबूत वैश्विक वृद्धि है.

संभावित वृद्धि से आशय वृद्धि की उस दर से है जो कोई अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि में अत्यधिक मुद्रास्फीति सृजित किये बिना बनाये रख सकती है. सिंह ने भारत का कर अनुपात बढ़ाने की भी जरूरत बताई. उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक बड़ा सुधार करार देते हुए कहा कि पिछले कुछ महीने के आंकड़े भी यही दर्शाते हैं. जीएसटी से राजस्व काफी उत्साहवर्द्धक रहा है.

(पीटीआई भाषा)

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा भारत के संभावित वृद्धि दर के अनुमान को संशोधित कर छह प्रतिशत करना 'अत्यधिक कम अनुमान' है. 15वें वित्त आयोग के चेयरमैन एन के सिंह ने मंगलवार को यह बात कही.

आईएमएफ ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से भारत की वृद्धि की संभावना को नीचे किया है.

सिंह ने अध्ययन एवं औद्योगिक विकास संस्थान (आईएसआईडी) द्वारा ‘विकास के लिए वित्तपोषण’ विषय पर आयोजित 'ऑनलाइन' परिचर्चा को संबोधित करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि जो लोग अभी गरीबी से बचे हुए हैं, वे महामारी की वजह से दोबारा गरीबी में नहीं चले जाएं.

उन्होंने कहा, 'आईएमएफ ने पिछले सप्ताह हमारी मध्यम अवधि की वृद्धि की संभावना को 6.25 प्रतिशत से घटाकर छह प्रतिशत किया है. मेरा मानना है कि यह बहुत ज्यादा कम आकलन है.'

उन्होंने कहा, 'वृद्धि संभावना का आकलन हमेशा से समस्या रहा है.' आईएमएफ ने पिछले सप्ताह महामारी की वजह से भारत की वृद्धि की संभावना को घटाकर छह प्रतिशत कर दिया था.

यह भी पढ़ें- आश्रम 3 : वेब सीरीज की शूटिंग में धार्मिक एक्शन और क्षेत्रवादी इमोशन की एंट्री, जानें कैसे ?

उन्होंने कहा कि चालू वित्त वर्ष में भारत की वृद्धि दर 9.5 प्रतिशत तथा 2022-23 में 8.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है. इसकी वजह आधार प्रभाव और मजबूत वैश्विक वृद्धि है.

संभावित वृद्धि से आशय वृद्धि की उस दर से है जो कोई अर्थव्यवस्था मध्यम अवधि में अत्यधिक मुद्रास्फीति सृजित किये बिना बनाये रख सकती है. सिंह ने भारत का कर अनुपात बढ़ाने की भी जरूरत बताई. उन्होंने माल एवं सेवा कर (जीएसटी) को एक बड़ा सुधार करार देते हुए कहा कि पिछले कुछ महीने के आंकड़े भी यही दर्शाते हैं. जीएसटी से राजस्व काफी उत्साहवर्द्धक रहा है.

(पीटीआई भाषा)

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.