हमीरपुर : सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरीला में प्रसूताओं को नाश्ता और भोजन के नाम पर एक दाना भी नहीं दिया जा रहा है. इससे प्रसव कराने आने वाली प्रसूताएं भूख से परेशान रहती हैं, जबकि मरीजों के नाश्ते और भोजन के नाम पर हर माह हजारों रुपए का खर्च दिखाया जा रहा है. प्रसुताओं ने खाना नहीं दिए जाने और स्टाप नर्स द्वारा ग्यारह सौ रुपये लेने का आरोप लगाया है.
सरकार की महत्वाकांक्षी जननी शिशु सुरक्षा योजना सामुदायिक स्वास्थ केंद्र सरीला में दम तोड़ती नजर आ रही है. योजना के तहत प्रसूता को प्रसव के बाद 3 दिन तक डॉक्टर की निगरानी में रखना होता है और इस दौरान उसे पौष्टिक आहार, दूध, अंडा दिए जाने का प्रावधान है. साथ ही प्रसुता को मुफ्त दवा के साथ घर छोड़ने के लिए एंबुलेंस की सुविधा दी जाती है, लेकिन सामुदायिक स्वास्थ केंद्र सरीला में सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं दिया जा रहा है.
यहां तक कि प्रसव के बाद कोई डॉक्टर प्रसूता को देखने तक नही पहुंच रहा है. प्रसूता रवीना निवासी अतरौली, निर्दोष कुमारी निवासी लोदीपुरा, ललता निवासी बीरपुर ने बताया कि डिलीवरी कराने के 2 दिन बीतने के बाद भी अभी तक भोजन और नाश्ते के नाम पर कुछ भी नहीं दिया गया. साथ ही कोई देख-रेख भी नहीं की जा रही है.
वहीं प्रभारी चिकित्सा अधिकारी महेश चन्द्रा ने बताया कि प्रसूताओं को दूध, ब्रेड के साथ पौष्टिक आहार नाश्ते में दिया जाता है. इसके अलावा दोपहर और रात में भी भोजन दिया जाता है. प्रसूताओं को भोजन और नाश्ता न दिए जाने कि उन्हें कोई जानकारी नहीं है. नर्स द्वारा पैसे लेने की भी कोई शिकायत अभी तक नहीं की गई है. शिकायत मिलने पर कार्रवाई की जाएगी.