मऊ: प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े का खुलासा लगातार हो रहा है. फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी करने वाले शिक्षकों पर कार्रवाई जारी है. सोमवार को मऊ जिले में बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बीए की फर्जी डिग्री का इस्तेमाल नौकरी पाने के लिए करने पर रानीपुर क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय सादीपुर में कार्यरत मृतक आश्रित सहायक अध्यापिका शीला सिंह को बर्खास्त कर दिया.
बीएसए ने बर्खास्त करने के साथ साथ खण्ड शिक्षा अधिकारी को शीला सिंह के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया है. शीला सिंह को मृतक आश्रित कोटे से 26 मई 2007 को रानीपुर शिक्षा क्षेत्र के प्राथमिक विद्यालय चाल्हा में नियुक्त मिली थी. बेसिक शिक्षा अधिकारी ओपी त्रिपाठी ने बताया कि सादीपुर के ही सहायक अध्यापक जयप्रकाश सिंह ने आजमगढ़ के मण्डलायुक्त से सहायक अध्यापिका शीला सिंह की डिग्री फर्जी होने की शिकायत की थी. इसके बाद संयुक्त शिक्षा निदेशक बेसिक आजमगढ़ के निर्देश पर शीला सिंह की डिग्री को सत्यापन के लिए गोरखपुर भेजा गया था.
विश्वविद्यालय ने अपनी सत्यापन आख्या में कहा कि शीला सिंह ने वर्ष 1993 में 255783 अनुक्रमांक के जरिए स्वंय को बीए उत्तीर्ण बताया है. आख्या रिपोर्ट आने पर 20 जून को शीला सिंह को बीएसए कार्यालय दस्तावेज के साथ बुलाया गया. यहां पर जो अंकपत्र इन्होंने दिखाए वह फर्जी पाए गए. लिहाजा आरोपी सहायक अध्यापिका को बर्खास्त कर एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया गया है.