वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पीछे रमना गांव के लोग करीब दो महीने से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव के लोगों ने यह फैसला लिया है कि अगर गांव की बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी तो 19 मई को वह मतदान का बहिष्कार करेंगे. हाथों में तख्तियां लिए इस कड़ी धूप में गांव के लोग धरने पर बैठ गए है. 'बिजली नहीं तो वोट नहीं', 'नो पावर नो वोट' ऐसे स्लोगन के साथ सैकड़ों की संख्या में गांव वाले धरने पर बैठे हैं.
क्या कहते हैं प्रधानपति अमित पटेल
- हम लोग पिछले 2 महीने से पावर कट और लो वोल्टेज से परेशान हैं.
- हमारे यहां सब्जी की खेती होती है और पूरे बनारस में यहीं से सब्जी जाती है.
- जिस तरह गर्मी पड़ रही है, अगर सब्जियों को समय पर पानी नहीं मिला तो वह नष्ट हो जाएंगी.
- आज बिजली विभाग के कुछ अधिकारी हमसे मिलने आए.
- उन्होंने 24 घंटे का समय मांगा है जिस पर हमने उन्हें 48 घंटे का समय दिया है.
- अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम सब लोग वोट नहीं देंगे.
- हमारा साफ कहना है बिजली नहीं तो वोट नहीं.
रमना गांव में कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. आज हम लोग वहां गए. गांव की दो समस्याएं मुख्य हैं एक लो वोल्टेज समस्या है और दूसरी ट्रिपिंग की समस्या है. हम दोनों समस्याओं का निराकरण करेंगे. इसके लिए गांव वालों ने हमें 48 घंटे का समय दिया है. हम इस समय में अपना कार्य पूरा कर देंगे.
राजेंद्र प्रसाद पटेल, अधिशासी अभियंता.