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वाराणसी: पीएम के संसदीय क्षेत्र में ग्रामीणों ने किया एलान, 'बिजली नहीं तो वोट नहीं'

19 मई को सांतवें और अंतिम चरण में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में मतदान होना है. ऐसे में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और सरकार ज्यादा से ज्यादा मतदान कराने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही हैं. वहीं वाराणसी के ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों ने मतदान का बहिष्कार करने का एलान किया है. उन्होंने हाथों में बिजली नहीं तो वोट नहीं के बैनर लेकर जमकर नारे लगा रहे हैं.

मदतान का बहिष्कार.
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Published : May 10, 2019, 3:02 PM IST

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पीछे रमना गांव के लोग करीब दो महीने से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव के लोगों ने यह फैसला लिया है कि अगर गांव की बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी तो 19 मई को वह मतदान का बहिष्कार करेंगे. हाथों में तख्तियां लिए इस कड़ी धूप में गांव के लोग धरने पर बैठ गए है. 'बिजली नहीं तो वोट नहीं', 'नो पावर नो वोट' ऐसे स्लोगन के साथ सैकड़ों की संख्या में गांव वाले धरने पर बैठे हैं.

बिजली की समस्या से 2 महीने से परेशान हैं ग्रामीण.

क्या कहते हैं प्रधानपति अमित पटेल

  • हम लोग पिछले 2 महीने से पावर कट और लो वोल्टेज से परेशान हैं.
  • हमारे यहां सब्जी की खेती होती है और पूरे बनारस में यहीं से सब्जी जाती है.
  • जिस तरह गर्मी पड़ रही है, अगर सब्जियों को समय पर पानी नहीं मिला तो वह नष्ट हो जाएंगी.


  • आज बिजली विभाग के कुछ अधिकारी हमसे मिलने आए.
  • उन्होंने 24 घंटे का समय मांगा है जिस पर हमने उन्हें 48 घंटे का समय दिया है.
  • अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम सब लोग वोट नहीं देंगे.
  • हमारा साफ कहना है बिजली नहीं तो वोट नहीं.

रमना गांव में कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. आज हम लोग वहां गए. गांव की दो समस्याएं मुख्य हैं एक लो वोल्टेज समस्या है और दूसरी ट्रिपिंग की समस्या है. हम दोनों समस्याओं का निराकरण करेंगे. इसके लिए गांव वालों ने हमें 48 घंटे का समय दिया है. हम इस समय में अपना कार्य पूरा कर देंगे.

राजेंद्र प्रसाद पटेल, अधिशासी अभियंता.

वाराणसी: काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पीछे रमना गांव के लोग करीब दो महीने से बिजली की समस्या से जूझ रहे हैं. गांव के लोगों ने यह फैसला लिया है कि अगर गांव की बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी तो 19 मई को वह मतदान का बहिष्कार करेंगे. हाथों में तख्तियां लिए इस कड़ी धूप में गांव के लोग धरने पर बैठ गए है. 'बिजली नहीं तो वोट नहीं', 'नो पावर नो वोट' ऐसे स्लोगन के साथ सैकड़ों की संख्या में गांव वाले धरने पर बैठे हैं.

बिजली की समस्या से 2 महीने से परेशान हैं ग्रामीण.

क्या कहते हैं प्रधानपति अमित पटेल

  • हम लोग पिछले 2 महीने से पावर कट और लो वोल्टेज से परेशान हैं.
  • हमारे यहां सब्जी की खेती होती है और पूरे बनारस में यहीं से सब्जी जाती है.
  • जिस तरह गर्मी पड़ रही है, अगर सब्जियों को समय पर पानी नहीं मिला तो वह नष्ट हो जाएंगी.


  • आज बिजली विभाग के कुछ अधिकारी हमसे मिलने आए.
  • उन्होंने 24 घंटे का समय मांगा है जिस पर हमने उन्हें 48 घंटे का समय दिया है.
  • अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम सब लोग वोट नहीं देंगे.
  • हमारा साफ कहना है बिजली नहीं तो वोट नहीं.

रमना गांव में कुछ लोग प्रदर्शन कर रहे थे. आज हम लोग वहां गए. गांव की दो समस्याएं मुख्य हैं एक लो वोल्टेज समस्या है और दूसरी ट्रिपिंग की समस्या है. हम दोनों समस्याओं का निराकरण करेंगे. इसके लिए गांव वालों ने हमें 48 घंटे का समय दिया है. हम इस समय में अपना कार्य पूरा कर देंगे.

राजेंद्र प्रसाद पटेल, अधिशासी अभियंता.

Intro:लोकसभा चुनाव 2019 अपने अंतिम चरण पर है ऐसे में देश के विभिन्न पार्टियां अपने पक्ष में वोट करने के लिए कैंपेनिंग से लेकर मंदिर और मस्जिद का सहारा ले रहे हैं 19 अप्रैल को अंतिम चरण में पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र में मतदान होना है ऐसे में विभिन्न सामाजिक संस्थाएं और सरकार ज्यादा से ज्यादा मतदान करने के लिए लोगों को प्रेरित कर रही है लेकिन वाराणसी में ग्रामीण क्षेत्रों का हाल आज भी बुरा है कई ग्रामीण क्षेत्रों में रोड नहीं तो वोट नहीं सड़क नहीं तो मतदान नहीं के बैनर लगाएं नया मामला है।


Body:एशिया के सबसे बड़े भूभाग वाले विश्वविद्यालय काशी हिंदू विश्वविद्यालय के पीछे रमना गांव इस गांव को वर्ष 2010 में निर्मली करण के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार भी मिल चुका है इस गांव के लोग बिजली व्यवस्था से पिछले लगभग 2 महीने से पूरी तरह त्रस्त है गांव में रहने वालों प्रधान के साथ मिलकर यह निर्णय लिया अगर हमारे गांव की बिजली व्यवस्था नहीं सुधरी तो 19 अप्रैल को हम लोग वोट नहीं देंगे हाथों में तख्तियां लिए इस कड़ी धूप में गांव के लोग धरने पर बैठ गए दुकानों में भी पोस्टर लगा दिया कि बिजली नहीं तो वोट नहीं नो पावर नो वोट ऐसे स्लोगन के साथ सैकड़ों की संख्या में गांव वाले धरने पर बैठे है।


Conclusion:प्रधान पति अमित पटेल का कहना है कि हम लोग पिछले लगभग 2 महीने से पावर कट और लो वोल्टेज से परेशान हैं हमारा गांव एशिया के सबसे बड़े भूभाग वाले विश्वविद्यालय बीएचयू के पीछे हैं हमारे यहां सब्जी की खेती होती है और पूरे बनारस में यही से सब्जी जाती है जिस तरह गर्मी पड़ रही है अगर सब्जियों को समय पर पानी नहीं मिला तो वह नष्ट हो जाएंगे हमारे बहुत सी सब्जियां नष्ट हो गई हैं हमने कई बार अधिकारियों से मिला लेकिन वह सुन नहीं रहे हैं इसीलिए हम लोगों दो दिन से धरने पर बैठे हैं आज बिजली विभाग के कुछ अधिकारी हमसे मिलने उन्होंने 24 घंटे का समय मांगा है जिस पर हमने उन्हें 48 घंटे का समय दिया है अगर हमारी मांग पूरी नहीं होती है तो हम सब गांव वाले बिजली व्यवस्था हमारे यहां की ठीक नहीं होती है तो हम लोग वोट नहीं देंगे हमारा साफ कहना है बिजली नहीं तो वोट नही

इंजीनियर राजेंद्र प्रसाद पटेल अधिशासी अभियंता विद्युत वितरण खंड द्वितीय वाराणसी ने बताया रमना गांव में कुछ लोग वहां प्रदर्शन कर रहे थे आज हम लोग वहां गए जहां पर हमने जाना गांव पर दो समस्याएं मेन है एक लो वोल्टेज समस्या है। ट्रिपिंग की समस्या है। लो वोल्टेज समस्या के लिए हम गांव की लाइट को डाफि से जोड़ देंगे जिससे लोग वोल्टेज समस्या खत्म हो जाएगी। और दूसरी जो ट्रिपिंग की समस्या है जो पेड़ों से आ रहा है हम उसे जल्द ही निराकरण करेंगे जिसके लिए गांव वालों ने हमें 48 घंटे का समय दिया है हम इस समय में अपना कार्य पूरा कर देंगे।

शार्ट के साथ भेजा हूं फिर से।
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