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महाराजगंज: 'पुल नहीं तो वोट नहीं', ग्रामीणों ने किया लोकसभा चुनाव का बहिष्कार - maharajganj news

लोकसभा चुनाव की तारीखों का एलान होने के बाद सभी पार्टियां जनता को लुभाने के प्रयास में जुट गई हैं. वहीं जनता ने नेताओं के चुनावी जुमले और वादों को दरकिनार करते हुए लोकसभा चुनाव के बहिष्कार करने का मन बना लिया है. महाराजगंज जनपद के सदर क्षेत्र के गंगराई गांव के ग्रामीणों ने पुल नहीं तो वोट नहीं नारे बुलंद कर चुनाव के बहिष्कार का एलान किया है.

पुल नहीं तो वोट नहीं
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Published : Apr 8, 2019, 1:37 PM IST

महाराजगंज: जनपद के सदर क्षेत्र के गंगराई गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला किया है. यहां पिछले 1 साल से नहर पर बना पुल टूट हुआ है, जिससे ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने में काफी असुविधा होती है. इतना ही नहीं यह पुल आस-पास के गांवों को भी जिला मुख्यालय से जोड़ता है.

एक साल से टूटा पड़ा है पुल.

स्थानीय नागरिकों ने इसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन से की, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी किसी ने इसकी सुधि नहीं ली, जिससे पुल अभी तक नहीं बन पाया. इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. गांव वालों का कहना है कि वह अपने गांव में किसी भी राजनीतिक पार्टी को प्रचार-प्रसार नहीं करने देंगे और न ही गांव में आने देंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव से जिला मुख्यालय जाने का एकमात्र रास्ता है जो इस पुल से जाता है. अब वह भी टूट गया है. इसकी शिकायत कई बार नेताओं और प्रशासन से की गई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे ग्रामीणों को नहर में से होकर जाना पड़ता है. स्कूली बच्चों को और दिक्कत का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात में उठानी पड़ती है, क्योंकि नहर में पानी आ जाता है. इससे नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का पोस्टर लगाते हुए पूरे गांव में रैली निकाली. ग्रामीणों का कहना है कि पुल नहीं तो वोट नहीं.

महाराजगंज: जनपद के सदर क्षेत्र के गंगराई गांव के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का फैसला किया है. यहां पिछले 1 साल से नहर पर बना पुल टूट हुआ है, जिससे ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने में काफी असुविधा होती है. इतना ही नहीं यह पुल आस-पास के गांवों को भी जिला मुख्यालय से जोड़ता है.

एक साल से टूटा पड़ा है पुल.

स्थानीय नागरिकों ने इसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन से की, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी किसी ने इसकी सुधि नहीं ली, जिससे पुल अभी तक नहीं बन पाया. इससे नाराज होकर ग्रामीणों ने बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव का बहिष्कार कर दिया है. गांव वालों का कहना है कि वह अपने गांव में किसी भी राजनीतिक पार्टी को प्रचार-प्रसार नहीं करने देंगे और न ही गांव में आने देंगे.

ग्रामीणों का कहना है कि उनके गांव से जिला मुख्यालय जाने का एकमात्र रास्ता है जो इस पुल से जाता है. अब वह भी टूट गया है. इसकी शिकायत कई बार नेताओं और प्रशासन से की गई, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई. इससे ग्रामीणों को नहर में से होकर जाना पड़ता है. स्कूली बच्चों को और दिक्कत का सामना करना पड़ता है. सबसे ज्यादा दिक्कत बरसात में उठानी पड़ती है, क्योंकि नहर में पानी आ जाता है. इससे नाराज ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का पोस्टर लगाते हुए पूरे गांव में रैली निकाली. ग्रामीणों का कहना है कि पुल नहीं तो वोट नहीं.

Intro:लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही नेता चुनावी जुमले जनता को लुभाने के लिए मंचों से ऐलान कर रहे हैं तो वही जनता भी नेता की चुनावी जुमले और वादों को दरकिनार करते हुए आगामी लोकसभा 2019 के चुनाव का बहिष्कार करने का मन बना लिया जी हां यह पूरा मामला उत्तर प्रदेश के महाराजगंज जनपद के सदर क्षेत्र के गंगराई गांव का है जहां पिछले लगभग 1 साल से नहर पर यह बना पुल टूट गया है जिससे ग्रामीणों को जिला मुख्यालय जाने में काफी असुविधा होती है इतना ही नहीं यह पुल आसपास के गांवों को भी जिला मुख्यालय से जोड़ता है स्थानीय नागरिकों ने इसकी शिकायत कई बार जिला प्रशासन से किए लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी कोई इसका शुद्ध नहीं लिया और पुल अभी तक नहीं बन पाया जिसके बाद गांव वालों ने एक बैठक कर आगामी लोकसभा चुनाव 2019 में वोट न देने का मन बना लिया और मतदान का बहिष्कार कर दिया वही गांव वालों का कहना है कि वह अपने गांव में किसी भी राजनीतिक पार्टी को प्रचार-प्रसार नहीं करने देंगे और ना ही गांव में आने देंगे


Body:पिछले 1 साल से टूटा हुआ पुल में बनने से दुखी महाराजगंज का एक गांव के ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का ऐलान कर दिया है उनका कहना है कि उनके गांव से जिला मुख्यालय जाने का एकमात्र रास्ता जो इस पुल से जाता है और अब वह भी टूट गया है जिसकी शिकायत कई बार नेताओं और प्रशासन से किए लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई जिससे आज ग्रामीणों को नहर में से होकर जाना पड़ता है


Conclusion:स्कूली बच्चों को और दिक्कत का सामना करना पड़ता है जिससे ज्यादा दिक्कत बरसात में उठाना पड़ता है क्योंकि नहर में पानी आ जाता है जिससे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है ग्रामीणों का कहना है कि गांव से मुख्यालय जाने का एकमात्र रास्ता जो यह पुल है उसके टूटने की वजह से गांव वालों ने गांव में एक बैठक कर 2019 के लोकसभा चुनाव का बहिष्कार करने का पोस्टर लगाते हुए पूरे गांव में रैली निकाली ग्रामीणों का कहना है कि पुल नहीं तो वोट नहीं और आगामी लोकसभा चुनाव 2019 का बहिष्कार करते हुए व किसी भी राजनीतिक पार्टी को प्रचार-प्रसार ने करने से रोकने की मन बना लिया और लोगों को भी बताया कि पुल नहीं तो वोट नहीं।

बाईट- 1 आफताब आलम ग्रामीण
बाईट- 2 सिमिर्ता देवी ग्रामीण

रिपोर्ट। जियाउद्दीन, 9628261129
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