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वैक्सीन की समस्या से जूझ रहा जिला चिकित्सालय - vaccine

बाराबंकी के अस्पतालों में इन दिनों रेबीज के वैक्सीन की अनुउपलब्धता है. जिसके कारण पालतू जानवरों द्वारा काटे गए कई मरीजों पर मौत का खतरा मंडरा रहा है. वहीं स्वास्थ्य विभाग इस ओर आंखे मूंदे हुए है.

जिला चिकित्सालय में रेबीज के वैक्सीन की कमी.
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Published : Feb 20, 2019, 3:40 PM IST

बाराबंकी: जिले में आयदिन पालतू जानवरों के काटने से भारी संख्या में लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है. जिससे परेशान लोग अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं. हैरानी कि बात यह है की शहर में बने सभी अस्पताल एकमात्र शो-पीस बनकर रह गए है. यहां इस गंभीर गंभीर समस्या के निजात के लिए वैक्सीन ही नहीं है. जिससे लोगोx को बाहर से मंहगे दामों पर वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है.

जिला चिकित्सालय में रेबीज के वैक्सीन की कमी.

बता दें पूरे जिले में सीएमएस से ही वैक्सीन की सप्लाई होती है. ऐसे में सीएमएस में लगभग एक महीने से रेबीज के लिए वैक्सीन उपलब्ध न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है. पूरे जिले की बात की जाए तो कुत्ते और बंदरों के काटने के ऐसे कई मरीज हैं, जो अस्पतालों में वैक्सीन न मिलने से बहुत परेशान है. वहीं जब इस बारे में जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एस के सिंह से पूछा गया तो, उन्होंने बात को टालते हुए वैक्सीन को हाल फिलहाल में खत्म होने की बात कही है.

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जिला चिकित्सालय में इस प्रकार से वैक्सीन का खत्म होना और पूरे जिले में रेबीज वैक्सीन की अनुपलब्धता होना एक गंभीर समस्या है. इससे अगर समय रहते निजात नहीं पाई गया तो आने वाले समय में परिस्थितियां बिगड़ सकती हैं और रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आने से मरीजों को अपनी जान से भी हाथ होना पड़ सकता है.

बाराबंकी: जिले में आयदिन पालतू जानवरों के काटने से भारी संख्या में लोगों के घायल होने की बात सामने आ रही है. जिससे परेशान लोग अस्पतालों की ओर रूख कर रहे हैं. हैरानी कि बात यह है की शहर में बने सभी अस्पताल एकमात्र शो-पीस बनकर रह गए है. यहां इस गंभीर गंभीर समस्या के निजात के लिए वैक्सीन ही नहीं है. जिससे लोगोx को बाहर से मंहगे दामों पर वैक्सीन खरीदनी पड़ रही है.

जिला चिकित्सालय में रेबीज के वैक्सीन की कमी.

बता दें पूरे जिले में सीएमएस से ही वैक्सीन की सप्लाई होती है. ऐसे में सीएमएस में लगभग एक महीने से रेबीज के लिए वैक्सीन उपलब्ध न होना स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को दर्शाता है. पूरे जिले की बात की जाए तो कुत्ते और बंदरों के काटने के ऐसे कई मरीज हैं, जो अस्पतालों में वैक्सीन न मिलने से बहुत परेशान है. वहीं जब इस बारे में जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ. एस के सिंह से पूछा गया तो, उन्होंने बात को टालते हुए वैक्सीन को हाल फिलहाल में खत्म होने की बात कही है.

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जिला चिकित्सालय में इस प्रकार से वैक्सीन का खत्म होना और पूरे जिले में रेबीज वैक्सीन की अनुपलब्धता होना एक गंभीर समस्या है. इससे अगर समय रहते निजात नहीं पाई गया तो आने वाले समय में परिस्थितियां बिगड़ सकती हैं और रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आने से मरीजों को अपनी जान से भी हाथ होना पड़ सकता है.

Intro: पिछले कुछ दिनों से बाराबंकी जिला वैक्सिंग की समस्या से जूझ रहा है और इसी बात को लेकर आज हम पहुंचे रफी अहमद किदवई जिला चिकित्सालय में तो अलग अलग जानवरों के काटने से घायल लगभग 16 मरीज 11:30 बजे तक पहुंच चुके थे,
इस बात की जानकारी हमें चिकित्सालय के सर्जन डॉक्टर एस बी सिंह ने बताया कि 72 मरीजों में से 16 मरीज जानवरों के काटने से यहां पर पहुंचे जिसमें अधिकतम मरीजों को कुत्ते ने काटा है
लेकिन समस्या यह है कि पिछले कुछ दिनों से अस्पताल में वैक्सीन ना होने के कारण मरीजों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और उन्हें वैक्सीन बाहर से खरीदनी पड़ रही है.


Body: जिला चिकित्सालय के अधीक्षक डॉ एस के सिंह से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया कि 19 तारीख तक यानी कि कल तक चिकित्सालय में वैक्सीन उपलब्ध थी और आज अर्थात 20 फरवरी 2019 को वैक्सीन खत्म हुई है उनके दावों में कितना सच है यह तो हमें नहीं पता लेकिन इतना जरूर है कि मरीजों के साथ उनकी जान के साथ जिला प्रशासन खिलवाड़ तो जरूर कर रहा है.।
कमोबेश यही हाल पूरे जिले का है सीएमएस में लगभग 1 महीने से रेबीज के लिए वैक्सीन उपलब्ध नहीं है और यहां ध्यान देने की बात यह है कि पूरे जिले में सीएमएस से ही वैक्सीन की सप्लाई होती है जब सीएमएस में ही 1 महीने से वैक्सीन नहीं है तो फिर जिले के अन्य अस्पतालों में वैक्सीन कहां से होगी यह बात सोचने वाली है।
जिला चिकित्सालय में इस प्रकार से वैक्सीन का खत्म होना और पूरे जिले में रेबीज वैक्सीन की अनुपलब्धता एक बात तो साफ है कि इतने ढेर सारे मरीजों के होने के बाद भी वैक्सीन ना होना गंभीर समस्या है और इससे अगर समय रहते निजात नहीं पाई गई तो आने वाले समय में परिस्थितियां बिगड़ सकती हैं


Conclusion:जिला चिकित्सालय में इस प्रकार से वैक्सीन का ना होना समस्या को निमंत्रण तो दे ही रहा है साथ ही साथ प्रशासनिक लापरवाही को भी उजागर कर रहा है। जिन लोगों को कुत्तों अथवा बंदरों ने काटा है उनमें16 मरीजों में से 12 मरीज छोटे बच्चे हैं और इस प्रकार से वैक्सीन उपलब्ध होना बच्चों की जान से खिलवाड़ है और इस पर प्रशासन को जल्दी से जल्दी कदम उठाने चाहिए ताकि वैक्सीन की समस्या से निजात पाया जा सके ।
अगर इतनी देरी के बाद भी समय रहते वैक्सीन की समस्या को खत्म नहीं किया गया और वैक्सीन को उपलब्ध नहीं कराया गया तो रेबीज जैसी जानलेवा बीमारी की गिरफ्त में आने से मरीजों को अपनी जान से भी हाथ होना पड़ सकता है।


Bite - 1- सर्जन डॉक्टर SB Singh.

2- चिकित्सा अधीक्षक ( रफी अहमद किदवई स्मारक जिला चिकित्सालय बाराबंकी) डॉ एस के सिंह
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