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बिना ओटी के चल रहा जौनपुर का ट्रामा सेंटर, डॉक्टर भी रहते हैं नदारद - जौनपुर ट्रामा सेंटर

जनपद में स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया है, लेकिन इसमें केवल सामान्य मरीजों के इलाज की सुविधा है. यहां ट्रामा के लिए जरूरी एक्स-रे, सीटी स्कैन और ओ.टी. जैसी सुविधाएं भी मौजूद नहीं है. यह नहीं दिन के 2 बजे के बाद ट्रामा सेंटर से डॉक्टर भी नदरद रहते हैं.

ट्रामा सेंटर में जरूरी सुविधाएं नदारद
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Published : Jun 27, 2019, 1:34 PM IST

जौनपुर: पूरे प्रदेश में 27 ट्रामा सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें जौनपुर का ट्रामा सेंटर भी शामिल है. ट्रामा सेंटर की स्थापना सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों के तुरंत इलाज के लिए की गई थी. बनारस हाईवे पर हौज में स्थित ट्रामा सेंटर में भारी भरकम स्टाफ तो तैनात किया गया है लेकिन ट्रॉमा के लिए जरूरी सुविधाएं नदारद हैं. इस ट्रॉमा सेंटर में एक्स-रे, सीटी स्कैन और ओटी जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं जबकि यह सुविधाएं ट्रॉमा में मरीजों के इलाज के लिए जरूरी होती हैं. यहां केवल सामान्य ओपीडी मरीजों का इलाज होता है.

ट्रामा सेंटर में जरूरी सुविधाएं नदारद

ट्रामा सेंटर बना मजाक

  • जौनपुर में स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से भले ही ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया है लेकिन ट्रामा के लिए जरुरी सुविधाओें का यहां आभाव है.
  • यहां ट्रामा के लिए जरूरी एक्स-रे, सीटी स्कैन और ओ टी जैसी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं.
  • इस ट्रामा सेंटर में 32 लोगों के स्टाफ के बावजूद प्रतिदिन लगभग 20 से 25 मरीज ही आते हैं.
  • वही यहां पर दोपहर 2:00 बजे के बाद कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिलता है जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

जौनपुर: पूरे प्रदेश में 27 ट्रामा सेंटर बनाए गए हैं, जिनमें जौनपुर का ट्रामा सेंटर भी शामिल है. ट्रामा सेंटर की स्थापना सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों के तुरंत इलाज के लिए की गई थी. बनारस हाईवे पर हौज में स्थित ट्रामा सेंटर में भारी भरकम स्टाफ तो तैनात किया गया है लेकिन ट्रॉमा के लिए जरूरी सुविधाएं नदारद हैं. इस ट्रॉमा सेंटर में एक्स-रे, सीटी स्कैन और ओटी जैसी सुविधाएं भी नहीं हैं जबकि यह सुविधाएं ट्रॉमा में मरीजों के इलाज के लिए जरूरी होती हैं. यहां केवल सामान्य ओपीडी मरीजों का इलाज होता है.

ट्रामा सेंटर में जरूरी सुविधाएं नदारद

ट्रामा सेंटर बना मजाक

  • जौनपुर में स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से भले ही ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया है लेकिन ट्रामा के लिए जरुरी सुविधाओें का यहां आभाव है.
  • यहां ट्रामा के लिए जरूरी एक्स-रे, सीटी स्कैन और ओ टी जैसी सुविधाएं तक उपलब्ध नहीं हैं.
  • इस ट्रामा सेंटर में 32 लोगों के स्टाफ के बावजूद प्रतिदिन लगभग 20 से 25 मरीज ही आते हैं.
  • वही यहां पर दोपहर 2:00 बजे के बाद कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिलता है जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस पर लाखों रुपये खर्च किए जा रहे हैं.
Intro:जौनपुर।। पूरे प्रदेश में 27 ट्रामा सेंटर बनाए गए हैं जिनमें जौनपुर का ट्रामा सेंटर भी शामिल है। ट्रामा सेंटर की स्थापना सड़क दुर्घटना में घायल मरीजों के तुरंत इलाज के लिए की गई है लेकिन जौनपुर का ट्रामा सेंटर एक मजाक बना हुआ है। बनारस हाईवे पर हौज में स्थापित ट्रामा सेंटर में भारी भरकम स्टाफ तो तैनात किया गया है लेकिन ट्रॉमा के लिए जरूरी सुविधाएं नदारद है । इस ट्रॉमा सेंटर में एक्सरे, सीटी स्कैन और ओ,टी जैसी सुविधाएं नहीं है जबकि यह सुविधाएं ट्रॉमा के मरीजों के इलाज के लिए जरूरी होती है । यहां केवल सामान्य ओपीडी मरीजों का इलाज होता है।


Body:वीओ।। जौनपुर जनपद के स्वास्थ्य विभाग के सौजन्य से ट्रामा सेंटर का निर्माण किया गया है लेकिन यह ट्रामा सेंटर में केवल सामान मरीजों की इलाज की सुविधा है जबकि यहां पर 32 लोगों की भारी-भरकम स्टाफ भी तैनात किया गया। यहां स्टाफ के मुकाबले सामान्य मरीज भी नहीं आते हैं। यहां ट्रामा के लिए जरूरी एक्सरे , सीटी स्कैन और ओ टी जैसी सुविधाएं भी मौजूद नहीं है। यहां के डॉक्टर खुद महसूस करते हैं कि ट्रामा सेंटर के लिए जो भी सुविधाएं होनी चाहिए वह यहां पर नहीं है।

जौनपुर के इस ट्रामा सेंटर में प्रतिदिन लगभग 20 से 25 मरीज ही आते हैं वही यहां पर दोपहर 2:00 बजे के बाद कोई भी डॉक्टर मौजूद नहीं मिलता है जबकि स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इस ट्रामा सेंटर पर कई लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं।


Conclusion:बाइट- डॉ आर के रावत- अधीक्षक ट्रामा सेंटर

पीटीसी


Dharmendra singh
jaunpur
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