संत कबीरनगर: जिले के सेमरियावां ब्लॉक स्थित बुद्धा कला गांव में स्वच्छ भारत मिशन अभियान की धज्जियां उड़ाई जा रही है. जहां लाखों रुपए की लागत से बना सामुदायिक शौचालय पूरी तरह से बदहाली के कगार पर पहुंच चुका है. वहीं निर्माण के कई सालों बाद भी सामुदायिक शौचालय का ताला न खुलने से स्थानीय लोगों को खुले में शौच के लिए जाना पड़ रहा है.
सालों से बने इस सामुदायिक शौचालय के न खुलने से शौचालय का भवन पूरी तरह से जर्जर हो चुका है. आलम ये है कि इसमें लगे संसाधन भी अब धीरे-धीरे गायब होते दिखाई दे रहे हैं. स्थानीय लोगों के कई बार शिकायत करने के बावजूद विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस ओर ध्यान देने की जहमत नहीं उठा रहे हैं.
बता दें खुले में बीते साल शौच जाते समय सड़क दुर्घटना में दो महिलाओं की मौत हो गई थी. जिसको देखते हुए तत्कालीन जिलाधिकारी सरोज कुमार ने इस गांव में सामुदायिक शौचालय कांप्लेक्स के निर्माण का आदेश दिया था. जिसके बाद इस गांव में सामुदायिक शौचालय कांप्लेक्स का निर्माण करवाया गया था. लेकिन निर्माण के 10 साल बीत जाने के बाद भी इस भवन का एक बार भी ताला नहीं खुला है.
ग्रामीणों का कहना है कि सामुदायिक शौचालय कांप्लेक्स का ताला न खुलने से उनके परिवार आज भी खुले में शौच जाने के लिए मजबूर हैं, लेकिन ग्राम पंचायत और जिम्मेदार अधिकारी इस भवन का न तो ताला खुलवा रहे हैं और न ही इस बदहाल सामुदायिक शौचालय को ठीक करा रहे हैं.