लखनऊ: लोकसभा चुनाव के दौरान चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने वाले नेताओं की एक बड़ी जमात है. आचार संहिता उल्लंघन करने वालों में बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं का नाम शुमार है. सवाल उठता है कि इन नेताओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई नहीं हो सकती जो अन्य लोगों के लिए नजीर बन सके. आइए नजर डालते है कुछ कद्दावर नेताओं पर जिन पर इस बार आचार संहिता उल्लंघन करने का आरोप लगा है.
आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने में उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और मौजूदा समय में राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह का नाम भी शामिल है. वह चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पक्ष में बोलते हुए कैमरे में कैद हो गए. कल्याण सिंह ने कहा था कि देश की जरूरत है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर प्रधानमंत्री बनें. इसके बाद उनकी शिकायत निर्वाचन आयोग में की गई. जिस पर आयोग ने उनसे स्पष्टीकरण मांगा और राष्ट्रपति के पास अपनी रिपोर्ट भेज दी है.
वहीं सपा के कद्दावर नेता और विवादित बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले आजम खां पर भी आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का मामला चल रहा है. शिकायत की गई थी कि आजम खां ने मंच से भाषण के दौरान अभिनेत्री व भाजपा प्रत्याशी जया प्रदा पर विवादित टिप्पणी की है. उन्होंने अपशब्दों का प्रयोग किया है. आयोग ने रामपुर जिला अधिकारी से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी थी. इसके अलावा आजम खां के खिलाफ रामपुर में एफआईआर भी दर्ज की गई है.
उत्तर प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर के खिलाफ भी आयोग में शिकायत हुई है. राज बब्बर के खिलाफ बयानबाजी को लेकर तो नहीं है लेकिन उनके काफिले में वाहनों की संख्या पर सवाल खड़े हुए हैं. उन पर आरोप है कि तय संख्या से अधिक उनके काफिले में वाहन देखे गए हैं. चुनावी खर्च पर नकेल कसने के लिए आयोग ने हर प्रत्याशी के लिए एक मापदंड तय कर रखा है, जिसके मुताबिक ही प्रत्याशी वाहन, पोस्टर, बैनर व अन्य खर्चों को कर सकता है.
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री गठबंधन की नेता मायावती सहारनपुर की रैली में मुस्लिम शब्द का प्रयोग कर आचार संहिता का उल्लंघन किया है. उन्होंने कहा कि मुस्लिम लोगों को यह समझ लेना चाहिए कि कांग्रेस बीजेपी को नहीं हरा सकती. इसलिए मुस्लिम मतदाता गठबंधन को वोट करें, ताकि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को कुर्सी से हटाया जा सके. उनकी इसी बात का संज्ञान लेते हुए निर्वाचन आयोग ने जिला प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है.
वहीं इस सब मामलों पर वरिष्ठ पत्रकार विजय शंकर पंकज कहते हैं कि आदर्श चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन की छोटी मोटी घटनाओं से आयोग तो किनारा कर लेता है. लेकिन जब बड़ी घटनाएं होती हैं तो उसमें आयोग कार्रवाई करता है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने अपने बेटे के लिए चुनाव प्रचार किया था. इसके बाद मामले की शिकायत हुई. आयोग ने गंभीरता से लिया और उन्हें त्यागपत्र देना पड़ा.
उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह की स्थिति लगभग वही है. आयोग ने राष्ट्रपति को लिख दिया है, राष्ट्रपति के यहां से गृह मंत्रालय को भेज दिया गया. अब यह गृह मंत्रालय पर है कि कितने दिन तक वह इसे रोक के रखता है. नियमतः उनके खिलाफ कार्रवाई हो जानी चाहिए. राज्यपाल कल्याण सिंह के पास त्यागपत्र देने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है.
वहीं भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो बाजपेई का कहना है की भाजपा हो या किसी भी दल का नेता उसे आदर्श चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं करना चाहिए.