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लखनऊ: तेजस को नहीं मिले यात्री, 14 नवंबर को निरस्त

देश की पहली कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन तेजस एक्सप्रेस को 14 नवंबर को निरस्त कर दिया गया है. यह फैसला यात्रियों के न मिलने के चलते लिया गया है.

tejas express cancelled on 14 november
तेजस एक्सप्रेस निरस्त.
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Published : Nov 5, 2020, 3:43 PM IST

लखनऊ: देश के कॉरपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस का तेज अब कम होता दिख रहा है. दरअसल यात्री न मिलने के चलते 14 नवंबर को तेजस को निरस्त कर दिया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब यात्रियों के अभाव में आईआरसीटीसी को तेजस एक्सप्रेस को निरस्त करना पड़ा है.

दरअसल, कोरोना के बाद 17 अक्टूबर से तेजस एक्सप्रेस का संचालन शुरू हुआ था, लेकिन पहली बार इस ट्रेन को 14 नवंबर को यात्री हीं नहीं मिले, जिसके कारण ट्रेन को निरस्त करना पड़ रहा है. वहीं इस ट्रेन में 12 और 13 नवंबर को वेटिंग है. बतादें कि तेजस विमानों जैसी सुविधाओं वाली देश की पहली कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन है.

खाली पड़ी हैं सीटें
बता दें, कंप्लीमेंट्री खाना देने पर भी नई दिल्ली से लखनऊ के लिए तेजस एक्सप्रेस की चेयरकार में 15 नवंबर को 598, 16 को 631, 18 नवंबर को 662 और 19 नवंबर को 670 सीटें खाली चल रही हैं. वहीं कुछ ऐसा ही हाल एग्जीक्यूटिव क्लास का भी है, जहां ट्रेन में 15 नवंबर को 45 और 16 नवंबर को 47 सीटें खाली चल रही हैं. इसी तरह 18 और 19 नवंबर को 54 सीटें खाली पड़ी हुई हैं.

अधिकारी की होती है तैनाती
मिली जानकारी के अनुसार, आईआरसीटीसी पहले ही तेजस एक्सप्रेस का एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) घटा चुका है, जिसे अब 10 दिन का रखा गया है. अगर डिमांड कम हुई तो तेजस के संचालन पर इसका असर पड़ सकता है. आईआरसीटीसी इस ट्रेन को आगे भी रद्द कर सकता है. पिछले साल अक्टूबर को नवरात्रि पर तेजस को लखनऊ से रवाना किया गया था. यह पहली ट्रेन है, जिस पर रेलवे का सीधा नियंत्रण नहीं है. ट्रेन को प्राथमिकता पर चलाने के लिए हर कंट्रोल रूम में एक अधिकारी की तैनाती की जाती है. इसके साथ ही ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा देने की भी व्यवस्था है.

लखनऊ: देश के कॉरपोरेट सेक्टर की पहली ट्रेन तेजस एक्सप्रेस का तेज अब कम होता दिख रहा है. दरअसल यात्री न मिलने के चलते 14 नवंबर को तेजस को निरस्त कर दिया गया है. ऐसा पहली बार हुआ है, जब यात्रियों के अभाव में आईआरसीटीसी को तेजस एक्सप्रेस को निरस्त करना पड़ा है.

दरअसल, कोरोना के बाद 17 अक्टूबर से तेजस एक्सप्रेस का संचालन शुरू हुआ था, लेकिन पहली बार इस ट्रेन को 14 नवंबर को यात्री हीं नहीं मिले, जिसके कारण ट्रेन को निरस्त करना पड़ रहा है. वहीं इस ट्रेन में 12 और 13 नवंबर को वेटिंग है. बतादें कि तेजस विमानों जैसी सुविधाओं वाली देश की पहली कॉरपोरेट सेक्टर की ट्रेन है.

खाली पड़ी हैं सीटें
बता दें, कंप्लीमेंट्री खाना देने पर भी नई दिल्ली से लखनऊ के लिए तेजस एक्सप्रेस की चेयरकार में 15 नवंबर को 598, 16 को 631, 18 नवंबर को 662 और 19 नवंबर को 670 सीटें खाली चल रही हैं. वहीं कुछ ऐसा ही हाल एग्जीक्यूटिव क्लास का भी है, जहां ट्रेन में 15 नवंबर को 45 और 16 नवंबर को 47 सीटें खाली चल रही हैं. इसी तरह 18 और 19 नवंबर को 54 सीटें खाली पड़ी हुई हैं.

अधिकारी की होती है तैनाती
मिली जानकारी के अनुसार, आईआरसीटीसी पहले ही तेजस एक्सप्रेस का एडवांस रिजर्वेशन पीरियड (एआरपी) घटा चुका है, जिसे अब 10 दिन का रखा गया है. अगर डिमांड कम हुई तो तेजस के संचालन पर इसका असर पड़ सकता है. आईआरसीटीसी इस ट्रेन को आगे भी रद्द कर सकता है. पिछले साल अक्टूबर को नवरात्रि पर तेजस को लखनऊ से रवाना किया गया था. यह पहली ट्रेन है, जिस पर रेलवे का सीधा नियंत्रण नहीं है. ट्रेन को प्राथमिकता पर चलाने के लिए हर कंट्रोल रूम में एक अधिकारी की तैनाती की जाती है. इसके साथ ही ट्रेन लेट होने पर यात्रियों को मुआवजा देने की भी व्यवस्था है.

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