हरदोई: जिले में हाल ही में राज्य परियोजना कार्यालय से आए आदेश के बाद कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय के शिक्षक शिक्षिकाओं की बेचैनी बढ़ गई है. विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाओं ने कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचकर जोरदार प्रदर्शन किया. शिक्षिकाओं की मानें तो नए आदेश के क्रम में कुछ विषयों की फुल टाइम शिक्षिकाओं को पार्ट टाइम शिक्षक बनाया जा रहा है और साथ ही पुरुषों को बाहर निकाला जा रहा है.
इनका कहना है कि ये सभी ओवरएज हो चुके हैं, जिन्हें अब नौकरी मिलना भी मुश्किल है. इसके चलते उनका परिवार सड़क पर आ सकता है. सरकार के नियमों के अनुसार सभी विषयों को मुख्य विषय माना जाए. मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन शिक्षक-शिक्षिकाओं ने मुख्य विकास अधिकारी के माध्यम से प्रेषित किया है.
दरअसल राज्य परियोजना कार्यालय ने एक आदेश जारी कर दिया है, जिसके तहत कुछ विषयों को मुख्य विषय और कुछ विषय को गौंड विषय के रूप में रखा गया है. वहीं पहले कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षक शिक्षिकाओं की नियुक्ति फुल टाइम टीचर और पार्ट टाइम टीचर के रूप में की गई थी, लेकिन परियोजना का निर्देश आने के बाद अब कई मुख्य विषय के शिक्षक-शिक्षिकाओं को पार्ट टाइम टीचर के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है. दरअसल ये सभी अभी तक फुल टाइम टीचर के तौर पर अपनी सेवा देते थे.
इस फेरबदल के चलते ये शिक्षक-शिक्षिकाएं परेशान हैं तो वहीं पुरुषों को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों से पार्ट टाइम टीचर के पद से हटाया जा रहा है. फुल टाइम टीचर से पार्ट टाइम टीचर बनने पर शिक्षक-शिक्षिका का वेतन भी कम हो जाएगा, जिसका सीधा भार इन पर पड़ेगा और कई शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे.
ऐसे में शिक्षक-शिक्षिकाओं का कहना है कि भारत सरकार के नियम के अनुसार सभी को एक समान माना गया है और सभी विषय मुख्य विषय के रूप में चयनित किए गए हैं. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने अलग निर्णय लिया है. ऐसे में हम सभी की मांग है कि सभी को मुख्य विषय माना जाए और फुल टाइम टीचर का दर्जा दिया जाए. विगत 12 वर्षों से हम लोग शिक्षण कार्य कर रहे हैं. ऐसे में अब हमें कोई दूसरी नौकरी भी नहीं मिलेगी, जिससे हमारा परिवार भी सड़क पर आ सकता है.