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महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बढ़नी चाहिए लोगों में जागरूकता : विमला बाथम

प्रदेश अध्यक्ष राज्य महिला आयोग विमला बाथम ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि शर्म की बात है कि महिलाओं के साथ अभी भी उत्पीड़न होता है. इसलिए जरूरी है की उनमें जागरूकता बढ़े और वह अपने अधिकारों को जाने.

प्रदेश राज्य महिला आयोग अध्यक्ष
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Published : May 6, 2019, 3:32 AM IST

लखनऊ : समाज में महिलाओं के प्रति अपराध और दिन-प्रतिदिन बढ़ती हिंसा के लिए सरकार ने कई नियम और कानून बनाए हैं. इसके तहत वह अपनी सुरक्षा और अपने लिए न्याय की मांग कर सकती है. इसी क्रम में प्रदेश राज्य महिला आयोग महिलाओं की हर तरह की परेशानियों और उनके खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति बेहद संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है.

ईटीवी भारत से विमला बाथम की खास बातचीत.

प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम के अनुसार :-

  • राज्य महिला आयोग में आने वाली हर शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाता हऔ साथ ही उनकी परेशांनियों को समझने का प्रयास किया जाता है.
  • राज्य महिला आयोग उन सभी शिकायतों को संज्ञान में लेता है जो महिलाओं से जुड़ीं होती हैं या महिलाओं के खिलाफ होती हैं.
  • ज्यादातर केस घरेलू हिंसा या पति-पत्नी के बीच झगड़े संबंधों का होता है. इनके बारे में हम उनकी काउंसलिंग भी करते हैं.
  • इसके अलावा कई बार कार्यस्थल में होने वाले उत्पीड़न या आमतौर पर हमारे पास ऐसे कैसे जा जाते हैं, जिनमें झूठा केस दर्ज करवाया गया होता है. इनका हम पता लगाते हैं और इसके बाद महिला के दोषी होने पर कार्रवाई भी करते हैं.

महिलाओं को सूचना देने के सवाल पर विमला बाथम ने कहा

  • महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी है. धीरे-धीरे यह जागरूकता बढ़ तो रही है पर अभी सिर्फ शहरी इलाकों में ही महिलाओं को पता है कि महिला आयोग जैसी कोई संस्था भी है, जो उनके हक के लिए लड़ती है.
  • ग्रामीण इलाकों में स्थिति अभी भी बेहद खराब है. महिलाओं के साथ अभी भी उत्पीड़न अधिक होता है. इसलिए जरूरी है की उनमें जागरूकता बढ़े और वह अपने अधिकारों को जानें.

लखनऊ : समाज में महिलाओं के प्रति अपराध और दिन-प्रतिदिन बढ़ती हिंसा के लिए सरकार ने कई नियम और कानून बनाए हैं. इसके तहत वह अपनी सुरक्षा और अपने लिए न्याय की मांग कर सकती है. इसी क्रम में प्रदेश राज्य महिला आयोग महिलाओं की हर तरह की परेशानियों और उनके खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति बेहद संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है.

ईटीवी भारत से विमला बाथम की खास बातचीत.

प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम के अनुसार :-

  • राज्य महिला आयोग में आने वाली हर शिकायतों का जल्द से जल्द निस्तारण किया जाता हऔ साथ ही उनकी परेशांनियों को समझने का प्रयास किया जाता है.
  • राज्य महिला आयोग उन सभी शिकायतों को संज्ञान में लेता है जो महिलाओं से जुड़ीं होती हैं या महिलाओं के खिलाफ होती हैं.
  • ज्यादातर केस घरेलू हिंसा या पति-पत्नी के बीच झगड़े संबंधों का होता है. इनके बारे में हम उनकी काउंसलिंग भी करते हैं.
  • इसके अलावा कई बार कार्यस्थल में होने वाले उत्पीड़न या आमतौर पर हमारे पास ऐसे कैसे जा जाते हैं, जिनमें झूठा केस दर्ज करवाया गया होता है. इनका हम पता लगाते हैं और इसके बाद महिला के दोषी होने पर कार्रवाई भी करते हैं.

महिलाओं को सूचना देने के सवाल पर विमला बाथम ने कहा

  • महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी है. धीरे-धीरे यह जागरूकता बढ़ तो रही है पर अभी सिर्फ शहरी इलाकों में ही महिलाओं को पता है कि महिला आयोग जैसी कोई संस्था भी है, जो उनके हक के लिए लड़ती है.
  • ग्रामीण इलाकों में स्थिति अभी भी बेहद खराब है. महिलाओं के साथ अभी भी उत्पीड़न अधिक होता है. इसलिए जरूरी है की उनमें जागरूकता बढ़े और वह अपने अधिकारों को जानें.
Intro:लखनऊ। महिलाओं के प्रति अपराध और दिन प्रतिदिन बढ़ती हिंसा के लिए सरकार ने कई ऐसे नियम और कायदे कानून बनाए हैं जिसके तहत वह अपनी सुरक्षा और अपने लिए न्याय की मांग कर सकती हैं इसी के तहत उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग महिलाओं के हर तरह की परेशानियों और उनके खिलाफ हो रहे अपराधों के प्रति बेहद संवेदनशीलता के साथ काम कर रहा है।


Body:वीओ1
उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष विमला बाथम के अनुसार राज्य महिला आयोग में आने वाली हर शिकायतों का जल्दी से जल्दी निस्तारण और महिला की परेशानी को समझने का प्रयास किया जाता है। बाथम कहती है कि राज्य महिला आयोग उन सभी शिकायतों को संज्ञान में लेता है जो महिलाओं से जुड़ी होती है या महिलाओं के खिलाफ होती हैं।

बाथरूम ने बताया कि ज्यादातर केसेस घरेलू हिंसा या पति पत्नी के बीच झगड़े संबंधों का होता है जिनके बारे में हम उनकी काउंसलिंग भी करते हैं इसके अलावा कई बार कार्यस्थल में होने वाले उत्पीड़न या आमतौर पर भी हमारे पास ऐसे कैसे जा जाते हैं जिनमें झूठा केस दर्ज करवाया गया होता है इनका हम पता लगाते हैं और इसके बाद महिला के दोषी होने पर हम उन पर भी कार्यवाही करते हैं।

महिलाओं को संदेश देने के सवाल पर बाथरूम कहती हैं कि महिलाओं में जागरूकता की काफी कमी है। धीरे-धीरे यह जागरूकता बढ़ तो रही है पर अभी सिर्फ शहरी इलाकों में ही महिलाओं को पता होता है कि महिला आयोग जैसी कोई संस्था भी है जो उनके हक के लिए लड़ती है या उनका साथ देती है। ग्रामीण इलाकों में स्थिति अभी भी बेहद खराब है और महिलाओं के साथ अभी भी उत्पीड़न अधिक होता है। इसलिए जरूरी है कि उनमें जागरूकता बढ़े और वह अपने अधिकारों को जाने।


Conclusion:राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष विमला बाथम ईटीवी भारत संवाददाता रामांशी के साथ बातचीत का वन टू वन।

रामांशी मिश्रा
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