बाराबंकी : भतीजे की असमय मौत ने एक महिला की पूरी जिंदगी ही बदल कर रख दी. महिला ने समाज के ऐसे ही बच्चों की मदद करने की ठानी और अपना जीवन इन्ही बच्चों के नाम कर दिया. पहले फिरोजाबाद फिर अलीगढ़ और अब बाराबंकी में समाजसेवी सितारा सिद्दीकी समाज के दबे-कुचले लोगों के लिए काम कर रही हैं. यही नहीं गली-गली घूमकर महिला सशक्तिकरण, बालश्रम मुक्ति और विकलांगो की मदद के लिए लोगों को जागरूक भी कर रही है.
नगर की गलियों में घूम-घूम कर बाल मजदूरों की तलाश में जुटी सितारा सिद्दीकी मूल रूप से प्रयागराज की रहने वाली हैं. सितारा पिछले एक दशक से यूं ही घूम-घूम कर दबी-कुचली महिलाओं और मजदूरी में लगे बच्चों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही हैं. जुनून की हद तक समाज सेवा का जज्बा लिए सितारा जब भी किसी बच्चे को देखती हैं भावुक हो जाती हैं.
दरअसल, सितारा के पिता गुलशन अली सरकारी नौकरी में थे , दो बड़े भाई और तीन बड़ी बहने अपने-अपने परिवारों के साथ जिंदगी गुजार रहे थे. साल 2005 में जब सितारा स्नाकोत्तर कर जिंदगी के दूसरे सपने बुन रही थीं, उसी दौरान एक हादसा हो गया. इनका भतीजा अचानक छत से गिर गया और मेंटल इलनेस का शिकार हो गया. भतीजे के इलाज में परिवार आर्थिक बदहाली का शिकार हो गया. बावजूद इसके भतीजे की मौत हो गई. इस हादसे ने सितारा को हिला कर रख दिया. उन्होंने अपने सपनों को समेट लिया और समाजसेवा करने का फैसला किया.
साल 2006 में सितारा एक संस्था चाइल्ड फंड इंडिया से जुड़ गई और फिरोजाबाद चली गई, जहां उन्होंने बाल मजदूरी में लगे बच्चों और महिलाओं के लिए काम किया. गांव-गांव घूमकर इन्होंने तमाम बाल मजदूरों को मुक्त कराया, विकलांगों की सेवा की और पीड़ित महिलाओं को जागरूक किया. इस दौरान इन्होंने बच्चो को पोलियो खुराक से लगाकर टीकाकरण के तमाम प्रोग्रामों के जरिए लोगों को जागरूक किया. साल 2012 में जब इन्हें लगा कि यहां का इनका काम पूरा हो गया है तो उन्होंने यूनिसेफ से जुड़ी एक दूसरी संस्था को ज्वाइन कर लिया और जुलाई 2012 से 18 तक अलीगढ़ की गलियों में घूम-घूम कर लोगों को जागरूक किया.
अप्रैल 2018 से इन्होंने नया सवेरा योजना के लिए काम करना शुरू किया और बाराबंकी आ गई. यहां उन्होंने वॉलिंटियर्स बनाएं और बाल मजदूरी में लगे बच्चों का चिन्हीकरण शुरू किया. इसके लिए समाज के तमाम लोगों से मदद ली. अब तक 1040 बाल मजदूर इन्होंने चिन्हित कर लिए हैं, जिन को मुक्त कराना इनका मुख्य उद्देश्य है.