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शिक्षक भर्ती में आरक्षण नियमावली का कठोरता से हो पालन: शिवपाल

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Published : May 26, 2020, 5:14 PM IST

प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने 69,000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमावली का पूरी तरह पालन करने की मांग की है. उन्होंने कहा कि, शिक्षकों की भर्ती में किसी भी नियम की अवहेलना नहीं होनी चाहिए.

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शिवपाल सिंह यादव

लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार से 69,000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमावली का कठोरता से पालन करने की मांग की.

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत प्राप्तांक के आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा 69000 पदों पर अंतिम रूप से मेरिट के आधार पर चयन होना चाहिए. साथ ही इस चयन प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का पूरी तरह पालन होना चाहिए. आरक्षण नीति के अनुसार उच्च मेरिट वाले अभ्यर्थियों की गणना सामान्य श्रेणी में की जाती है, भले वह पिछड़े वर्ग या अनुसूचित वर्ग के हों.

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शिवपाल यादव ने कहा कि किसी भी हालत में इस नियम की अवहेलना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ने कहा कि कोई भी चयन प्रक्रिया अभ्यर्थियों के लिए सुलभ, पारदर्शी व निष्पक्ष होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, चूंकि भर्ती प्रक्रिया को शुरू हुए 2 वर्ष बीत चुके हैं, बहुत से अभ्यर्थियों के फोन नंबर, पते ईमेल बदल गए हैं, ऐसे में उन्हें अपनी अब तक की जानकारी के संशोधन का मौका भी दिया जाना चाहिए.

इसके अलावा शिवपाल यादव ने कहा कि परीक्षा संपन्न कराने वाली विभिन्न संस्थाओं के प्रश्न पत्रों से लेकर उत्तर कुंजी तक में गड़बड़ी है. ऐसे में इन संस्थाओं को संशोधन का अवसर मिलता है तो अभ्यर्थियों को संशोधन का अवसर मिलना चाहिए.

लखनऊ: प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने मंगलवार को पत्रकारों से बात की. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार से 69,000 प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में आरक्षण नियमावली का कठोरता से पालन करने की मांग की.

उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय के निर्णय के अनुसार सामान्य वर्ग के लिए 65 प्रतिशत और पिछड़े वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए 60 प्रतिशत प्राप्तांक के आधार पर शिक्षा विभाग द्वारा 69000 पदों पर अंतिम रूप से मेरिट के आधार पर चयन होना चाहिए. साथ ही इस चयन प्रक्रिया में आरक्षण के नियमों का पूरी तरह पालन होना चाहिए. आरक्षण नीति के अनुसार उच्च मेरिट वाले अभ्यर्थियों की गणना सामान्य श्रेणी में की जाती है, भले वह पिछड़े वर्ग या अनुसूचित वर्ग के हों.

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शिवपाल यादव ने कहा कि किसी भी हालत में इस नियम की अवहेलना नहीं होनी चाहिए. उन्होंने ने कहा कि कोई भी चयन प्रक्रिया अभ्यर्थियों के लिए सुलभ, पारदर्शी व निष्पक्ष होनी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, चूंकि भर्ती प्रक्रिया को शुरू हुए 2 वर्ष बीत चुके हैं, बहुत से अभ्यर्थियों के फोन नंबर, पते ईमेल बदल गए हैं, ऐसे में उन्हें अपनी अब तक की जानकारी के संशोधन का मौका भी दिया जाना चाहिए.

इसके अलावा शिवपाल यादव ने कहा कि परीक्षा संपन्न कराने वाली विभिन्न संस्थाओं के प्रश्न पत्रों से लेकर उत्तर कुंजी तक में गड़बड़ी है. ऐसे में इन संस्थाओं को संशोधन का अवसर मिलता है तो अभ्यर्थियों को संशोधन का अवसर मिलना चाहिए.

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