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गैस सिलेंडर रखने पर ड्राइवर-कंडक्टर पर हुई कार्रवाई, ETV BHARAT ने अधिकारियों को किया था आगाह

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Published : May 17, 2019, 10:45 AM IST

देवीपाटन मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा ने राजधानी कैसरबाग बाग पर खड़ी बस के कंडक्टर और ड्राइवर पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें रूट ऑफ कर दिया है. दरअसल बस में ड्राइवर-कंडक्टर की रजामंदी के गैस सिलेंडर के रखने का मामला सामने आया था, जिसके बाद क्षेत्रीय प्रबंधक यह कार्रवाई की है.

थोड़े से पैसों के लालच में यात्रियों की जान से खेल रहे ड्राइवर-कंडक्टर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर-कंडक्टर थोड़े से पैसों के लालच में यात्रियों की जान से खेलने में कोताही नहीं कर रहे हैं और सिलेंडर जैसी घातक चीज को बस के अंदर रख लेते हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन पर बहराइच डिपो की बस में देखने को मिला है. जहां एक सवारी का सिलेंडर ड्राइवर-कंडक्टर की रजामंदी से बस में रखा जा रहा था. लेकिन समय रहते इसकी जानकारी रोडवेज अधिकारियों को हो गई तो सिलेंडर को बस से उतरवाया गया.

जानकारी देते संवाददाता.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • रोजवेज बसो में गैस सिलेंडरके लीक होने के चलते पहले कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं और कई यात्री जान भी गंवा चुके हैं.
  • रोडवेज प्रशासन ने बसों के अंदर गैस सिलेंडर, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, मोमबत्ती, सरसों का तेल, घी, पटाखे आदि ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रखा है और इसके लिए सख्त निर्देश भी जारी कर रखे हैं.
  • अगर कोई ड्राइवर कंडक्टर ऐसा करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
  • निगम प्रशासन के नियमों को दरकिनार कर और बिना किसी डर के रोडवेज के ड्राइवर- कंडक्टर अब भी बसों में जानलेवा सामान रख रहे हैं.
  • कैसरबाग बस स्टेशन पर बहराइच डिपो की बस यूपी नम्बर 40 टी 2674 के ड्राइवर ने कंडक्टर के साथ मिलकर एक गैस सिलेंडर को बस के अंदर रखवा लिया और बस में 45 से 50 सवारियां बैठी हुई थी.
  • जब 'ईटीवी भारत' ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद किया और अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया तो कैसरबाग बस स्टेशन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया.
  • तत्काल मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने गैस सिलेंडर को बस से नीचे उतरवाया.
  • वहीं जब इसकी जानकारी देवीपाटन मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा को दी गई तो उन्होंने बस के बहराइच पहुंचते ही ड्राइवर-कंडक्टर को रूट ऑफ कर दिया और मामले की जांच भी शुरू की गई.


बसों में किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की पूरी मनाही है, ऐसा नहीं करना चाहिए. आपके माध्यम से बस में गैस सिलिंडर रखने की जानकारी दी गई है. ड्राइवर- कंडक्टर ने यह गलत किया है. मेरा सुझाव है कि बस में किसी भी तरह के ज्वलनशील चीज गैस सिलेंडर , केरोसिन ऑयल, पेट्रोल, डीजल आदि ले जाने की अनुमति नहीं हैं. इन पदार्थों को न ले जाएं, इससे स्वयं का तो नुकसान करेंगे ही परिवहन निगम का भी बड़ा नुकसान होगा. वहीं इन ड्राइवर-कंडक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

काशी प्रसाद, बस स्टेशन मैनेजर

लखनऊ: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर-कंडक्टर थोड़े से पैसों के लालच में यात्रियों की जान से खेलने में कोताही नहीं कर रहे हैं और सिलेंडर जैसी घातक चीज को बस के अंदर रख लेते हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी के कैसरबाग बस स्टेशन पर बहराइच डिपो की बस में देखने को मिला है. जहां एक सवारी का सिलेंडर ड्राइवर-कंडक्टर की रजामंदी से बस में रखा जा रहा था. लेकिन समय रहते इसकी जानकारी रोडवेज अधिकारियों को हो गई तो सिलेंडर को बस से उतरवाया गया.

जानकारी देते संवाददाता.

जानिए क्या है पूरा मामला

  • रोजवेज बसो में गैस सिलेंडरके लीक होने के चलते पहले कई बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं और कई यात्री जान भी गंवा चुके हैं.
  • रोडवेज प्रशासन ने बसों के अंदर गैस सिलेंडर, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, मोमबत्ती, सरसों का तेल, घी, पटाखे आदि ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रखा है और इसके लिए सख्त निर्देश भी जारी कर रखे हैं.
  • अगर कोई ड्राइवर कंडक्टर ऐसा करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
  • निगम प्रशासन के नियमों को दरकिनार कर और बिना किसी डर के रोडवेज के ड्राइवर- कंडक्टर अब भी बसों में जानलेवा सामान रख रहे हैं.
  • कैसरबाग बस स्टेशन पर बहराइच डिपो की बस यूपी नम्बर 40 टी 2674 के ड्राइवर ने कंडक्टर के साथ मिलकर एक गैस सिलेंडर को बस के अंदर रखवा लिया और बस में 45 से 50 सवारियां बैठी हुई थी.
  • जब 'ईटीवी भारत' ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद किया और अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया तो कैसरबाग बस स्टेशन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया.
  • तत्काल मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने गैस सिलेंडर को बस से नीचे उतरवाया.
  • वहीं जब इसकी जानकारी देवीपाटन मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा को दी गई तो उन्होंने बस के बहराइच पहुंचते ही ड्राइवर-कंडक्टर को रूट ऑफ कर दिया और मामले की जांच भी शुरू की गई.


बसों में किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की पूरी मनाही है, ऐसा नहीं करना चाहिए. आपके माध्यम से बस में गैस सिलिंडर रखने की जानकारी दी गई है. ड्राइवर- कंडक्टर ने यह गलत किया है. मेरा सुझाव है कि बस में किसी भी तरह के ज्वलनशील चीज गैस सिलेंडर , केरोसिन ऑयल, पेट्रोल, डीजल आदि ले जाने की अनुमति नहीं हैं. इन पदार्थों को न ले जाएं, इससे स्वयं का तो नुकसान करेंगे ही परिवहन निगम का भी बड़ा नुकसान होगा. वहीं इन ड्राइवर-कंडक्टर पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

काशी प्रसाद, बस स्टेशन मैनेजर

Intro:थोड़े से पैसों के लालच में यात्रियों की जान से खेल रहे ड्राइवर-कंडक्टर, बसों से ढो रहे गैस सिलिंडर

लखनऊ। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के ड्राइवर-कंडक्टर थोड़े से पैसों के लालच में यात्रियों की जान से खेलने में कोताही नहीं कर रहे हैं। बसों में ज्वलनशील पदार्थ ले जाना मना है, बावजूद इसके ड्राइवर-कंडक्टर चंद रुपयों की खातिर गैस सिलिंडर भी बस के अंदर रख लेते हैं। प्रदेश के पहले एसी कैसरबाग बस स्टेशन से बहराइच डिपो की बस में एक सिलिंडर रखकर ड्राइवर कंडक्टर ने कई दर्जन यात्रियों की जान से खेलने का पूरा इंतजाम कर दिया था, लेकिन समय रहते इसकी जानकारी रोडवेज अधिकारियों को हो गई तो तत्काल बस से गैस सिलेंडर उतरवाया गया। 'ईटीवी भारत' के पास बस में गैस सिलेंडर रखने का एक्सक्लूसिव वीडियो होने की जानकारी होते ही देवीपाटन मंडल के आरएम ने ड्राइवर और कंडक्टर पर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है।


Body:रोडवेज में पूर्व में बस में गैस सिलिंडर के लीक होने के चलते बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं। यात्री जान भी गवां चुके हैं। रोडवेज प्रशासन ने बसों के अंदर गैस सिलिंडर, मिट्टी का तेल, पेट्रोल, मोमबत्ती, सरसों का तेल, घी, पटाखे आदि ले जाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया और सख्त निर्देश भी जारी किए कि अगर कोई ड्राइवर कंडक्टर ऐसा करते हुए पाया गया तो उस पर कड़ी कार्रवाई तय है। निगम प्रशासन के नियमों को दरकिनार कर और बिना किसी डर के रोडवेज के ड्राइवर कंडक्टर अब भी बसों में जानलेवा सामान रख रहे हैं। कैसरबाग बस स्टेशन पर बहराइच डिपो की बस यूपी 40 टी 2674 के ड्राइवर ने कंडक्टर के साथ मिलकर एक गैस सिलिंडर को बस के अंदर रखवा लिया। बस में कम से कम 45 से 50 सवारियां बैठी हुई थीं। जब 'ईटीवी भारत' ने इस घटना को अपने कैमरे में कैद किया और अधिकारियों को इस बारे में अवगत कराया तो कैसरबाग बस स्टेशन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। तत्काल मौके पर पहुंचे अधिकारियों ने गैस सिलिंडर को बस से नीचे उतरवाया। वहीं जब इसकी जानकारी देवीपाटन मंडल के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रभाकर मिश्रा को दी गई तो उन्होंने बस के बहराइच पहुंचते ही ड्राइवर कंडक्टर को रूट ऑफ कर दिया। मामले की जांच भी शुरू हो गई है।


Conclusion:बाइट

बसों में किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ ले जाने की पूरी मनाही है। ऐसा नहीं करना चाहिए। आपके माध्यम से बस में गैस सिलिंडर रखने की जानकारी दी गई है। ड्राइवर कंडक्टर ने यह गलत किया है। मेरा सुझाव है कि बस में किसी भी तरह के ज्वलनशील पदार्थ गैस सिलिंडर, केरोसिन आयल, पेट्रोल, डीजल आदि अलाउड नहीं हैं। इन पदार्थों को न ले जाएं। इससे स्वयं का तो नुकसान करेंगे ही परिवहन निगम का भी बड़ा नुकसान होगा। इन ड्राइवर-कंडक्टर पर कार्रवाई करेंगे।

काशी प्रसाद: बस स्टेशन मैनेजर, कैसरबाग, लखनऊ
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