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रानीपुर वन्य जीव विहार जल्द बनेगा टाइगर रिजर्व

चित्रकूट के वन्य जीव विहार को पिछले दो साल से टाइगर रिजर्व बनाने की तैयारी चल रही है. जल्द ही इसे अब टाइगर रिजर्व बना दिया जाएगा. इसके लिए सारी तैयारियां की जा चुकी हैं.

रानीपुर वन्य जीव विहार जल्द बनेगा टाइगर रिजर्व
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Published : May 13, 2019, 9:44 AM IST

चित्रकूट : रानीपुर वन्य जीव विहार को सरकार अब टाइगर रिजर्व का रूप देने की तैयारी कर रही है. जीव-जंतुओं के रहने खाने-पीने और उनकी संख्या की भी गणना करने पहुंचे लखनऊ से पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि दो साल से चल रही कोशिश अब अंतिम रूप ले रही है और जल्द ही इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया जाएगा.

रानीपुर वन्य जीव विहार जल्द बनेगा टाइगर रिजर्व
  • चित्रकूट में स्थित रानीपुर वन्य जीव विहार की 2 तरफ की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगी है.
  • 1981 में घोषित हुए रानीपुर वन्य जीव विहार को अब सरकार टाइगर रिजर्व का रूप देने की तैयारी की जा रही है.
  • अधिकारियों की माने तो यहां का परिवेश बाघ और तेंदुए जैसे मांसाहारी जीवों के लिए बहुत ही उन्नत है.

लखनऊ से आए वन जीव प्रतिपालक सुनील चौधरी ने बताया कि

  • रानीपुर वन्य जीव विहार में मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व से भी कई बाघ यहां पर आ गए हैं. जिसकी बराबर निगरानी की जा रही है.
  • 2 साल पहले शुरू हुआ टाइगर रिजर्व का अभियान अब अंतिम रूप ले रहा है. जल्द ही हम टाइगर रिजर्व बनाकर यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देंगे.
  • इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और वनों के संरक्षण के साथ ही रहने वाले वन्य जीवों की रक्षा भी हो सकेगी.

चित्रकूट : रानीपुर वन्य जीव विहार को सरकार अब टाइगर रिजर्व का रूप देने की तैयारी कर रही है. जीव-जंतुओं के रहने खाने-पीने और उनकी संख्या की भी गणना करने पहुंचे लखनऊ से पहुंचे अधिकारियों ने बताया कि दो साल से चल रही कोशिश अब अंतिम रूप ले रही है और जल्द ही इसे टाइगर रिजर्व घोषित कर दिया जाएगा.

रानीपुर वन्य जीव विहार जल्द बनेगा टाइगर रिजर्व
  • चित्रकूट में स्थित रानीपुर वन्य जीव विहार की 2 तरफ की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगी है.
  • 1981 में घोषित हुए रानीपुर वन्य जीव विहार को अब सरकार टाइगर रिजर्व का रूप देने की तैयारी की जा रही है.
  • अधिकारियों की माने तो यहां का परिवेश बाघ और तेंदुए जैसे मांसाहारी जीवों के लिए बहुत ही उन्नत है.

लखनऊ से आए वन जीव प्रतिपालक सुनील चौधरी ने बताया कि

  • रानीपुर वन्य जीव विहार में मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व से भी कई बाघ यहां पर आ गए हैं. जिसकी बराबर निगरानी की जा रही है.
  • 2 साल पहले शुरू हुआ टाइगर रिजर्व का अभियान अब अंतिम रूप ले रहा है. जल्द ही हम टाइगर रिजर्व बनाकर यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देंगे.
  • इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और वनों के संरक्षण के साथ ही रहने वाले वन्य जीवों की रक्षा भी हो सकेगी.
Intro:एंकर- चित्रकूट के रानीपुर वन जीव बिहार टाइगर रिजर्व आग को बुझाने में नाकामयाब रहे थे वन कर्मी वहीं जीव-जंतुओं के रहने खाने-पीने और उनकी संख्या की भी गणना करने लखनऊ से आई वन्य जीव संरक्षण के अधिकारियों द्वारा की जा रही है यह गणना 3 दिन तक चलेगी इस गणना में शाकाहारी जीवो के अलावा मांसाहारी जीवो की भी गणना की जा रही है गणना के दौरान जंगल में दिखे तेंदुए और बाघों के पैरों के निशान ने यह साबित किया कि एक बाग मध्य प्रदेश के वन्य जीव विहार से रानीपुर वन्य जीव विहार में पहुंच गया है जिसकी निगरानी की जा रही है


Body:वीओ-चित्रकूट में स्थित रानीपुर वन्य जीव विहार की 2 तरफ की सीमाएं मध्यप्रदेश से लगी है 1981 में घोषित हुए रानीपुर वन्य जीव विहार को अब सरकार टाइगर रिजर्व का रूप देने की तैयारी की जा रही है ।अधिकारियों की माने तो यहां का परिवेश बाघ और तेंदुए जैसे मांसाहारी जीवो के हिसाब से बहुत ही उन्नत है। लखनऊ से आए वन जीव प्रतिपालक सुनील चौधरी ने बताया कि रानीपुर वन्य जीव विहार में मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व से भी गई बाग यहां पर आ गए हैं जिसकी बराबर निगरानी की जा रही है। पिछले महीने लगातार चार जानवरों की जंगल में मौतों की जांच में पूछे गए सवाल में अधिकारी ने कहा कि जांच पूरी हो गई है और आज कल में हम जांच जमा कर देंगे और उसमें जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ हम विधिक कार्यवाही करेंगे । आग के मामले में वन्यजीव प्रतिपालक सुनील चौधरी ने बताया कि हमारे पास सीमित संसाधन हैं और यहां का तापमान बहुत अधिक है वही हवा की रफ्तार भी तेजहोने से आग बढ़ रही हैं। इसको बुझाने में समय जरूर लग गया है पर आज आग बुझ जाएगी। टाइगर रिजर्व की बात पर सुनील चौधरी ने कहा कि 2 साल पहले शुरू हुआ टाइगर रिजर्व का अभियान अब अंतिम रूप ले रहा है जल्द ही हम टाइगर रिजर्व बनाकर यहां पर पर्यटन को बढ़ावा देंगे । इससे स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिलेगा और वनों और उस पर रहने वाले वन जीवों की रक्षा भी हो सकेगी।


Conclusion:बाइट-सुनील चौधरी(वन जीव प्रतिपालक लखनऊ)
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