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आजम खान के जीतने का दिखा असर, जिले में बेअसर हुआ आयुष्मान भारत कार्ड!

जिले में एक व्यक्ति को जिला अस्पताल के वार्ड से बाहर निकाल दिया गया, जबकि उसके पास आयुष्मान भारत का कार्ड था. जब मामले ने तूल पकड़ा तो सीएमओ ने दोबारा इस तरह की घटना न होने का आश्वासन दिया है.

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Published : May 29, 2019, 8:17 PM IST

आयुष्मान भारत कार्ड

रामपुर: रामपुर ज़िला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में प्यारेलाल सैनी नामक एक व्यक्ति पिछले तीन दिनों से भर्ती है. उसके पास केंद्र सरकार का आयुष्मान भारत का कार्ड भी है. आरोप है कि इसके बावजूद जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ नर्स ने उसको वार्ड से बाहर निकाल दिया.

ज़िला अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ नर्स पर लगे आरोप

क्या है पूरा मामला:

  • प्यारेलाल ने बताया कि मेरे पेट मे 4 दिनों से दर्द है.
  • एक डॉक्टर ने किसी फिजिशियन को दिखाने की बात कही.
  • दूसरे डॉक्टर आए, उन्होंने भी मुझे कोई दवाई नहीं लिखी.
  • एक डॉक्टर साहब ने बाहर के इंजेक्शन लिखे थे, जो 400 रुपये के थे.

व्यापारी नेता ने बताया कि-

  • यहां पर एक मरीज को बाहर से दवाई लिखने का मामला सामने आया था.
  • आम जनता ने इसकी शिकायत की तो स्टॉफ ने पुलिस से उनका उत्पीड़न कराया.
  • व्यापार मंडल के लोगों ने आकर शांति व्यवस्था कायम करा दी है.
  • सीएमओ ने अस्पताल के स्टॉफ की जिम्मेदारी ली है.
  • सीएमओ ने दोबारा इस तरह घटना न होने का आश्वासन दिया है.

सीएमएस बीएस नागर ने बताया कि ये दो मरीज तीन से ये पेइंग वार्ड में भर्ती है. हमने इनको अपने पास से काफी दवाइयां दी हैं. उनका कहना है कि आयुष्मान भारत कार्ड के बारे में शुरू में नहीं बताया. अब जब हंगामा हुआ है तब बताया है. इसी बात पर स्टॉफ नर्स और मरीज के तीमारदारों नें बात काफी बढ़ गई. स्टॉफ तीमारदार के ऊपर और तीमारदार स्टॉफ के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. इसकी हम जांच कर रहे हैं.

रामपुर: रामपुर ज़िला अस्पताल के प्राइवेट वार्ड में प्यारेलाल सैनी नामक एक व्यक्ति पिछले तीन दिनों से भर्ती है. उसके पास केंद्र सरकार का आयुष्मान भारत का कार्ड भी है. आरोप है कि इसके बावजूद जिला अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ नर्स ने उसको वार्ड से बाहर निकाल दिया.

ज़िला अस्पताल के डॉक्टर और स्टॉफ नर्स पर लगे आरोप

क्या है पूरा मामला:

  • प्यारेलाल ने बताया कि मेरे पेट मे 4 दिनों से दर्द है.
  • एक डॉक्टर ने किसी फिजिशियन को दिखाने की बात कही.
  • दूसरे डॉक्टर आए, उन्होंने भी मुझे कोई दवाई नहीं लिखी.
  • एक डॉक्टर साहब ने बाहर के इंजेक्शन लिखे थे, जो 400 रुपये के थे.

व्यापारी नेता ने बताया कि-

  • यहां पर एक मरीज को बाहर से दवाई लिखने का मामला सामने आया था.
  • आम जनता ने इसकी शिकायत की तो स्टॉफ ने पुलिस से उनका उत्पीड़न कराया.
  • व्यापार मंडल के लोगों ने आकर शांति व्यवस्था कायम करा दी है.
  • सीएमओ ने अस्पताल के स्टॉफ की जिम्मेदारी ली है.
  • सीएमओ ने दोबारा इस तरह घटना न होने का आश्वासन दिया है.

सीएमएस बीएस नागर ने बताया कि ये दो मरीज तीन से ये पेइंग वार्ड में भर्ती है. हमने इनको अपने पास से काफी दवाइयां दी हैं. उनका कहना है कि आयुष्मान भारत कार्ड के बारे में शुरू में नहीं बताया. अब जब हंगामा हुआ है तब बताया है. इसी बात पर स्टॉफ नर्स और मरीज के तीमारदारों नें बात काफी बढ़ गई. स्टॉफ तीमारदार के ऊपर और तीमारदार स्टॉफ के ऊपर आरोप लगा रहे हैं. इसकी हम जांच कर रहे हैं.

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