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सीतापुर: बीजेपी प्रत्याशी ने चौथी बार लहराया जीत का परचम

देश में मोदी लहर के साथ ही सीतापुर सीट पर नया रिकॉर्ड कायम हो गया है. बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतने वाले राजेश वर्मा पहले ऐसे सांसद हैं जो इस सीट से चौथी बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं.

राजेश वर्मा सपा-बसपा गठबंधन को हराकर चौथी बार बने सांसद
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Published : May 24, 2019, 1:57 PM IST

सीतापुर: लोकसभा चुनाव के सभी अंतिम परिणाम आ चुके हैं और एक बार फिर मोदी सरकार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही हैं. वहीं सीतापुर लोकसभा सीट पर पिछले तीन बार से सांसद रहे और वर्तमान बीजेपी सांसद ने चौथी बार जीत हासिल करके बीजेपी का परचम लहराने का काम किया है. बीजेपी सांसद का कहना है कि यह जीत जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है. वहीं उन्होंने कहा कि मैं जी जान से पिछले सालों की तरह ही निष्ठापूर्वक जनता का कार्य करूंगा और जनता की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करूंगा.

सपा-बसपा गठबंधन को हराकर चौथी बार बने सांसद राजेश वर्मा
सीतापुर संसदीय सीट का इतिहास
  • 1952 में नेहरू परिवार की सदस्य उमा नेहरु पहली बार यहां से सांसद निर्वाचित हुई थीं.
  • उसके बाद दो चुनाव तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा.
  • 1962 में जनसंघ के सूरज लाल ने इस सीट पर जीत हासिल की.
  • 1971 के चुनाव में कांग्रेस के जगदीश चन्द्र ने इस सीट पर फतह हासिल की.
  • 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के हरगोविंद वर्मा सांसद बनने में कामयाब रहे.
  • 1980 के चुनाव में कांग्रेस की राजेन्द्र कुमारी बाजपेई इस सीट से सांसद बनने में सफल रहीं और फिर उसके बाद लगातार दो चुनावों में और जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने में सफल रहीं.
  • 1991 में रामलहर के सहारे बीजेपी के जनार्दन प्रसाद मिश्रा ने लोकसभा का चुनाव जीता.
  • 1996 में हुए अगले लोकसभा चुनाव में जनार्दन प्रसाद मिश्रा सपा के मुख्तार अनीस के हाथों चुनाव हारना पड़ा.
  • 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जनार्दन मिश्र ने फिर इस सीट पर बीजेपी का परचम लहरा दिया.
  • इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में राजेश वर्मा बीएसपी के टिकट पर पहली बार सांसद चुने गए.

  • 2009 के चुनाव में बसपा ने कैसरजहां को अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने पहली बार में ही इस सीट पर जीत हासिल कर ली.
  • 2014 के लोकसभा चुनाव में राजेश वर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर सफलता प्राप्त की.
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राजेश वर्मा ने बीजेपी की जीत को बरकरार रखते हुए इस सीट से चौथी बार सांसद बनने का कीर्तिमान स्थापित किया.

सपा-बसपा गठबंधन को हराकर चौथी बार सांसद बने राजेश वर्मा
इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस जीत के लिए वह यहां की जनता के ऋृणी हैं. जब तक पार्टी का आदेश और जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलता रहेगा. वह यहां से चुनाव लड़कर जनता की सेवा करते रहेंगे.

चुनावी नतीजे-
बीजेपी के राजेश वर्मा को मिले कुल मत- 514528
बीएसपी के नकुल दुबे को मिले कुल मत- 413695
कांग्रेस प्रत्याशी कैंसरजहां को मिले कुल मत- 96018

जीत में मिले कुल मत- 1064521​​​​​​​

सीतापुर: लोकसभा चुनाव के सभी अंतिम परिणाम आ चुके हैं और एक बार फिर मोदी सरकार केंद्र में पूर्ण बहुमत की सरकार बनाने जा रही हैं. वहीं सीतापुर लोकसभा सीट पर पिछले तीन बार से सांसद रहे और वर्तमान बीजेपी सांसद ने चौथी बार जीत हासिल करके बीजेपी का परचम लहराने का काम किया है. बीजेपी सांसद का कहना है कि यह जीत जनता और बीजेपी कार्यकर्ताओं की मेहनत का फल है. वहीं उन्होंने कहा कि मैं जी जान से पिछले सालों की तरह ही निष्ठापूर्वक जनता का कार्य करूंगा और जनता की समस्याओं को दूर करने का प्रयास करूंगा.

सपा-बसपा गठबंधन को हराकर चौथी बार बने सांसद राजेश वर्मा
सीतापुर संसदीय सीट का इतिहास
  • 1952 में नेहरू परिवार की सदस्य उमा नेहरु पहली बार यहां से सांसद निर्वाचित हुई थीं.
  • उसके बाद दो चुनाव तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा.
  • 1962 में जनसंघ के सूरज लाल ने इस सीट पर जीत हासिल की.
  • 1971 के चुनाव में कांग्रेस के जगदीश चन्द्र ने इस सीट पर फतह हासिल की.
  • 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के हरगोविंद वर्मा सांसद बनने में कामयाब रहे.
  • 1980 के चुनाव में कांग्रेस की राजेन्द्र कुमारी बाजपेई इस सीट से सांसद बनने में सफल रहीं और फिर उसके बाद लगातार दो चुनावों में और जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने में सफल रहीं.
  • 1991 में रामलहर के सहारे बीजेपी के जनार्दन प्रसाद मिश्रा ने लोकसभा का चुनाव जीता.
  • 1996 में हुए अगले लोकसभा चुनाव में जनार्दन प्रसाद मिश्रा सपा के मुख्तार अनीस के हाथों चुनाव हारना पड़ा.
  • 1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जनार्दन मिश्र ने फिर इस सीट पर बीजेपी का परचम लहरा दिया.
  • इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में राजेश वर्मा बीएसपी के टिकट पर पहली बार सांसद चुने गए.

  • 2009 के चुनाव में बसपा ने कैसरजहां को अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने पहली बार में ही इस सीट पर जीत हासिल कर ली.
  • 2014 के लोकसभा चुनाव में राजेश वर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर सफलता प्राप्त की.
  • 2019 के लोकसभा चुनाव में भी राजेश वर्मा ने बीजेपी की जीत को बरकरार रखते हुए इस सीट से चौथी बार सांसद बनने का कीर्तिमान स्थापित किया.

सपा-बसपा गठबंधन को हराकर चौथी बार सांसद बने राजेश वर्मा
इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस जीत के लिए वह यहां की जनता के ऋृणी हैं. जब तक पार्टी का आदेश और जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलता रहेगा. वह यहां से चुनाव लड़कर जनता की सेवा करते रहेंगे.

चुनावी नतीजे-
बीजेपी के राजेश वर्मा को मिले कुल मत- 514528
बीएसपी के नकुल दुबे को मिले कुल मत- 413695
कांग्रेस प्रत्याशी कैंसरजहां को मिले कुल मत- 96018

जीत में मिले कुल मत- 1064521​​​​​​​

Intro:सीतापुर: देश मे मोदी लहर के साथ सीतापुर संसदीय सीट ने नया इतिहास रच दिया है.बीजेपी के टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीतने वाले राजेश वर्मा पहले ऐसे सांसद हैं जो इस सीट से चौथी बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. इससे पहले कांग्रेस की राजेन्द्र कुमारी बाजपेई को इस सीट से तीन बार सांसद रहने का गौरव हासिल रहा है.

सीतापुर संसदीय सीट के इतिहास पर यदि नज़र डाली जाय तो वर्ष 1952 में नेहरू परिवार की सदस्य उमा नेहरु पहली बार यहां से सांसद निर्वाचित हुई थी.उसके बाद दो चुनाव तक कांग्रेस का इस सीट पर कब्ज़ा रहा,1962 में जनसंघ के सूरज लाल ने इस सीट पर जीत हासिल की.इसके बाद 1971 के चुनाव में कांग्रेस के जगदीश चन्द्र ने इस सीट पर फतेह हासिल की. वर्ष 1977 के लोकसभा चुनाव में भारतीय लोकदल के हरगोविंद वर्मा सांसद बनने में कामयाब रहे. वर्ष 1980 के चुनाव में कांग्रेस की राजेन्द्र कुमारी बाजपेई इस सीट से सांसद बनने में सफल रही और फिर उसके बाद लगातार दो चुनावों में और जीत हासिल कर हैट्रिक लगाने में सफल रही.

वर्ष 1991 में रामलहर के सहारे बीजेपी के जनार्दन प्रसाद मिश्रा ने लोकसभा का चुनाव जीता लेकिन वर्ष 1996 में हुए अगले लोकसभा चुनाव में उन्हें सपा के मुख्तार अनीस के हाथों चुनाव हारना पड़ा.1998 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के जनार्दन मिश्र ने फिर इस सीट पर बीजेपी का परचम लहरा दिया. इसके बाद 1999 के लोकसभा चुनाव में राजेश वर्मा बीएसपी के टिकट पर पहली मर्तबा सांसद चुने गए.2004 के चुनाव में उन्होंने अपनी जीत बरकरार रखी.

वर्ष 2009 के चुनाव में बसपा ने कैसरजहाँ को अपना उम्मीदवार बनाया और उन्होंने पहली बार मे ही इस सीट पर जीत हासिल कर ली.इसके बाद 2014 के लोकसभा चुनाव में राजेश वर्मा ने बीजेपी प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़कर सफलता प्राप्त की और इस बार 2019 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने बीजेपी की जीत को बरकरार रखते हुए इस सीट से चौथी बार सांसद बनने का कीर्तिमान स्थापित किया.

इस बाबत ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने कहा कि इस जीत के लिए वे यहां की जनता के ऋणी है.जब तक पार्टी का आदेश और जनता का आशीर्वाद उन्हें मिलता रहेगा वह यहां से चुनाव लड़कर जनता की सेवा करते रहेंगे.

टिकटैक-राजेश वर्मा

नीरज श्रीवास्तव सीतापुर,9415084887


Body:जीत के लिए सांसद ने जनता का धन्यवाद ज्ञापित किया


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