लखनऊ:आगामी लोकसभा 2019 चुनाव में रघुराज प्रताप सिंह भाजपा का चुनावी गणित बिगाड़ सकते हैं. रघुराज प्रताप सिंह ने 14 लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा रहा है कि रघुराज प्रताप सिंह के यह 14 उम्मीदवार 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा के उम्मीदवारों को कमजोर करेंगे.
पिछले दिनों रघुराज प्रताप सिंह ने अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक बनाई थी. पार्टी बनाने के बाद लखनऊ में विशाल रैली का आयोजन भी किया गया था. आचार संहिता लगने के बाद जैसे ही रघुराज प्रताप सिंह को अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक का सिंबल प्राप्त हुआ. रघुराज प्रताप सिंह ने कौशांबी और प्रतापगढ़ लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार घोषित कर दिया है. दो सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा करने के बाद रघुराज प्रताप सिंह ने छह अन्य लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है.
रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी की इन सब गतिविधियों के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में भाजपा व जनसत्ता दल लोकतांत्रिक गठबंधन की खूब चर्चाएं हुई. सूत्रों की मानें तो रघुराज प्रताप सिंह ने भाजपा से गठबंधन के बदले छह लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की बात कही थी लेकिन भाजपा इस पर तैयार नहीं हुई. जिसके बाद रघुराज प्रताप सिंह ने पहले छह लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की बात कही, जिस के ठीक दो दिन बाद रघुराज प्रताप सिंह ने ऐलान किया कि वह उत्तर प्रदेश की अन्य बारह लोकसभा सीटों पर अपनी पार्टी का उम्मीदवार उतारेंगे. दो लोकसभा सीट कौशांबी और प्रतापगढ़ से रघुराज प्रताप सिंह पहले ही उम्मीदवार की घोषणा कर चुके हैं. लिहाजा अब रघुराज प्रताप सिंह अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से 14 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारेंगे.
रघुराज प्रताप सिंह द्वारा अपनी पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक से उम्मीदवार उतारने के बाद इन 14 लोकसभा सीटों पर भाजपा को नुकसान की संभावनाएं हैं. बताते चलें रघुराज प्रताप सिंह पार्टी के गठन की शुरुआत से ही श्रवण समाज को लेकर मुखर रहे हैं. नई पार्टी बनाने की घोषणा के दौरान ही रघुराज प्रताप सिंह ने एससी एसटी एक्ट जातिवादी योजनाओं आरक्षण के दुरुपयोग की बात करते हुए विरोध दर्ज कराया था. इस दौरान रघुराज प्रताप सिंह ने कहा था कि जिन आईएएस आईपीएस के बच्चे विदेश में पढ़ रहे हैं उन्हें आरक्षण की क्या आवश्यकता है? रघुराज प्रताप सिंह का सीधा कहना था कि जातिगत आरक्षण नहीं होना चाहिए. वहीं रघुराज प्रताप सिंह कि ठाकुर समाज में अच्छी पैठ है. साथ ही रघुराज प्रताप सिंह सवर्ण समाज के लोगों को भी साथ लेकर की कोशिश कर रहे हैं. ऐसे में रघुराज प्रताप सिंह की पार्टी जनसत्ता दल लोकतांत्रिक सवर्ण समाज के वोट बैंक पर फोकस कर रही है जो कि भाजपा का परंपरागत वोट माना जाता है. अगर 14 लोकसभा सीटों पर रघुराज प्रताप सिंह के उम्मीदवार सवर्ण समाज का वोट पाने में कामयाब रहते हैं तो इसका सीधा नुकसान भाजपा के उम्मीदवार को होगा.
उम्मीदवारों की घोषणा कहीं राजा का राजनीतिक स्टंट तो नहीं?
रघुराज प्रताप सिंह द्वारा 14 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारे जाने को राजा भैया के राजनीतिक स्टंट के तौर पर भी देखा जा रहा है.राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चाएं हो रही है कि भाजपा खूब गठबंधन के लिए कन्वेंस करने और दबाव बनाने के लिए राजा भैया ने 14 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने की घोषणा की है.वहीं रघुराज प्रताप सिंह द्वारा 14 लोकसभा सीटों पर उम्मीदवार उतारने को लेकर भाजपा नेताओं का कहना है कि रघुराज प्रताप सिंह के उम्मीदवार से भाजपा को किसी तरीके का कोई नुकसान नहीं होने वाला है.