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बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में मूल्यांकन को लेकर प्रोफेसर कर रहे बहानेबाजी - विश्वविद्यालय के प्रोफेसर में कोरोन का डर

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में रुहेलखंड विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों में कोरोना के डर की वजह से मूल्यांकन कार्य कई दिनों से बंद किया गया है. वहीं कुछ प्रोफेसर दूसरे जिलों के प्रोफेसरों के साथ काम करने का विरोध कर रहे हैं. इसकी वजह से रिजल्ट जारी करने में काफी समय लग सकता है.

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Published : May 28, 2020, 3:49 PM IST

Updated : May 28, 2020, 4:38 PM IST

बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में मूल्यांकन को लेकर प्रोफेसरों को कोरोना का डर सता रहा है. मूल्यांकन को लेकर प्रोफेसर बहाने बना रहे हैं, जिससे विश्वविद्यालय का मूल्यांकन कार्य सही से नहीं हो पा रहा है.

मूल्यांकन कार्य कई दिनों से बंद
यूनिवर्सिटी में मूल्यांकन के लिए शिक्षकों की कमी है, इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गोरखपुर, मुरादाबाद, बिजनौर से शिक्षकों को बुलाने के लिए पत्र भेजा है. इसके विरोध से परेशान कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने मूल्यांकन कार्य कई दिनों तक रोक दिया. जानकारों की मानें तो शिक्षकों का एक बहाना यह भी है कि विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों के ठहरने की व्यवस्था ठीक नहीं है. उनके खाने की व्यवस्था की जाए तभी शिक्षक मूल्यांकन ड्यूटी पर आएंगे.

शिक्षकों को कोरोना संक्रमण फैलने का डर
शिक्षकों ने कहा कि यदि मूल्यांकन कार्य के लिए दूसरे जिलों से शिक्षकों को बुलाया जाएगा तो वे उनके साथ कार्य नहीं करेंगे. शिक्षकों का कहना है कि दूसरे शिक्षकों से आने वाले शिक्षकों से कोरोना संक्रमण फैला सकता है. उनके ठहरने और मूल्यांकन की अलग से व्यवस्था की जाए. शिक्षकों के बहाने की वजह से रिजल्ट जारी करने में काफी समय लगेगा.

दूसरे जिलों के प्रोफेसर को बुलाने के लिए पत्र भेजा गया है, लेकिन यहां उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. इससे शिक्षक यहां आने से इनकार कर रहे हैं. दूसरे जिलों से कुछ प्रोफेसर आने को तैयार हैं तो बरेली के शिक्षक उनके साथ काम करने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि यदि किसी को भी संक्रमण हुआ तो सभी लोगों को हो जाएगा.
बीपी सिंह, केंद्र इंचार्ज

बरेली: रुहेलखंड विश्वविद्यालय में मूल्यांकन को लेकर प्रोफेसरों को कोरोना का डर सता रहा है. मूल्यांकन को लेकर प्रोफेसर बहाने बना रहे हैं, जिससे विश्वविद्यालय का मूल्यांकन कार्य सही से नहीं हो पा रहा है.

मूल्यांकन कार्य कई दिनों से बंद
यूनिवर्सिटी में मूल्यांकन के लिए शिक्षकों की कमी है, इसलिए यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गोरखपुर, मुरादाबाद, बिजनौर से शिक्षकों को बुलाने के लिए पत्र भेजा है. इसके विरोध से परेशान कुलपति प्रोफेसर अनिल शुक्ला ने मूल्यांकन कार्य कई दिनों तक रोक दिया. जानकारों की मानें तो शिक्षकों का एक बहाना यह भी है कि विश्वविद्यालय में प्रोफेसरों के ठहरने की व्यवस्था ठीक नहीं है. उनके खाने की व्यवस्था की जाए तभी शिक्षक मूल्यांकन ड्यूटी पर आएंगे.

शिक्षकों को कोरोना संक्रमण फैलने का डर
शिक्षकों ने कहा कि यदि मूल्यांकन कार्य के लिए दूसरे जिलों से शिक्षकों को बुलाया जाएगा तो वे उनके साथ कार्य नहीं करेंगे. शिक्षकों का कहना है कि दूसरे शिक्षकों से आने वाले शिक्षकों से कोरोना संक्रमण फैला सकता है. उनके ठहरने और मूल्यांकन की अलग से व्यवस्था की जाए. शिक्षकों के बहाने की वजह से रिजल्ट जारी करने में काफी समय लगेगा.

दूसरे जिलों के प्रोफेसर को बुलाने के लिए पत्र भेजा गया है, लेकिन यहां उनके ठहरने की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. इससे शिक्षक यहां आने से इनकार कर रहे हैं. दूसरे जिलों से कुछ प्रोफेसर आने को तैयार हैं तो बरेली के शिक्षक उनके साथ काम करने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि यदि किसी को भी संक्रमण हुआ तो सभी लोगों को हो जाएगा.
बीपी सिंह, केंद्र इंचार्ज

Last Updated : May 28, 2020, 4:38 PM IST
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