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फिरोजाबाद: मोहर्रम पर अलर्ट दिखी पुलिस, ताजियेदारों को लौटाया - मोहर्रम

उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में मोहर्रम को लेकर पुलिस काफी सर्तक दिखी. जिले में ताजिया निकालने वाले लोगों को पुलिस ने वापस कर सख्त हिदायत दी.

ताजिया निकालने की कोशिश कर रहे तजियेदारों को लौटाया
ताजिया निकालने की कोशिश कर रहे तजियेदारों को लौटाया
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Published : Aug 31, 2020, 3:06 AM IST

फिरोजाबाद: जिले में मोहर्रम की 10 वीं तारीख पर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में दिखी. इस दौरान कुछ ताजियेदार अपने ताजिये को सड़क पर लाए, जिन्हें पुलिस ने वापस लौटा दिया. साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा करता कोई पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

रविवार को मोहर्रम की 10 वीं तारीख थी. रविवार ही के दिन इस्लाम धर्म के जन्मदाता हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हुसैन साहब का इराक के क्रूर शासक यजीद ने कर्बला में कत्ल करा दिया था. उन्हीं की याद में मोहर्रम का यह दिन मुस्लिम समाज के लोग शहादत और गमगीन तरीके से मनाते हैं. नौजवान खुद को लहूलुहान कर हुसैन साहब को याद करते हैं और कहते हैं कि 'हाय हुसैन हम न हुए' यह कहते-कहते ताजियों को कर्बला में दफन करते हैं.

इस साल कोरोना काल चल रहा है और कोविड 19 महामारी के संक्रमण को रोकने के मकसद से सरकार ने सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा रखी है. पुलिस अधिकारियों ने पिछले दिनों मुस्लिम धर्म गुरुओं से भी अपील की थी कि वे ताजियेदारों को समझाएं कि कोई भी जुलूस न निकालें और घरों पर ही इबादत करें, जिसको देखते हुए रविवार को पुलिस अलर्ट मो पर थी. नगला बरी के पास पुलिस को यह जानकारी मिली कि कुछ लोग ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक करने ले जा रहे हैं, जिसकी सूचना पर पहुंचकर पुलिस ने उन ताजियेदारों को वापस लौटा दिया.

फिरोजाबाद: जिले में मोहर्रम की 10 वीं तारीख पर पुलिस प्रशासन अलर्ट मोड में दिखी. इस दौरान कुछ ताजियेदार अपने ताजिये को सड़क पर लाए, जिन्हें पुलिस ने वापस लौटा दिया. साथ ही उन्हें चेतावनी भी दी कि अगर ऐसा करता कोई पाया जाएगा तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

रविवार को मोहर्रम की 10 वीं तारीख थी. रविवार ही के दिन इस्लाम धर्म के जन्मदाता हजरत मोहम्मद साहब के नवासे हुसैन साहब का इराक के क्रूर शासक यजीद ने कर्बला में कत्ल करा दिया था. उन्हीं की याद में मोहर्रम का यह दिन मुस्लिम समाज के लोग शहादत और गमगीन तरीके से मनाते हैं. नौजवान खुद को लहूलुहान कर हुसैन साहब को याद करते हैं और कहते हैं कि 'हाय हुसैन हम न हुए' यह कहते-कहते ताजियों को कर्बला में दफन करते हैं.

इस साल कोरोना काल चल रहा है और कोविड 19 महामारी के संक्रमण को रोकने के मकसद से सरकार ने सभी तरह के धार्मिक आयोजनों पर रोक लगा रखी है. पुलिस अधिकारियों ने पिछले दिनों मुस्लिम धर्म गुरुओं से भी अपील की थी कि वे ताजियेदारों को समझाएं कि कोई भी जुलूस न निकालें और घरों पर ही इबादत करें, जिसको देखते हुए रविवार को पुलिस अलर्ट मो पर थी. नगला बरी के पास पुलिस को यह जानकारी मिली कि कुछ लोग ताजियों को सुपुर्द-ए-खाक करने ले जा रहे हैं, जिसकी सूचना पर पहुंचकर पुलिस ने उन ताजियेदारों को वापस लौटा दिया.

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