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बुलंदशहर का एक ऐसा श्मशान जहां रात को किया जाता है जागरण

जनपद में एक श्मशान घाट स्थानीय स्तर पर आस्था के केंद्र के रूप में विख्यात है. यहां बड़ी संख्या में भक्त जागरण करते हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं.

बुलंदशहर में शमशान में जागरण करते स्थानीय लोग.
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Published : May 29, 2019, 11:55 AM IST

बुलंदशहर: हिंदू सनातन धर्म के अनुसार यूं तो महिलाओं का श्मशान घाट में जाना वर्जित है, लेकिन जनपद के एक श्मशान घाट में न सिर्फ महिलाएं बल्कि छोटे बच्चे भी नाचते-गाते जागरण करते हैं. शहर के देवीपुरा स्थित इस श्मशान में जहां एक तरफ चिता जलती है तो वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में भक्त देवी काली के जागरण में हिस्सा लेते हैं.

बुलंदशहर के इस श्मशान में जागरण करते हैं भक्त.

क्या है इस श्मशान की खासियत

  • इस श्मशान में काली माता का एक प्राचीन मंदिर है.
  • इस मंदिर में हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को विशेष पूजा होती है.
  • इस पूजा में अघोरी तंत्र-मंत्र साधना की दीक्षा देते हैं. साथ ही पूजा में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं.
  • मान्यता है कि वराह पुराण में इस श्मशान और मंदिर का वर्णन मिलता है.
  • कुछ वर्ष पहले भक्तों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था, उसी तिथि को यहां धूमधाम के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.
  • इस अनुष्ठान के लिए कई दिन पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं और भक्त सालभर इस दिन का इंतजार करते हैं.

इस मंदिर में हम हर साल पूजा और जागरण के लिए आते हैं. साथ में अपने बच्चों को लेकर भी आते हैं. देवी काली यहां सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं.
- राखी गोयल, महिला श्रद्धालु

हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पूजा में हिस्सा लेने आते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी काली की पूजा देवता और राक्षस समान रूप से करते हैं. श्मशान में भी देवी काली का वास होता है. यहां मंदिर परिसर में रात भर जागरण होता है.
- अर्जुन, अध्यक्ष, मंदिर समिति

बुलंदशहर: हिंदू सनातन धर्म के अनुसार यूं तो महिलाओं का श्मशान घाट में जाना वर्जित है, लेकिन जनपद के एक श्मशान घाट में न सिर्फ महिलाएं बल्कि छोटे बच्चे भी नाचते-गाते जागरण करते हैं. शहर के देवीपुरा स्थित इस श्मशान में जहां एक तरफ चिता जलती है तो वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में भक्त देवी काली के जागरण में हिस्सा लेते हैं.

बुलंदशहर के इस श्मशान में जागरण करते हैं भक्त.

क्या है इस श्मशान की खासियत

  • इस श्मशान में काली माता का एक प्राचीन मंदिर है.
  • इस मंदिर में हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को विशेष पूजा होती है.
  • इस पूजा में अघोरी तंत्र-मंत्र साधना की दीक्षा देते हैं. साथ ही पूजा में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं.
  • मान्यता है कि वराह पुराण में इस श्मशान और मंदिर का वर्णन मिलता है.
  • कुछ वर्ष पहले भक्तों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था, उसी तिथि को यहां धूमधाम के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.
  • इस अनुष्ठान के लिए कई दिन पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं और भक्त सालभर इस दिन का इंतजार करते हैं.

इस मंदिर में हम हर साल पूजा और जागरण के लिए आते हैं. साथ में अपने बच्चों को लेकर भी आते हैं. देवी काली यहां सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं.
- राखी गोयल, महिला श्रद्धालु

हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पूजा में हिस्सा लेने आते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी काली की पूजा देवता और राक्षस समान रूप से करते हैं. श्मशान में भी देवी काली का वास होता है. यहां मंदिर परिसर में रात भर जागरण होता है.
- अर्जुन, अध्यक्ष, मंदिर समिति

Intro:हिंदू सनातन धर्म में यूं तो महिलाओं का शमशान घाट में जाना वर्जित है,लेकिन आज बुलंदशहर के एक श्मशान घाट में ना सिर्फ महिलाएं बल्कि नन्ने नौनिहाल छोटे बच्चे भी नाचते गाते जागरण करते देखे जा रहे हैं ,जी हां इतना ही नहीं बुलन्दशहर नगर के देवीपुरा स्थित श्मशान घाट में जहां एक तरफ चिता जल रही है वहीं पास में सेंकडों भक्त भक्तिमय माहौल में चल रहे जागरण में भाग ले रहे हैं ।है ना अजीबोगरीब बात , देखिए यह इटीवी भारत खास तरह की खास खबर।

note ...सम्बन्धित खबर के विसुअल्स व बाइट एफटीपी से प्रेषित हैं...
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Body:यह जो आप दृश्य देख रहे हैं बुलंदशहर के देवीपुरा श्मशान घाट का है जहां औसतन प्रत्येक दिवस किसी ने किसी की अंतिम यात्रा के बाद किसी ना किसी की अर्थी यहां आती है और फिर यहां अंतिम संस्कार इस घाट पर हर दिन हुआ करता है, लेकिन यहां जिस तरह का माहौल है, इसे देखकर विचलित होने जैसी कोई बात नहीं है, दरअसल शमशान घाट में काली माता का एक काफी प्राचीन मंदिर है और इस मंदिर में आज के दिन हर वर्ष रात को किसी उत्सव की तरह मेले एवम त्योहार जैसा माहौल रहता है,जिसकी वजह शमशान घाट काली मंदिर समिति से जुड़े सदस्य बताते हैं कि आम तौर पर जिस श्मशान घाट में भूत प्रेतों या तंत्र मंत्र के लिए अक्सर बातें हुआ करती हैं जहां लोग रात में जाने से कतराते हैं,जहां अघोरियों के द्वारा तंत्र मंत्र साधना करने की बातें होती हैं,वहां महिला,बड़े बच्चे नोजवानों की भीड़ को देखकर हैरानी होना यो लाजिमी है,लेकिन बुलंदशहर के इस शमशान घाट में हर वर्ष यह पूजा होती है और इसके पीछे की जो वजह है वह यह है कि यहां बताते हैं कि सेंकडों वराहों पुराण ये श्मशान घाट है तो वहीं यहां काली माता का मन्दिर भी प्राचीन है,लेकिन अभी कुछ वर्षों पूर्व इस मन्दिर का काली के भक्तों ने जीर्णोध्दार कराया तभी से आज के दिन यहां पूरे धूमधाम से पूजा अर्चना होती है ,और माना जाता है कि आज के दिन इस शमशान भूमि पर जो भी काली माता की पूजा,हवन जागरण में आता है वो कभी खाली हाथ नहीं लौटता,काली मां उसकी झोली भर देती हैं। बुलंदशहर के देवीपुरा स्थित श्मशान घाट में सैकड़ों युवक युवती और लोग जागरण कर रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ चिता जल रही है ।अपने तरह की अनूयही मिसाल पेश करता है ये श्मशान घाट में चल रहा जागरण।जहां निडर होकर लोग अपने अपने भाव व्यक्त कर पुजन अर्चन में व्यस्त है।

बाइट.... अर्जुन (श्मशान घाट मन्दिर समिति के अध्यक्ष)
बाइट...राखी गोयल,महिला श्रद्धालु,
बाइट...शिवम पालीवाल ।




Conclusion:श्रीपाल तेवतिया,
बुलन्दशहर,
9213400888.
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