बुलंदशहर: हिंदू सनातन धर्म के अनुसार यूं तो महिलाओं का श्मशान घाट में जाना वर्जित है, लेकिन जनपद के एक श्मशान घाट में न सिर्फ महिलाएं बल्कि छोटे बच्चे भी नाचते-गाते जागरण करते हैं. शहर के देवीपुरा स्थित इस श्मशान में जहां एक तरफ चिता जलती है तो वहीं दूसरी तरफ बड़ी संख्या में भक्त देवी काली के जागरण में हिस्सा लेते हैं.
क्या है इस श्मशान की खासियत
- इस श्मशान में काली माता का एक प्राचीन मंदिर है.
- इस मंदिर में हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को विशेष पूजा होती है.
- इस पूजा में अघोरी तंत्र-मंत्र साधना की दीक्षा देते हैं. साथ ही पूजा में महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं.
- मान्यता है कि वराह पुराण में इस श्मशान और मंदिर का वर्णन मिलता है.
- कुछ वर्ष पहले भक्तों ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था, उसी तिथि को यहां धूमधाम के साथ पूजा-अर्चना की जाती है.
- इस अनुष्ठान के लिए कई दिन पहले ही तैयारियां शुरू हो जाती हैं और भक्त सालभर इस दिन का इंतजार करते हैं.
इस मंदिर में हम हर साल पूजा और जागरण के लिए आते हैं. साथ में अपने बच्चों को लेकर भी आते हैं. देवी काली यहां सच्चे मन से पूजा करने वाले भक्तों की सभी मुरादें पूरी करती हैं.
- राखी गोयल, महिला श्रद्धालु
हर साल बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस पूजा में हिस्सा लेने आते हैं. धार्मिक मान्यता के अनुसार देवी काली की पूजा देवता और राक्षस समान रूप से करते हैं. श्मशान में भी देवी काली का वास होता है. यहां मंदिर परिसर में रात भर जागरण होता है.
- अर्जुन, अध्यक्ष, मंदिर समिति