सीतापुर: जिले के पांच लोग लॉकडाउन में हरियाणा के सोनीपत में फंस गए थे. ये सभी लोग सोनीपत में रहकर गुजर-बसर करते थे. भूख प्यास से मजबूर सभी पैदल और साइकिल से अपने घरों के लिए निकल पड़े. लगभग 200 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह लोग दिल्ली पहुंचे. तभी उनके एक रिश्तेदार श्रीराम ने इनको फोन कर बताया कि सीतापुर के कुछ समाजसेवी अपनी कोविड 19 टीम और दिल्ली की वेलडन फाउंडेशन टीम की मदद से लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके-उनके जनपद भेज रहे हैं. तत्काल इन लोगों ने इस संस्था के पदाधिकारियों से संपर्क साधा और घर भिजवाने का अनुरोध किया.
मिश्रिख के औरंगाबाद क्षेत्र के रहने वाले यह लोग हरियाणा के सोनीपत में रोजी-रोटी के लिए वहीं गुजर-बसर करते थे. इसमे एक व्यक्ति खैराबाद का भी रहने वाला है. 60 दिन वहां फंसे रहने के कारण इनके पास राशन-पानी और पैसा सब खत्म हो गया. इनके भूखे रहने की नौबत आ गई. जब इन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो, मजबूर होकर इन लोगों ने साइकिल द्वारा सोनीपत से सीतापुर चलने की ठानी. थोड़ा बहुत खाना-पीना और सामान रखकर पांचों लोग सोनीपत से सीतापुर के लिए साइकिल से रवाना हो गए.
दोनों संस्थाओं के प्रयास से इन्हें बस से सीतापुर बुलवाया गया. गुरुवार को सीतापुर के बहुगुणा चौराहे पर पहुंचने के बाद इन सभी का मेडिकल चेकअप कराया गया. सभी को खाने के लिए जिला और फिर खाने-पीने की व्यवस्था के उपरांत इन्हें घर भिजवाया गया. इस मौके पर कोविड टीम संयोजक आशीष मिश्रा, व्यापार मंडल अध्यक्ष पवन अग्रवाल, व्यापारी तुषार साहनी, मुकेश अग्रवाल, संजय गुप्ता एवं शाहरुख अपनी टीम के साथ वहां पहले से मौजूद रहे.
लॉकडाउन में फंसे लोगों को संस्था की बस ने पहुंचाया सीतापुर
यूपी के सीतापुर में पांच लोग लॉकडाउन के कारण सोनीपत में फंस गए थे. सभी ने इस लॉकडाउन में साइकिल से ही चलने का फैसला किया. 200 किलोमीटर चलने के बाद सभी को संस्था की बस ने सीतापुर पहुंचाया.
सीतापुर: जिले के पांच लोग लॉकडाउन में हरियाणा के सोनीपत में फंस गए थे. ये सभी लोग सोनीपत में रहकर गुजर-बसर करते थे. भूख प्यास से मजबूर सभी पैदल और साइकिल से अपने घरों के लिए निकल पड़े. लगभग 200 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद यह लोग दिल्ली पहुंचे. तभी उनके एक रिश्तेदार श्रीराम ने इनको फोन कर बताया कि सीतापुर के कुछ समाजसेवी अपनी कोविड 19 टीम और दिल्ली की वेलडन फाउंडेशन टीम की मदद से लॉकडाउन में फंसे लोगों को उनके-उनके जनपद भेज रहे हैं. तत्काल इन लोगों ने इस संस्था के पदाधिकारियों से संपर्क साधा और घर भिजवाने का अनुरोध किया.
मिश्रिख के औरंगाबाद क्षेत्र के रहने वाले यह लोग हरियाणा के सोनीपत में रोजी-रोटी के लिए वहीं गुजर-बसर करते थे. इसमे एक व्यक्ति खैराबाद का भी रहने वाला है. 60 दिन वहां फंसे रहने के कारण इनके पास राशन-पानी और पैसा सब खत्म हो गया. इनके भूखे रहने की नौबत आ गई. जब इन्हें कहीं से कोई मदद नहीं मिली तो, मजबूर होकर इन लोगों ने साइकिल द्वारा सोनीपत से सीतापुर चलने की ठानी. थोड़ा बहुत खाना-पीना और सामान रखकर पांचों लोग सोनीपत से सीतापुर के लिए साइकिल से रवाना हो गए.
दोनों संस्थाओं के प्रयास से इन्हें बस से सीतापुर बुलवाया गया. गुरुवार को सीतापुर के बहुगुणा चौराहे पर पहुंचने के बाद इन सभी का मेडिकल चेकअप कराया गया. सभी को खाने के लिए जिला और फिर खाने-पीने की व्यवस्था के उपरांत इन्हें घर भिजवाया गया. इस मौके पर कोविड टीम संयोजक आशीष मिश्रा, व्यापार मंडल अध्यक्ष पवन अग्रवाल, व्यापारी तुषार साहनी, मुकेश अग्रवाल, संजय गुप्ता एवं शाहरुख अपनी टीम के साथ वहां पहले से मौजूद रहे.