गोंडा : जिले में गर्मी के मौसम में किसानों पर आफत के बादल मंडरा रहे है. फसलों को जहां इस समय पानी की जरूरत सबसे ज्यादा होती है. वहीं सरयू नहरों में पानी का नामोनिशान तक नहीं है. ऐसे में जिले के किसानों को कुछ नहीं सूझ रहा है. गर्मियों के मौसम में नहरें एक बार फिर किसानों को धोखा दे गई. इससे किसानों की जायद की फसल सूख रही है.
पानी न मिलने के चलते किसानों का बुरा हाल
- गोंडा जिले के नहरों में पानी न आने से किसानों की मुसीबतें बढ़ गई हैं.
- सिंचाई विभाग ही हर खेतों को पानी पहुंचाने की योजना को पलीता लग रहा है.
- सिंचाई विभाग के जिम्मेदार कुछ बोलने को तैयार नहीं.
- किसान अब अपने निजी संसाधनों के बल बूते किसी तरह अपने खेतों को सींच रहे है.
किसान के मेहनत में सिंचाई विभाग फेर देते है पानी
किसान किसी तरह फसल को तैयार कर लेते है और जब मेहनत को वसूलने के दिन आएंगे तब विभाग नहर में पानी छोड़ देते है. इससे अधिकांश किसानों की फसलें बर्बाद हो जाती है. किसान जब फसलों के बर्बाद होने की शिकायत करता है तो काफी भाग-दौड़ के बाद बड़ी मुश्किल से जिम्मेदार उसके बर्बाद हुए फसलों का नाम मात्र का मुआवजा दिलवा देते हैं.
सरयू नहर परियोजना से भी किसानों को नहीं मिला फायदा
- सरयू नहर परियोजना शुरू हुए करीब चालीस वर्ष बीत गए है.
- अभी तक इसका सुचारु रूप से संचालन नहीं हो पाया है.
- यहां तक कि इस परियोजना को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा मिलने के बाद भी इसकी सूरत नहीं बदल सकी.
- सिंचाई के लिए बनाई गई माइनरों को झाड़ियों ने अपने आगोश में ले लिया है.
नहरों में पानी नहीं है गन्ने के फसल की सिंचाई नहीं हो पा रही है. मानसून बहुत खराब है हमेशा के लिए नहर भरी रहती है. 4 महीने से खाली है और पानी के लिए बहुत बड़ी समस्या है. गन्ने की फसल सुखी जा रही है और विभाग से कोई कार्रवाई नहीं हो रही. हम पंपिंग सेट से सिंचाई कर रहे हैं.
-कैलाश सिंह, किसान
नहरों में पानी क्यों नहीं आ रहा है. इसकी समीक्षा की जाएगी और उसके बाद जांच कराकर उचित कार्रवाई की जाएगी.
-आशीष कुमार, मुख्य विकास अधिकारी