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निर्मोही अखाड़े का शाही स्नान संपन्न, महामंडलेश्वर रहे अखाड़े की शान

कुम्भ मेले में हुए शाही स्नान में निर्मोही अखाड़ा ने भी अपना शाही स्नान किया. निर्मोही अखाड़े की शान यहाँ के नए महामंडलेश्वर रहे. पूरे शाही अंदाज में त्रिवेणी संगम पर पेश हुए ये साधु संतों ने पूण्य सलिला में आस्था की डुबकी लगाई.

निर्मोही अखाड़ा का शाही स्नान
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Published : Feb 10, 2019, 8:23 PM IST

प्रयागराज: कुम्भ मेले में हुए शाही स्नान में निर्मोही अखाड़ा ने भी अपना शाही स्नान किया. निर्मोही अखाड़े की शान यहाँ के नए महामंडलेश्वर रहे. पूरे शाही अंदाज में त्रिवेणी संगम पर पेश हुए ये साधु संतों ने पूण्य सलिला में आस्था की डुबकी लगाई. घाट पर पहुचे निर्मोही अखाड़े के साधु संतों ने सबसे पहले अपने इष्टदेव को स्नान कराया. उसके बाद त्रिवेणी को छूकर प्रणाम किया.

निर्मोही अखाड़ा का शाही स्नान
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शाही स्नान यात्रा में फूल मालाओं से सजे रथ और ढोल नगाड़े आने वाले तीर्थ यात्रियों के आकर्षण के केंद्र बने रहे. शाही स्नान में शामिल साधु संत अपने हाथ मे दंड कमंडल और हाथों अस्त्र-शस्त्र लिए ये साधु संगम नोज पर करतब दिखाने पहुंचे. पूरे रास्ते जय श्री राम, जय गंगा मैया और हर हर महादेव के गगन भेदी जयघोषों ने पूरे वातावरण को गुंजायमान कर दिया. शाही स्नान में शामिल साधु संत इस स्नान को पौराणिक रूप से इसे पुण्यकारी बताया.


कुंभ मेले के तीसरे व अंतिम शाही स्नान के चलते अखाड़े के साथ उनके साधु संतो के अनुयायी भी हजारों की संख्या में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुचें. कुम्भ मेले के दौरान शामिल नए म्हाण्डलेश्वर भी इसकी शोभा बढ़ाते रहे.

प्रयागराज: कुम्भ मेले में हुए शाही स्नान में निर्मोही अखाड़ा ने भी अपना शाही स्नान किया. निर्मोही अखाड़े की शान यहाँ के नए महामंडलेश्वर रहे. पूरे शाही अंदाज में त्रिवेणी संगम पर पेश हुए ये साधु संतों ने पूण्य सलिला में आस्था की डुबकी लगाई. घाट पर पहुचे निर्मोही अखाड़े के साधु संतों ने सबसे पहले अपने इष्टदेव को स्नान कराया. उसके बाद त्रिवेणी को छूकर प्रणाम किया.

निर्मोही अखाड़ा का शाही स्नान
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शाही स्नान यात्रा में फूल मालाओं से सजे रथ और ढोल नगाड़े आने वाले तीर्थ यात्रियों के आकर्षण के केंद्र बने रहे. शाही स्नान में शामिल साधु संत अपने हाथ मे दंड कमंडल और हाथों अस्त्र-शस्त्र लिए ये साधु संगम नोज पर करतब दिखाने पहुंचे. पूरे रास्ते जय श्री राम, जय गंगा मैया और हर हर महादेव के गगन भेदी जयघोषों ने पूरे वातावरण को गुंजायमान कर दिया. शाही स्नान में शामिल साधु संत इस स्नान को पौराणिक रूप से इसे पुण्यकारी बताया.


कुंभ मेले के तीसरे व अंतिम शाही स्नान के चलते अखाड़े के साथ उनके साधु संतो के अनुयायी भी हजारों की संख्या में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुचें. कुम्भ मेले के दौरान शामिल नए म्हाण्डलेश्वर भी इसकी शोभा बढ़ाते रहे.

Intro:प्रयागराज कुम्भ में मेले में हुए शाही स्नान में निर्मोही अखाड़ा ने भी अपना शाही स्नान किया। निर्मोही अखाड़े की शान यहाँ के नए महामंडलेश्वर रहे। पूरे शाही अंदाज में त्रिवेणी संगम पर पेश हुए ये साधु संतों ने पूण्य सलिला में आस्था की डुबकी लगाई। घाट पर पहुचे निर्मोही अखाड़े के साधु संतों ने सबसे पहले अपने इष्टदेव को स्नान कराया। उसके बाद त्रिवेणी को छूकर प्रणाम किया।


Body:शाही स्नान यात्रा में फूल मालाओं से सजे रथ और ढोल नगाड़े आने वाले तीर्थ यात्रियों के आकर्षण के केंद्र बने रहे। शाही स्नान में शामिल साधु संत अपने हाथ मे दंड कमंडल और हाथों अस्त्र शस्त्र लिए ये साधु संगम नोज पर करतब दिखाते पहुचे। पूरे रास्ते जय श्री राम, जय गंगा मैया और हर हर महादेव के गगन भेदी जयघोष के बीच साधु संतो ने पूरे वातावरण को गुंजायमान कर दिया। शाही स्नान में शामिल साधु संत इस स्नान को पौराणिक रूप से इसे पुण्यकारी बताया।


Conclusion:कुंभ मेले के तीसरे व अंतिम शाही स्नान के चलते अखाड़े के साथ उनके साधु संतो के अनुयायी भी हजारो की संख्या में त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुचे। कूम्भ मेंले के दौरान शामिल नए म्हाण्डलेश्वर भी इसकी शोभा बढ़ाते रहे।

प्रवीण मिश्र
प्रयागराज
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