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उन्नाव में मुख्यमंत्री के आदेश दरकिनार कर अधिकारी कर रहे गौशाला निर्माण

कानपुर जिले में गौशाला के चारों तरफ बैरिकेडिंग के लिए प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल किया गया है. जिससे मवेशी इन तारों में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो रहे हैं.

गौशाला में किया गया प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल.
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Published : Feb 22, 2019, 11:39 AM IST

उन्नाव : सीएम योगी आदित्यनाथ ने भले ही किसानों की फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए गौशाला बनाने के आदेश दिए हो, लेकिन उन्नाव के अधिकारियों को न तो मुख्यमंत्री के आदेशों की परवाह है और न किसी कार्रवाई का खौफ है. शायद यही वजह है कि अधिकारी गौशाला निर्माण में जमकर मनमानी कर रहे हैं. जहां गौशाला में जगह-जगह पानी भरा है. वहीं हालात यह है कि मवेशियों के खाने के लिए चारे और पानी की भी व्यवस्था नहीं है.

गौशाला में किया गया प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल.
उन्नाव के बर्बर गांव में बनी गौशाला मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेरती नजर आ रही है. गौशाला के चारों तरफ बैरिकेडिंग के लिए प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल किया गया है. जिससे मवेशी इन तारों में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो रहे हैं और आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिएबनाई जाने वाली गौशाला की स्थिति दयनीय बनी हुई है.यही नहीं गौशाला में भरे जलभराव औरकीचड़ जानवरों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं.
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वहीं अगर पशु अधिकारी की मानें तो गौशाला की बैरिकेडिंग के लिए ब्लड तारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि यह पूरी तरह प्रतिबंधित है. हैरत की बात तो यह है कि अधिकारी सभी गौशालाओं में जानवरों के चारे पानी के लिए धन भी आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर जानवरों के चारे के लिए आए हुए धन का बंदरबांट कैसे और कौन कर रहा है.

उन्नाव : सीएम योगी आदित्यनाथ ने भले ही किसानों की फसल को आवारा पशुओं से बचाने के लिए गौशाला बनाने के आदेश दिए हो, लेकिन उन्नाव के अधिकारियों को न तो मुख्यमंत्री के आदेशों की परवाह है और न किसी कार्रवाई का खौफ है. शायद यही वजह है कि अधिकारी गौशाला निर्माण में जमकर मनमानी कर रहे हैं. जहां गौशाला में जगह-जगह पानी भरा है. वहीं हालात यह है कि मवेशियों के खाने के लिए चारे और पानी की भी व्यवस्था नहीं है.

गौशाला में किया गया प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल.
उन्नाव के बर्बर गांव में बनी गौशाला मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेरती नजर आ रही है. गौशाला के चारों तरफ बैरिकेडिंग के लिए प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल किया गया है. जिससे मवेशी इन तारों में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो रहे हैं और आवारा पशुओं की सुरक्षा के लिएबनाई जाने वाली गौशाला की स्थिति दयनीय बनी हुई है.यही नहीं गौशाला में भरे जलभराव औरकीचड़ जानवरों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं.
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वहीं अगर पशु अधिकारी की मानें तो गौशाला की बैरिकेडिंग के लिए ब्लड तारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि यह पूरी तरह प्रतिबंधित है. हैरत की बात तो यह है कि अधिकारी सभी गौशालाओं में जानवरों के चारे पानी के लिए धन भी आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं. अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर जानवरों के चारे के लिए आए हुए धन का बंदरबांट कैसे और कौन कर रहा है.

Intro:उन्नाव:-- सुबह के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने भले ही किसानों की फसल को गांव बंसी पशुओं से बचाने के लिए गौशाला बनाकर आवारा जानवरों को रखने के आदेश दिए हो लेकिन उन्नाव के अधिकारियों को ना तो मुख्यमंत्री के आदेशों की को परवाह है ना ही किसी कार्यवाही का खौफ शायद यही वजह है कि अधिकारी गौशाला निर्माण में जमकर मनमानी कर रहे हैं ईटीवी की टीम ने जब ग्राउंड जीरो पर जाकर इसकी हकीकत जानी तो वह चौंकाने वाली थी क्योंकि गौशाला में ना सिर्फ जगह जगह पानी भरा था बल्कि गंदगी का अंबार था हालात यह है कि मवेशियों के खाने के लिए चारे और पानी की भी व्यवस्था नहीं है यही नहीं गौशाला की बारी कटिंग के नाम पर प्रतिबंधित ब्लड तारों का इस्तेमाल किया गया है जिससे जानवर घायल हो रहे हैं


Body:उन्नाव के बर्बर गांव में बनी गौशाला मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना पर पानी फेर की नजर आ रही गौशाला के चारों तरफ बैरिकेडिंग के लिए प्रतिबंधित तारों का इस्तेमाल किया गया है जिससे मवेशी इन तारों में फंसकर बुरी तरह जख्मी हो रहे हैं और मुख्यमंत्री की गांव बंसी पशुओं की सुरक्षा की मंशा से बनाई जाने वाली गौशाला अब मधुशाला बन गई है यही नहीं गौशाला में भरे जलभराव वह कीचड़ जानवरों के लिए परेशानी खड़ी कर रहे हैं हालात यह है कि किसानों की फसलों को आवारा मवेशियों से बचाने की मुख्यमंत्री की दूसरी मनसा भी फेल होती नजर आ रही क्योंकि गौशाला में चारे और पानी की कोई व्यवस्था ना होने से गौशाला में बंद की गई जानवरों को अधिकारी रात में छोड़ देते हैं जिससे भूखे प्यासे यह मवेशी किसानों की फसल को तहस-नहस कर देते हैं जिसको लेकर किसान बेहद परेशान है उनका कहना है कि गौशाला बनने से उन्हें लगा था कि उनकी फसल अब सुरक्षित होगी लेकिन अब तो और अधिक नुकसान हो रहा है।

बाईट--अयोध्या प्रसाद (किसान)


Conclusion:वहीं अगर पशु अधिकारी की मानें तो गौशाला की बैरिकेडिंग के लिए ब्लड तारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता क्योंकि यह पूरी तरह प्रतिबंधित है हैरत की बात तो यह है कि अधिकारी सभी गौशालाओं में जानवरों के चारे पानी के लिए धन भी आवंटित किए जाने की बात कह रहे हैं अब ऐसे में सवाल यह है कि आखिर जानवरों के चारे के लिए आए हुए धन का बंदरबांट कैसे और कौन कर रहा है।

बाईट--प्रमोद सिंह (मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी)

वीरेंद्र यादव
उन्नाव
मो-9839757000
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