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बीजेपी उम्मीदवार और स्थानीय विधायकों में तालमेल की कमी, सक्रिय हुए अमित शाह

बीजेपी के लोकसभा प्रत्याशियोें और स्थानीय विधायकों में चुनावी रणनीती में तालमेल नहीं बैठ रहा है. लोकसभा चुनाव के समय पार्टी में यह समस्या बीजेपी के लिए किसी खतरे की घंटी से कम नहीं है. इसके साथ ही बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह भी पार्टी में उत्पन्न किसी भी समस्या से उबरने के लिए तैयार हैं.

बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी
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Published : Apr 29, 2019, 5:11 PM IST

Updated : Apr 29, 2019, 5:25 PM IST


लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी पिछले समय से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों के बीच सामंजस्य बैठाने को लेकर चिंतित है. पार्टी को यह फीडबैक मिल रहा है कि स्थानीय विधायक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का साथ नहीं दे रहे हैं.

बीजापी में उत्पन्न हुई सामंजस्य की स्थिती.


प्रदेश में ऐसी कई सीटें हैं जहां उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों के सामंजस्य में दिक्कतें आ रही है. मुख्य रूप से उन्नाव, फतेहपुर, बांदा, गोरखपुर, बलिया, बाराबंकी, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, हमीरपुर और झांसी जैसी सीटों पर स्थानीय विधायक और पार्टी के प्रत्याशियों के बीच सामंजस्य नहीं है. जनसंपर्क में वह अगर निकलते भी हैं तो दो-चार घर घूम के दूसरे रास्ते से अपने घर पहुंच जाते हैं.


प्रदेश के महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित क्षेत्रवार पार्टी के जो प्रभारी हैं वह सभी स्थानीय विधायकों से बात कर उन्हें फटकार लगा रहे हैं, जिससे सभी स्थानीय विधायक चुनाव में जुड़ जाएं और पार्टी को कोई नुकसान न हो. वहीं उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों की इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी प्रयास किया जा रहा है.



पार्टी में अगर कोई सामंजस्य की समस्या होती है तो उसे स्थानीय स्तर पर उसे दूर किया जाता है. इस समय पार्टी का पूरा फोकस चुनाव पर है. कहीं कोई समस्या होती है तो उसे पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा दूर किया जाता है. प्रदेश को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी पूरी तरह से सक्रिय हैं.
हीरो वाजपेयी, बीजेपी, प्रदेश प्रवक्ता


लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी पिछले समय से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों के बीच सामंजस्य बैठाने को लेकर चिंतित है. पार्टी को यह फीडबैक मिल रहा है कि स्थानीय विधायक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का साथ नहीं दे रहे हैं.

बीजापी में उत्पन्न हुई सामंजस्य की स्थिती.


प्रदेश में ऐसी कई सीटें हैं जहां उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों के सामंजस्य में दिक्कतें आ रही है. मुख्य रूप से उन्नाव, फतेहपुर, बांदा, गोरखपुर, बलिया, बाराबंकी, प्रतापगढ़, अंबेडकरनगर, हमीरपुर और झांसी जैसी सीटों पर स्थानीय विधायक और पार्टी के प्रत्याशियों के बीच सामंजस्य नहीं है. जनसंपर्क में वह अगर निकलते भी हैं तो दो-चार घर घूम के दूसरे रास्ते से अपने घर पहुंच जाते हैं.


प्रदेश के महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित क्षेत्रवार पार्टी के जो प्रभारी हैं वह सभी स्थानीय विधायकों से बात कर उन्हें फटकार लगा रहे हैं, जिससे सभी स्थानीय विधायक चुनाव में जुड़ जाएं और पार्टी को कोई नुकसान न हो. वहीं उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों की इस समस्या को दूर करने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी प्रयास किया जा रहा है.



पार्टी में अगर कोई सामंजस्य की समस्या होती है तो उसे स्थानीय स्तर पर उसे दूर किया जाता है. इस समय पार्टी का पूरा फोकस चुनाव पर है. कहीं कोई समस्या होती है तो उसे पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा दूर किया जाता है. प्रदेश को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी पूरी तरह से सक्रिय हैं.
हीरो वाजपेयी, बीजेपी, प्रदेश प्रवक्ता

Intro:एंकर
लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी इस समय कुछ अपने चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और स्थानीय विधायकों के बीच सामंजस्य बैठाने को लेकर चिंतित है। पार्टी नेतृत्व को पिछले काफी समय से लगातार यह फीडबैक मिल रहा है कि स्थानीय विधायक चुनाव लड़ रहे प्रत्याशियों का साथ नहीं दे रहे हैं, वह घर बैठे हुए हैं अगर कहीं पर साथ दे रहे हैं तो सिर्फ दिखावे के रूप में।
चुनाव में बीजेपी के लिए यह स्थिति ठीक नहीं है। हालांकि तमाम जगहों पर पार्टी उम्मीदवार और स्थानीय संगठन और स्थानीय विधायकों के बीच तालमेल बेहतर है, लेकिन जहां जो कमियां हैं गुटबाजी है उसको दूर करने पर पार्टी का पूरा प्रदेश नेतृत्व लगा हुआ है जिससे चुनाव डिस्टर्ब ना हो और पार्टी की जीत सुनिश्चित की जा सके।



Body:उत्तर प्रदेश की ऐसी तमाम लोकसभा सीटें हैं जहां पर इस गुटबाजी और सामंजस्य ना होने की जानकारी पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को कई दिनों से मिल रही है। मुख्य रूप से उन्नाव फतेहपुर बांदा गोरखपुर संत कबीर नगर बलिया बाराबंकी प्रतापगढ़ अंबेडकर नगर हमीरपुर व झांसी जैसी शामिल यहां पर खुलकर स्थानीय विधायक पार्टी प्रत्याशियों के साथ नहीं है जनसंपर्क में अगर निकलते भी हैं तो दो-चार घर घूम के दूसरे रास्ते से अपने घर पहुंच जाते हैं।यह सारी स्थिति पार्टी के प्रदेश नेतृत्व को मिल रही है इसके बाद प्रदेश महामंत्री संगठन सुनील बंसल सहित क्षेत्रवार पार्टी के जो प्रभारी है वह लोग स्थानीय विधायकों से बात भी करके मनाने का प्रयास कर रहे हैं डांट फटकार भी लगा रहे हैं जिससे यह लोग चुनाव में भी जुड़ जाएं और पार्टी को कोई नुकसान ना होने पाए खास बात यह है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरफ से भी यह समस्या दूर करने को लेकर प्रयास किया जा रहा है तमाम जगहों पर प्रांत प्रचारक के स्तर पर सामंजस्य बिठाने की कोशिश भी की गई है।

बाईट
भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी ने कहा कि कहीं कोई अगर समस्या सामंजस्य की रहती है स्थानीय स्तर पर तो उसे दूर किया जाता है पार्टी का पूरा फोकस चुनाव पर है। जहां जो समस्या होती है उसे पार्टी के प्रदेश नेतृत्व द्वारा दूर करके सामाजिक बिठा दिया जाता है उत्तर प्रदेश को लेकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह जी पूरी तरह से सक्रिय है और पूरा ध्यान दे रहे हैं जहां जो कमियां आती है उसे बातचीत करके दूर कर दिया जाता है।



Conclusion:
Last Updated : Apr 29, 2019, 5:25 PM IST
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