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हाशिए पर लोहिया संस्थान में एमबीबीएस की मान्यता, क्या है माजरा?

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Published : Jun 25, 2020, 7:15 PM IST

Updated : Jun 25, 2020, 8:27 PM IST

यूपी की राजधानी लखनऊ में स्थित लोहिया संस्थान एमसीआई के मानक अब तक पूरे नहीं कर पाया है. ऐसे में एमबीबीएस के नए बैच के दाखिले पर अड़ंगा लगता दिख रहा है.

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लोहिया में पूरे नहीं है एमसीआई के मानक

लखनऊ: राजधानी के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में शुमार लोहिया संस्थान एमसीआई के मानक अभी तक पूरे नहीं कर पा रहा है. इसकी वजह से अब आगे आने वाले दिनों में एमबीबीएस के छात्रों के एडमिशन में तमाम तरह की अड़चनें सामने आ सकती हैं. लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय हो जाने के बाद उम्मीद थी कि लोहिया संस्थान अपने चिकित्सा संस्थान होने के तमाम मांगों को पूरा कर लेगा, लेकिन फिलहाल अब तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इसकी वजह से अब इस साल होने वाले एमबीबीएस के दाखिले में भी छात्रों को झटका लग सकता है.

नए दाखिले पर मंडरा रहा संकट
राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है. मानक अधूरे होने से एबीबीएस के नए बैच के दाखिले पर संकट मंडरा रहा है. बीते दिनों राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल का विलय किया गया था, जिससे कि लोहिया संस्थान के सभी मानक पूरे हो जाए और यहां पर बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को मिलने लगे.

चिकित्सा संस्थान होने की वजह से यहां आने वाले छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए बेहतर चिकित्सा शिक्षा संस्थान में मिल पाए ऐसा प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अगस्त-सितंबर में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम मानकों को परखने के लिए राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में आ सकती है. वहीं इस अवधि में अभी तक लोहिया संस्थान ने अपने मानक पूरे नहीं किए हैं. इसके बाद मानक पूरे होते सितंबर तक दिख भी नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से एमबीबीएस नए बैच के दाखिले पर अड़ंगा लगता दिख रहा है.

संस्थान में 300 बेड हैं कम
बता दें कि लोहिया संस्थान में लगभग 200 सीटें हैं. इसके बावजूद संस्थान में छात्रों के लिए व्यवस्था नहीं है. संस्थान में 20 एकड़ भूमि पर निर्माण के संकट और गहराता जा रहा है. गोमती नगर विस्तार में 500 बेड का अस्पताल बनना है. इसके साथ-साथ ट्रामा सेंटर, आईसीयू , वेंटीलेटर, इमरजेंसी के बेड को मिला भी लिया जाए तो भी 300 बेड अभी भी कम है. एमबीबीएस के नए बैच की मान्यता के लिए 910 बेड की जरूरत है, लेकिन एमसीआई गाइडलाइंस का पालन अभी तक लोहिया संस्थान में नहीं हो रहा है. इसकी वजह से नए बैच के एडमिशन में तमाम समस्याएं खड़ी होती दिख रही हैं.

डॉ. विक्रम सिंह ने दी जानकारी
लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी उसको लेकर के रणनीति तैयार कर रहे हैं और जल्दी एमसीआई के मानकों को पूरा करके नए बैच कब प्रवेश आरंभ किया जाएगा. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन तमाम मांगों को पूरा करने के बाद राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में एमबीबीएस के नए बैच के प्रवेश प्रारंभ हो सकेंगे. इससे कि बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा भी लोहिया संस्थान में छात्रों को मिल पाएगी.

लखनऊ: राजधानी के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों में शुमार लोहिया संस्थान एमसीआई के मानक अभी तक पूरे नहीं कर पा रहा है. इसकी वजह से अब आगे आने वाले दिनों में एमबीबीएस के छात्रों के एडमिशन में तमाम तरह की अड़चनें सामने आ सकती हैं. लोहिया संस्थान में अस्पताल के विलय हो जाने के बाद उम्मीद थी कि लोहिया संस्थान अपने चिकित्सा संस्थान होने के तमाम मांगों को पूरा कर लेगा, लेकिन फिलहाल अब तक ऐसा होता नहीं दिख रहा है. इसकी वजह से अब इस साल होने वाले एमबीबीएस के दाखिले में भी छात्रों को झटका लग सकता है.

नए दाखिले पर मंडरा रहा संकट
राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मांगों को गंभीरता से नहीं लिया है. मानक अधूरे होने से एबीबीएस के नए बैच के दाखिले पर संकट मंडरा रहा है. बीते दिनों राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में लोहिया अस्पताल का विलय किया गया था, जिससे कि लोहिया संस्थान के सभी मानक पूरे हो जाए और यहां पर बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं लोगों को मिलने लगे.

चिकित्सा संस्थान होने की वजह से यहां आने वाले छात्रों को उज्जवल भविष्य के लिए बेहतर चिकित्सा शिक्षा संस्थान में मिल पाए ऐसा प्रयास किया जा रहा था, लेकिन अगस्त-सितंबर में मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की टीम मानकों को परखने के लिए राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में आ सकती है. वहीं इस अवधि में अभी तक लोहिया संस्थान ने अपने मानक पूरे नहीं किए हैं. इसके बाद मानक पूरे होते सितंबर तक दिख भी नहीं रहे हैं, जिसकी वजह से एमबीबीएस नए बैच के दाखिले पर अड़ंगा लगता दिख रहा है.

संस्थान में 300 बेड हैं कम
बता दें कि लोहिया संस्थान में लगभग 200 सीटें हैं. इसके बावजूद संस्थान में छात्रों के लिए व्यवस्था नहीं है. संस्थान में 20 एकड़ भूमि पर निर्माण के संकट और गहराता जा रहा है. गोमती नगर विस्तार में 500 बेड का अस्पताल बनना है. इसके साथ-साथ ट्रामा सेंटर, आईसीयू , वेंटीलेटर, इमरजेंसी के बेड को मिला भी लिया जाए तो भी 300 बेड अभी भी कम है. एमबीबीएस के नए बैच की मान्यता के लिए 910 बेड की जरूरत है, लेकिन एमसीआई गाइडलाइंस का पालन अभी तक लोहिया संस्थान में नहीं हो रहा है. इसकी वजह से नए बैच के एडमिशन में तमाम समस्याएं खड़ी होती दिख रही हैं.

डॉ. विक्रम सिंह ने दी जानकारी
लोहिया संस्थान के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. विक्रम सिंह का कहना है कि संस्थान के प्रशासनिक अधिकारी उसको लेकर के रणनीति तैयार कर रहे हैं और जल्दी एमसीआई के मानकों को पूरा करके नए बैच कब प्रवेश आरंभ किया जाएगा. उम्मीद है कि आने वाले दिनों में इन तमाम मांगों को पूरा करने के बाद राजधानी लखनऊ के लोहिया संस्थान में एमबीबीएस के नए बैच के प्रवेश प्रारंभ हो सकेंगे. इससे कि बेहतर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ चिकित्सा शिक्षा भी लोहिया संस्थान में छात्रों को मिल पाएगी.

Last Updated : Jun 25, 2020, 8:27 PM IST
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