रायबरेली: रेलवे बोर्ड की ओर से लालगंज के आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने का निर्णय किया गया है. इसके बाद से ही संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है. मॉडर्न कोच फैक्ट्री संघर्ष समिति का भारतीय रेलवे के लगभग सभी संगठनों ने समर्थन किया है. ऐसे में कारखाने में कार्यरत कर्मचारी अब सरकार और बोर्ड के खिलाफ आर-पार की लड़ाई की बात कह रहे हैं. यूनियन नेताओं ने मांगे पूरी न होने पर आत्मदाह की बात भी कही है.
लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री में कार्यरत यूनियन नेता राजेंद्र कुमार ने बताया कि 18 जून रेलवे बोर्ड ने मॉडर्न कोच फैक्ट्री के निगमीकरण से जुड़ा आदेश जारी किया था, इसी आदेश के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. मॉडर्न कोच फैक्ट्री को विश्वस्तरीय कोच कारखाना करार देते हुए राजेंद्र कुमार ने दावा किया कि फैक्ट्री ने सालाना उत्पादन को लेकर तय किए गए लक्ष्य से ज्यादा रेल डिब्बों के निर्माण करने में कामयाबी हासिल की है, फिर भी एमसीएफ के विरुद्ध सरकार व रेल मंत्रालय ऐसे कदम उठा रहे हैं. कम समय और बेहद कम दामों में उच्चस्तरीय रेल डिब्बों का निर्माण करने में निपुण इस कारखाने का देश ही नहीं विदेशों में भी कोई सानी नहीं है. रेलवे यूनियन नेता ने दावा किया कि पूर्व की सरकारों ने अरबों रुपए लगाकर कोच फैक्ट्री की नींव रखी थी, लेकिन निगमीकरण की आड़ में इसे निजीकरण के अंजाम तक पहुंचाए जाने की साजिश की जा रही है.
आत्मदाह की चेतावनी
एम्प्लाइज यूनियन के नेता एस सिंह का कहना है कि आखिर क्या कारण है कि इस इकाई में उत्पादन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होने के बावजूद इसका निगमीकरण किया जा रहा है. सिंह ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री बुलंदी की दौड़ में तीव्र गति से आगे चल रही थी, पर निगमीकरण को लेकर श्रमिकों के मन मे उहा-पोह की स्थित देखने को मिल रही है और यही कारण है कि दिन प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. यूनियन नेताओं ने सरकार को आगाह करते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगे न मानीं, तो वे आत्मदाह को मजबूर होंगे.
फिलहाल इस विषय में कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है. संस्थान के महाप्रबंधक ने इकाई में चल रहे विरोध प्रदर्शन की जानकारी रेलवे बोर्ड को दे दी है.
- आर पी शर्मा , डीजीएम व चीफ पीआरओ, मॉडर्न कोच फैक्ट्री