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मॉडर्न रेल कोच फैक्ट्री में आंदोलनकारियों की चेतावनी, मांगे न मानीं तो करेंगे आत्मदाह - विरोध प्रदर्शन

रायबरेली के लालगंज स्थित रेल कोच फैक्ट्री में विरोध प्रदर्शन तेज हो गया है. आंदोलनकारी सरकार व रेलवे बोर्ड के खिलाफ आर-पार की लड़ाई के मूड में दिख रहे हैं. वहीं तमाम रेलवे संगठन और मजदूर यूनियन भी आंदोलनकारियों के समर्थन में उतर आए हैं.

निगमीकरण के खिलाफ धरने पर बैठे मॉडर्न कोच फैक्ट्री कर्मचारी.
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Published : Jul 3, 2019, 8:38 AM IST

रायबरेली: रेलवे बोर्ड की ओर से लालगंज के आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने का निर्णय किया गया है. इसके बाद से ही संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है. मॉडर्न कोच फैक्ट्री संघर्ष समिति का भारतीय रेलवे के लगभग सभी संगठनों ने समर्थन किया है. ऐसे में कारखाने में कार्यरत कर्मचारी अब सरकार और बोर्ड के खिलाफ आर-पार की लड़ाई की बात कह रहे हैं. यूनियन नेताओं ने मांगे पूरी न होने पर आत्मदाह की बात भी कही है.

निगमीकरण के खिलाफ धरने पर बैठे फैक्ट्री कर्मचारी.
क्या कहते हैं यूनियन नेता

लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री में कार्यरत यूनियन नेता राजेंद्र कुमार ने बताया कि 18 जून रेलवे बोर्ड ने मॉडर्न कोच फैक्ट्री के निगमीकरण से जुड़ा आदेश जारी किया था, इसी आदेश के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. मॉडर्न कोच फैक्ट्री को विश्वस्तरीय कोच कारखाना करार देते हुए राजेंद्र कुमार ने दावा किया कि फैक्ट्री ने सालाना उत्पादन को लेकर तय किए गए लक्ष्य से ज्यादा रेल डिब्बों के निर्माण करने में कामयाबी हासिल की है, फिर भी एमसीएफ के विरुद्ध सरकार व रेल मंत्रालय ऐसे कदम उठा रहे हैं. कम समय और बेहद कम दामों में उच्चस्तरीय रेल डिब्बों का निर्माण करने में निपुण इस कारखाने का देश ही नहीं विदेशों में भी कोई सानी नहीं है. रेलवे यूनियन नेता ने दावा किया कि पूर्व की सरकारों ने अरबों रुपए लगाकर कोच फैक्ट्री की नींव रखी थी, लेकिन निगमीकरण की आड़ में इसे निजीकरण के अंजाम तक पहुंचाए जाने की साजिश की जा रही है.

आत्मदाह की चेतावनी
एम्प्लाइज यूनियन के नेता एस सिंह का कहना है कि आखिर क्या कारण है कि इस इकाई में उत्पादन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होने के बावजूद इसका निगमीकरण किया जा रहा है. सिंह ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री बुलंदी की दौड़ में तीव्र गति से आगे चल रही थी, पर निगमीकरण को लेकर श्रमिकों के मन मे उहा-पोह की स्थित देखने को मिल रही है और यही कारण है कि दिन प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. यूनियन नेताओं ने सरकार को आगाह करते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगे न मानीं, तो वे आत्मदाह को मजबूर होंगे.

फिलहाल इस विषय में कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है. संस्थान के महाप्रबंधक ने इकाई में चल रहे विरोध प्रदर्शन की जानकारी रेलवे बोर्ड को दे दी है.
- आर पी शर्मा , डीजीएम व चीफ पीआरओ, मॉडर्न कोच फैक्ट्री

रायबरेली: रेलवे बोर्ड की ओर से लालगंज के आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने का निर्णय किया गया है. इसके बाद से ही संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है. मॉडर्न कोच फैक्ट्री संघर्ष समिति का भारतीय रेलवे के लगभग सभी संगठनों ने समर्थन किया है. ऐसे में कारखाने में कार्यरत कर्मचारी अब सरकार और बोर्ड के खिलाफ आर-पार की लड़ाई की बात कह रहे हैं. यूनियन नेताओं ने मांगे पूरी न होने पर आत्मदाह की बात भी कही है.

निगमीकरण के खिलाफ धरने पर बैठे फैक्ट्री कर्मचारी.
क्या कहते हैं यूनियन नेता

लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री में कार्यरत यूनियन नेता राजेंद्र कुमार ने बताया कि 18 जून रेलवे बोर्ड ने मॉडर्न कोच फैक्ट्री के निगमीकरण से जुड़ा आदेश जारी किया था, इसी आदेश के विरोध में प्रदर्शन किया जा रहा है. मॉडर्न कोच फैक्ट्री को विश्वस्तरीय कोच कारखाना करार देते हुए राजेंद्र कुमार ने दावा किया कि फैक्ट्री ने सालाना उत्पादन को लेकर तय किए गए लक्ष्य से ज्यादा रेल डिब्बों के निर्माण करने में कामयाबी हासिल की है, फिर भी एमसीएफ के विरुद्ध सरकार व रेल मंत्रालय ऐसे कदम उठा रहे हैं. कम समय और बेहद कम दामों में उच्चस्तरीय रेल डिब्बों का निर्माण करने में निपुण इस कारखाने का देश ही नहीं विदेशों में भी कोई सानी नहीं है. रेलवे यूनियन नेता ने दावा किया कि पूर्व की सरकारों ने अरबों रुपए लगाकर कोच फैक्ट्री की नींव रखी थी, लेकिन निगमीकरण की आड़ में इसे निजीकरण के अंजाम तक पहुंचाए जाने की साजिश की जा रही है.

आत्मदाह की चेतावनी
एम्प्लाइज यूनियन के नेता एस सिंह का कहना है कि आखिर क्या कारण है कि इस इकाई में उत्पादन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होने के बावजूद इसका निगमीकरण किया जा रहा है. सिंह ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री बुलंदी की दौड़ में तीव्र गति से आगे चल रही थी, पर निगमीकरण को लेकर श्रमिकों के मन मे उहा-पोह की स्थित देखने को मिल रही है और यही कारण है कि दिन प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है. यूनियन नेताओं ने सरकार को आगाह करते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने उनकी मांगे न मानीं, तो वे आत्मदाह को मजबूर होंगे.

फिलहाल इस विषय में कोई औपचारिक पत्र नहीं मिला है. संस्थान के महाप्रबंधक ने इकाई में चल रहे विरोध प्रदर्शन की जानकारी रेलवे बोर्ड को दे दी है.
- आर पी शर्मा , डीजीएम व चीफ पीआरओ, मॉडर्न कोच फैक्ट्री

Intro:रायबरेली:एमसीएफ के आंदोलनकारियों का बयान,सरकार ने नही मानी मांगे तब करेंगें आत्मदाह

बोले आंदोलनकारी, एमसीएफ के निगमीकरण के प्रस्ताव को रद्द करे सरकार,नही तो होगी आर पार की लड़ाई


02 जुलाई 2019 - रायबरेली

रेलवे बोर्ड द्वारा लालगंज के आधुनिक रेल डिब्बा कारखाने को निगमीकरण के दायरे में लाने का निर्णय लिए जाने के बाद से ही संघर्ष समिति के बैनर तले विरोध प्रदर्शन आयोजित किया जा रहा है।मॉडर्न कोच फैक्ट्री के संघर्ष समिति को जहां भारतीय रेल के लगभग सभी संगठनों ने चल रहे विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया है वही कारखाने में कार्यरत एम्प्लॉई अब सरकार व बोर्ड के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने की बात कह रहे है।कुछ यूनियन नेताओं ने सरकार द्वारा मांगे न माने जाने पर आत्मदाह करने के बात भी कही।




Body:लालगंज के मॉडर्न कोच फैक्ट्री में कार्यरत यूनियन नेता राजेंद्र कुमार ने बताया कि 18 जून रेलवे बोर्ड द्वारा मॉडर्न कोच फैक्ट्री के निगमीकरण से जुड़ा आदेश जारी हुआ था उसी के विरोध में कारखाने परिसर में एकत्रित होकर एम्प्लाइज नारेबाजी कर रहे है।मॉडर्न कोच फैक्ट्री को विश्वस्तरीय कोच कारखाना करार देते हुए राजेंद्र कुमार ने दावा किया सरकार द्वारा फैक्ट्री के सालाना उत्पादन को लेकर तय किए गए लक्ष्य से ज्यादा रेल डिब्बों के निर्माण करने में कामयाबी हासिल की गई है फिर भी एमसीएफ के विरुद्ध सरकार व रेल मंत्रालय द्वारा ऐसे कदम उठाएं जा रहे है।कम समय में उच्चस्तरीय रेल डिब्बों का निर्माण बेहद कम दामों में करने में निपुण हो चुके इस कारखाने का देश ही नही विदेशों में भी कोई सानी ढूंढे नही मिल रहा है।रेलवे यूनियन नेता ने दावा किया कि पूर्व की सरकारों द्वारा अरबों रुपए लगाकर कोच फैक्ट्री की नींव रखी गई थी पर निगमीकरण के आड़ में इसे निजीकरण के अंजाम तक पहुचाया जाएगा।भारतीय रेल को देश के विकास में रीढ़ की हड्डी की भूमिका में काम करने के बात करते हुए राजेंद्र कुमार ने सरकार द्वारा सौतेला व्यवहार किए जाने की बात कही।

एम्प्लाइज यूनियन के नेता एस सिंह ने ETV को बताया कि आखिर क्या कारण है कि इस इकाई में उत्पादन का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन होने के बावजूद इसका निगमीकरण किया जा रहा है। सिंह ने बताया कि मॉडर्न कोच फैक्ट्री बुलंदी की दौड़ में तीव्र गति से आगे चल रही थी पर निगमीकरण को लेकर श्रमिकों के मन मे ऊहापोह की स्थित देखने को मिली, और यही कारण है कि दिन प्रतिदिन विरोध प्रदर्शन बढ़ता ही जा रहा है।सिंह ने सरकार को आगाह करते हुए चेतावनी दी यदि सरकार व मंत्रालय द्वारा मांगे न माने जाने पर वो आत्मदाह करने को भी तैयार है।

वही जब कोच फैक्ट्री के निगमीकरण को लेकर महाप्रबंधक के सचिव आर पी शर्मा से ETV संवाददाता ने बातचीत की तो उन्होनें बताया कि फिलहाल इस विषय में उन्हें कोई औपचारिक पत्र नही मिला है हालांकि इकाई में चल रहे विरोध प्रदर्शन की जानकारी होने को बात कहते हुए शर्मा कहते है कि संस्थान के महाप्रबंधक द्वारा रेलवे बोर्ड को विरोध प्रदर्शन को लेकर अवगत करा दिया गया है।





Conclusion:बाइट 1 : राजेंद्र कुमार - ऑल इंडिया रेलवे एम्प्लॉय एसोसिएशन के जोनल पदाधिकारी व कर्मचारी - एमसीएफ - रायबरेली

बाइट 2: एस सिंह - रेल कोच फैक्ट्री एम्प्लॉई यूनियन के पदाधिकारी

बाइट 3: सुशील गुप्ता - मजदूर यूनियन पदाधिकारी - एमसीएफ


काउंटर बाइट : आर पी शर्मा - डीजीएम व चीफ पीआरओ - मॉडर्न कोच फैक्ट्री - लालगंज, रायबरेली

प्रणव कुमार - 7000024034
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