लखनऊ: ट्रेन के संचालन में बिजली की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. इस लॉकडाउन में रेलवे बिजली विभाग ने अपनी उपयोगिता भी साबित की है. उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल के विद्युत विभाग ने लॉकडाउन के दौरान अनेक चुनौतियों का सामना करते हुए सुनियोजित रणनीति अपनाकर बेहतर सेवाएं प्रदान कीं. इस आपदाकाल के बाद भी मंडल ने लगातार रेल गतिविधियों का संचालन, संपत्तियों का उचित रखरखाव और तमाम कामों को सीमित संसाधनों के बावजूद समय पर पूरा किया.
उत्तर रेलवे के मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने बताया कि इस अवधि में मंडल ने पिट लाइन में 994 कोचों को व सिक लाइन में 47 कोचों का अनुरक्षण कार्य किया. एसी व एलएचबी वतानुकूलित कोचों का मेंटिनेंस कार्य भी पूरा किया गया. लखनऊ में खड़े सभी आइसोलेशन कोचों में वोल्टेज की निगरानी नियमित रूप से की गई और कम वोल्टेज वाले कोचों में जरूरी चार्जिंग उपलब्ध कराते हुए इनका नियमित रिकॉर्ड भी रखा गया.
वहीं वातानुकूलित कोचों की सभी सुविधाओं की आधुनिक मशीनों से जांच की गई. मंडल द्वारा 37 कोचों को आइसोलेशन कोचों में परिवर्तित किया गया और इस प्रक्रिया के दौरान बैटरी, इमरजेंसी लाइट, पंखे, एलईडी ट्यूब लाइट, इन्वर्टर, ग्लास फ्यूज, बैटरी फ्यूज, एचआरसी फ्यूज, स्विच प्लेट असेम्बली और अन्य आवश्यक उपकरण उपलब्ध कराए गए. इन कोचों को मानक के अनुरूप बनाने के लिए 18 नये मोबाइल चार्जिग पॉइंट भी उपलब्ध कराए गए. आइसोलेशन कोचों की बैटरी चार्जिंग और उपलब्ध विद्युत उपकरणों की कार्य क्षमता को रोजाना परखा गया.
सीनियर डीसीएम जगतोष शुक्ला ने बताया कि गर्मी के मौसम को देखते हुए विभिन्न प्रकार के उपकरणों, संयंत्रों की मरम्मत, रख-रखाव और अनुरक्षण कार्य को समय पर पूरा करके उनकी कार्यदक्षता को परखा गया. मंडल के सभी कार्यालयों, चिकित्सालयों, स्वास्थ्य इकाइयों, स्टेशनों, कॉलोनियों, प्लेटफॉर्मों सहित अन्य सभी जगहों पर सुचारु विद्युत आपूर्ति की गई.
मंडल रेल प्रबंधक संजय त्रिपाठी ने मंडल के विद्युत विभाग को मंडल की प्राणशक्ति बताया. उन्होंने कहा कि इस आपदा काल में मंडल के विद्युत विभाग ने अपनी सर्वोच्च सेवाओं से राष्ट्र हित में कार्य करते हुए अपनी अनूठी कार्यशैली से विषम परिस्थितियों पर नियंत्रण रखते हुए एक सशक्त प्रहरी की तरह अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है.