जौनपुर: जिला मुख्यालय से करीब 30 किलोमीटर की दूर त्रिलोचन महादेव के नाम से भगवान शिव का ऐसा मंदिर है. जहां आने वाले श्रद्धालुओं की भगवान भोले सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. इस मंदिर के प्रांगण में एक ऐसा अनोखा सरोवर है जिसका वर्णन प्राचीन स्कंद पुराण में किया गया है. सरोवर के बारे में कहावत है कि यहां स्नान करने मात्र से ही सारे चर्म रोग दूर हो जाते हैं.
शिवरात्रि के पर्व पर जहां भगवान भोले के दर्शन के लिए त्रिलोचन महादेव मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहता है, तो वहीं इस मौके पर सरोवर में स्नान करने वाले लोगों की संख्या भी बढ़ जाती है. कहा जाता है कि सरोवर सुरंग के माध्यम से सई नदी से जुड़ा हुआ है. जिसके चलते आज तक सरोवर का पानी कभी सूखा नहीं है और न ही इसकी गहराई को नापा जा सका है.
सरोवर की प्राचीनता की बात करें तो यह त्रिलोचन महादेव मंदिर के समकालीन की बताई जाती है. सरोवर के बारे में यह भी कहा जाता है इसका जुड़ाव सई नदी से है, जबकि सई नदी सरोवर से करीब 8 किलोमीटर की दूरी पर है.
त्रिलोचन महादेव मंदिर के पुजारी बताते हैं कि इस सरोवर की बहुत मान्यता है. जिसमें स्नान स्नान मात्र से ही सभी तरह के चर्म रोग दूर हो जाते है. उन्होंने बताया कि सरोवर में स्नान करने के लिए श्रद्धालु दूर-दूर से यहां आते हैं.