लखनऊ : देश में पंजीकृत राजनीतिक दलों की संख्या 23 सौ से भी ज्यादा है, जबकि 5 साल पहले 2014 में इनकी तादाद 1866 हुआ करती थी. यानी हर साल औसतन 60 नए राजनीतिक दल पंजीकृत हुए हैं. राजनीतिक दलों के पंजीकरण की रफ्तार देश की आजादी से अब तक के 70 सालों में सबसे ज्यादा है. नए राजनीतिक दलों में बड़ी तादाद ऐसे लोगों की है जो पहले नौकरशाह रहे हैं और रिटायर होने के बाद उन्होंने अपनी राजनीतिक पार्टी बना डाली.
भारत का कानून सभी राजनीतिक दलों का पूरा संरक्षण करता है. यहीं वजह है कि राजनीतिक दलों का पंजीकरण कराने के बाद अगर उनमें काला धन छुपाया जाता है, तो उसकी जांच पड़ताल और संदिग्ध लेनदेन पर रोक लगाना संभव नहीं है. जब तक किसी आपराधिक गिरोह से उनके संबंध के स्पष्ट सबूत न मिले.