हाथरस: बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. आलू, सरसों, गेहूं आदि कई प्रकार की फसलों को ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में न तो उनको किसी सरकारी योजना का लाभ मिल पाया है और न ही सरकार या प्रशासन द्वारा कोई मदद मिल रही है.
किसानों का कहना है कि उनकी फसलें ओलावृष्टि से बिल्कुल नष्ट हो चुकी हैं. खेत में फसल के समय जो लागत लगाई गई थी वह भी नहीं निकल रही है. ऐसे में न तो सरकार से उन किसानों को कोई राहत मिली है न ही किसी योजना का लाभ दिया गया है.
छोटे किसानों का कहना है कि उनकी फसल बर्बाद होने से अब वह इतने त्रस्त हो गए हैं कि आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है. साथ ही किसानों का कहना है कि उन्होंने साहूकारों से कर्ज़ लेकर फसल को बोया था.
लेकिन फसल नष्ट होने की वजह से अब वह अपना कर्ज कैसे अदा करेंगे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों को कोई लाभ नहीं दिया गया है.
उनका कहना है कि हमारे पास कोई अधिकारी नहीं आता है. जब हम इस मामले में अधिकारियों के पास पहुंचते हैं तो वहां से हमें भगा दिया जाता है. जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि जिले में लगभग 1,64,000 किसान हैं.
इसमें से 4,800 किसानों को एक करोड़ आठ लाख की क्षतिपूर्ति दी गई है. कुल मिलाकर अभी तक जिले में 4,800 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिया गया है. जनपद के 4,800 किसानों को एक करोड़ 8 लाख बांटा गया है.