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हाथरस: बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने तोड़ी किसानों की कमर

लगातार बे-मौसम बरसात और ओलावृष्टि ने किसानों की हालत बद से बदतर कर दी है. खेतों में खड़ी फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. आलू गेहूं सरसों आदि फसलें बिल्कुल नष्ट होने की कगार पर हैं. किसानों को सरकार की तरफ से कोई सहायता नहीं मिल रही.

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Published : Feb 28, 2019, 11:23 PM IST

आसमान से बरसी आफत की बारिश, किसानों का जीना मोहाल

हाथरस: बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. आलू, सरसों, गेहूं आदि कई प्रकार की फसलों को ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में न तो उनको किसी सरकारी योजना का लाभ मिल पाया है और न ही सरकार या प्रशासन द्वारा कोई मदद मिल रही है.

आसमान से बरसी आफत की बारिश, किसानों का जीना मोहाल

किसानों का कहना है कि उनकी फसलें ओलावृष्टि से बिल्कुल नष्ट हो चुकी हैं. खेत में फसल के समय जो लागत लगाई गई थी वह भी नहीं निकल रही है. ऐसे में न तो सरकार से उन किसानों को कोई राहत मिली है न ही किसी योजना का लाभ दिया गया है.

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छोटे किसानों का कहना है कि उनकी फसल बर्बाद होने से अब वह इतने त्रस्त हो गए हैं कि आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है. साथ ही किसानों का कहना है कि उन्होंने साहूकारों से कर्ज़ लेकर फसल को बोया था.

लेकिन फसल नष्ट होने की वजह से अब वह अपना कर्ज कैसे अदा करेंगे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों को कोई लाभ नहीं दिया गया है.

उनका कहना है कि हमारे पास कोई अधिकारी नहीं आता है. जब हम इस मामले में अधिकारियों के पास पहुंचते हैं तो वहां से हमें भगा दिया जाता है. जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि जिले में लगभग 1,64,000 किसान हैं.

इसमें से 4,800 किसानों को एक करोड़ आठ लाख की क्षतिपूर्ति दी गई है. कुल मिलाकर अभी तक जिले में 4,800 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिया गया है. जनपद के 4,800 किसानों को एक करोड़ 8 लाख बांटा गया है.

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हाथरस: बे-मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है. आलू, सरसों, गेहूं आदि कई प्रकार की फसलों को ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है. ऐसे में न तो उनको किसी सरकारी योजना का लाभ मिल पाया है और न ही सरकार या प्रशासन द्वारा कोई मदद मिल रही है.

आसमान से बरसी आफत की बारिश, किसानों का जीना मोहाल

किसानों का कहना है कि उनकी फसलें ओलावृष्टि से बिल्कुल नष्ट हो चुकी हैं. खेत में फसल के समय जो लागत लगाई गई थी वह भी नहीं निकल रही है. ऐसे में न तो सरकार से उन किसानों को कोई राहत मिली है न ही किसी योजना का लाभ दिया गया है.

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छोटे किसानों का कहना है कि उनकी फसल बर्बाद होने से अब वह इतने त्रस्त हो गए हैं कि आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई रास्ता नहीं है. साथ ही किसानों का कहना है कि उन्होंने साहूकारों से कर्ज़ लेकर फसल को बोया था.

लेकिन फसल नष्ट होने की वजह से अब वह अपना कर्ज कैसे अदा करेंगे. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों को कोई लाभ नहीं दिया गया है.

उनका कहना है कि हमारे पास कोई अधिकारी नहीं आता है. जब हम इस मामले में अधिकारियों के पास पहुंचते हैं तो वहां से हमें भगा दिया जाता है. जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि जिले में लगभग 1,64,000 किसान हैं.

इसमें से 4,800 किसानों को एक करोड़ आठ लाख की क्षतिपूर्ति दी गई है. कुल मिलाकर अभी तक जिले में 4,800 किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिया गया है. जनपद के 4,800 किसानों को एक करोड़ 8 लाख बांटा गया है.

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Intro:up_hathras_28-02-2019_fasal nast hone se aatmhatya karne ki kagaar par kisaan_prashant kaushik

एंकर- बे मौसम बरसात व ओलावृष्टि ने जनपद के किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है आलू सरसों गेहू आदि कई प्रकार की फसलों को ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है वही बता दे कि हाथरस जनपद आलू की पैदावार के लिए मशहूर है वहीं छोटे किसान ओलावृष्टि में अपनी फसल को नष्ट होते अपनी आंखों से देख रहे हैं किसानों का कहना है कि उनकी फसले ओलावृष्टि से बिल्कुल नष्ट हो चुकी हैं जो खेत में फसल के समय जो लागत लगाई गई थी वह भी नहीं निकल रही है ऐसे में ना तो सरकार से उन किसानों को कोई राहत मिली है ना ही किसी योजना का लाभ दिया गया है लघु किसानों का कहना है क्या उनकी फसल बर्बाद होने से अब वह इतने त्रस्त हो गए हैं कि आत्महत्या के अलावा उनके पास कोई उपचार नहीं है।


Body:वीओ- हाथरस जनपद में लगातार हो रही भारी बारिश ओलावृष्टि से किसान परेशान है वहीं किसानों की खेतों में खड़ी फसलों को ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है छोटे किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से उनकी आलू गेहूं सरसों आदि फसलें बिल्कुल नष्ट होने की कगार पर है ऐसे में किसान करे तो क्या करें जब जनपद के ऐसे लघु किसानों से बात की तो किसान अपनी बेबसी पर रोते नजर आए वहीं लघु किसानों का कहना है कि उन्होंने जैसे तैसे आलू की फसल को बोया फसल आने के बाद उम्मीद थी कि जो खर्चा किया है वह निकल आएगा लेकिन बरसात व ओलावृष्टि के कारण लघु किसानों की आलू की फसल बिल्कुल बर्बाद हो गई है वहीं किसानों का कहना है कि उन्होंने साहूकारों से कर्ज़ लेकर फसल को बोया था लेकिन फसल नष्ट होने की वजह से अब वह अपना कर्जा कैसे अदा करेंगे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत छोटे किसानों को कोई लाभ नहीं दिया गया है उनका कहना है कि ना तो हमारे पास कोई अधिकारी आता है और जब हम इस मामले में अधिकारियों के पास पहुंचते हैं तो वहां से हम को भगा दिया जाता है ऐसे में हमारे पास आत्महत्या करने के अलावा कोई उपचार नहीं बचा है वही जब इस मामले में जिले के जिला कृषि अधिकारी से बात की गई तो उनका कहना है कि जिले में लगभग 164000 किसान है इसमें से 48 सौ किसानों को एक करोड़ 8 लाख की क्षतिपूर्ति दी गई है खरीफ सत्र में भी दी गई है और रवि सत्र में भी दी गई है कुल मिलाकर अभी तक जिले में 48 सौ किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत लाभ दिया गया है हमारे जिले के जो किसान हैं वह प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में अच्छी तरह लाभान्वित हुए हैं फसल बीमा जो है वह एक ऐसी स्थिति के लिए है कि यदि किसानों को किसी भी तरीके का नुकसान होता है तो उस स्थिति में उसको क्षतिपूर्ति दी जाए तो जब भी स्थिति खराब हुई है ऐसे में जनपद के 48 सौ किसानों को एक करोड़ ₹800000 बांटा गया है यह इसी स्थिति के लिए दिया गया है और जो किसान है वह वाकई इसका फायदा उठाते हैं अभी जो ओलावृष्टि बरसात से जो नुकसान हुआ है उसका राजस्व विभाग व कृषि विभाग और जो हमारे जनपद के अधिकृत कंपनी है उसको साथ लेकर सर्वे करा लिया गया है और जो भी उस कंपनी के आधार पर रिपोर्ट दी जाएगी उसी के आधार पर किसानों को क्लेम दिया जाएगा।


बाइट-डीपिन कुमार। (ज़िला कृषी अधिकारी )
बाइट- राजन लाल ( पीड़ित किसान )
बाइट- सत्यप्रकाश। ( पीड़ित किसान )


Conclusion:भारी बरसात व ओलावृष्टि ने जहां एक और किसानों की कमर तोड़ के रख दी है वहीं लघु किसानों को फसलें खराब होने से बहुत नुकसान हुआ है ऐसे में ना तो उनको किसी सरकारी योजना का लाभ मिल पाया है और ना ही सरकार या प्रशासन द्वारा कोई मदद फिलहाल जनपद के लघु किसान फसल बर्बाद होने से आत्महत्या करने की कगार पर है।
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