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हाईकोर्ट के अल्टीमेटम के दो दिन बचे, अफसरों को साफ-सुथरी करनी होगी राजधानी - lucknow nagar nigam

हाईकोर्ट ने फटकार लगाई और एनजीटी ने लखनऊ को प्रदूषण मुक्त करने की बात कही तो फिर लखनऊ नगर निगम के अधिकारी नींद से जाग उठे. शहर को संवारने के लिए नगर निगम को 20 मई तक का समय दिया गया है.

लखनऊ
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Published : May 18, 2019, 3:12 PM IST

लखनऊ: एनजीटी और हाईकोर्ट की तरफ से राजधानी लखनऊ को साफ-सुथरा बनाने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई गई थी. शहर को संवारने के लिए नगर निगम को 20 मई तक का समय दिया गया है. इसी कड़ी में 20 मई को नगर निगम के अधिकारी लखनऊ को पूरी तरह से स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने की रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि 20 मई में सिर्फ 2 दिन बचे हैं और लखनऊ पूरी तरह से साफ सुथरा नहीं हो पाया है. लखनऊ को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना लखनऊ नगर निगम के अफसरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

हाईकोर्ट के अल्टीमेटम के बचे दो दिन.

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर-निगम ने चलाया अभियान

  • लखनऊ नगर निगम के अधिकारी अभी तक कागजी कार्रवाई करते रहे हैं.
  • अब जब हाईकोर्ट का डंडा चला तो शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए अभियान चलाने लगे.
  • इससे पहले सिर्फ हवा हवाई सफाई व्यवस्था पूरे लखनऊ में हो रही थी.
  • इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा.

हाईकोर्ट की फटकार से जागे नगर-निगम के अधिकारी

  • लखनऊ के तमाम इलाकों में खुलेआम गंदगी नजर आती थी.
  • सफाई कर्मी कई-कई दिन तक न तो झाड़ू लगाते थे और न ही नालियों की सफाई करते थे.
  • हाईकोर्ट और एनजीटी के ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर निगम को फटकार लगाई.
  • फटकार पड़ने के बाद नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद से जाग उठे.
  • एक्शन प्लान तैयार करके शहर को साफ-सुथरा बनाने का काम शुरू किया गया.

अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने ईटीवी से दावा किया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अभियान चलाया जा रहा है. शहर को पूरी तरह से साफ सुथरा स्वच्छ बनाने को लेकर काम हो रहा है. नगर निगम के काम से हाईकोर्ट भी संतुष्ट होगा ऐसे ही उन्हें उम्मीद है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि 20 मई को जो रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करनी है. नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी के द्वारा उसमें पूरे लखनऊ के साफ-सफाई को लेकर क्या तथ्य सामने आते हैं. हालांकि अभी तक जिस प्रकार की जानकारी और धरातल पर साफ सफाई की व्यवस्था नजर आ रही है, उससे तो यह कह पाना बहुत मुश्किल और चुनौती भरा है कि लखनऊ को पूरी तरह 20 मई तक साफ करना आसान नहीं है.

लखनऊ: एनजीटी और हाईकोर्ट की तरफ से राजधानी लखनऊ को साफ-सुथरा बनाने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई गई थी. शहर को संवारने के लिए नगर निगम को 20 मई तक का समय दिया गया है. इसी कड़ी में 20 मई को नगर निगम के अधिकारी लखनऊ को पूरी तरह से स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने की रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे.

सबसे बड़ा सवाल यह है कि 20 मई में सिर्फ 2 दिन बचे हैं और लखनऊ पूरी तरह से साफ सुथरा नहीं हो पाया है. लखनऊ को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना लखनऊ नगर निगम के अफसरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है.

हाईकोर्ट के अल्टीमेटम के बचे दो दिन.

हाईकोर्ट के निर्देश के बाद नगर-निगम ने चलाया अभियान

  • लखनऊ नगर निगम के अधिकारी अभी तक कागजी कार्रवाई करते रहे हैं.
  • अब जब हाईकोर्ट का डंडा चला तो शहर को साफ-सुथरा बनाने के लिए अभियान चलाने लगे.
  • इससे पहले सिर्फ हवा हवाई सफाई व्यवस्था पूरे लखनऊ में हो रही थी.
  • इसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ा.

हाईकोर्ट की फटकार से जागे नगर-निगम के अधिकारी

  • लखनऊ के तमाम इलाकों में खुलेआम गंदगी नजर आती थी.
  • सफाई कर्मी कई-कई दिन तक न तो झाड़ू लगाते थे और न ही नालियों की सफाई करते थे.
  • हाईकोर्ट और एनजीटी के ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने के लिए नगर निगम को फटकार लगाई.
  • फटकार पड़ने के बाद नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद से जाग उठे.
  • एक्शन प्लान तैयार करके शहर को साफ-सुथरा बनाने का काम शुरू किया गया.

अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने ईटीवी से दावा किया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अभियान चलाया जा रहा है. शहर को पूरी तरह से साफ सुथरा स्वच्छ बनाने को लेकर काम हो रहा है. नगर निगम के काम से हाईकोर्ट भी संतुष्ट होगा ऐसे ही उन्हें उम्मीद है.

अब देखने वाली बात यह होगी कि 20 मई को जो रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करनी है. नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी के द्वारा उसमें पूरे लखनऊ के साफ-सफाई को लेकर क्या तथ्य सामने आते हैं. हालांकि अभी तक जिस प्रकार की जानकारी और धरातल पर साफ सफाई की व्यवस्था नजर आ रही है, उससे तो यह कह पाना बहुत मुश्किल और चुनौती भरा है कि लखनऊ को पूरी तरह 20 मई तक साफ करना आसान नहीं है.

Intro:एंकर
लखनऊ। एनजीटी और उसके बाद हाई कोर्ट की तरफ से राजधानी लखनऊ को साफ सुथरा बनाने को लेकर नगर निगम के अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई गई थी 20 मई तक का समय दिया गया था शहर को साफ-सुथरा और संवारने के लिए 20 मई को नगर निगम के अधिकारी लखनऊ को पूरी तरह से स्वच्छ और साफ सुथरा बनाने की रिपोर्ट भी हाई कोर्ट के सामने प्रस्तुत करेंगे।
सबसे बड़ा सवाल यह है कि 20 मई में सिर्फ 2 दिन बचे हैं और लखनऊ पूरी तरह से साफ सुथरा नहीं हो पाया है लखनऊ को पूरी तरह से स्वच्छ बनाना लखनऊ नगर निगम के अफसरों के लिए सबसे बड़ी चुनौती मानी जा रही है।


Body:सबसे बड़ी बात तो यह है कि लखनऊ नगर निगम के अधिकारी अभी तक कागजी कार्यवाही करते रहे हैं अब जब हाई कोर्ट का डंडा चला तो शहर को साफ सुथरा बनाने के लिए अभियान चलाने लगे इससे पहले सिर्फ हवा हवाई सफाई व्यवस्था पूरे लखनऊ में हो रही थी जिसका खामियाजा लोगों को भुगतना पड़ रहा था तमाम इलाकों में खुलेआम गंदगी नजर आती थी और सफाई कर्मी कई कई दिन तक ना तो झाड़ू लगाते थे और ना ही नालियों की सफाई करते थे हाई कोर्ट ने फटकार लगाई और एनजीटी ने शहर को प्रदूषण मुक्त करने की बात कही तो फिर लखनऊ नगर निगम के अधिकारी कुंभकरण की नींद से जाग उठे अब पूरा एक्शन प्लान तैयार करके शहर को साफ सुथरा बनाने का काम शुरू किया गया फिर भी तमाम ऐसे क्षेत्र है जहां पर साफ सफाई नहीं हो पाई आवारा पशु भी खुलेआम घूम रहे हैं कहने के लिए सिर्फ सांप पकड़ने का अभियान नगर निगम के अधिकारी चला रहे हैं अब देखने वाली बात यह होगी कि 20 मई को जो रिपोर्ट कोर्ट के सामने प्रस्तुत करनी है नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी के द्वारा उसमें पूरे लखनऊ के साफ-सफाई को लेकर क्या तथ्य सामने आते हैं हालांकि अभी तक जिस प्रकार की जानकारी और धरातल पर साफ सफाई की व्यवस्था नजर आ रही है उससे तो यह कह पाना बहुत मुश्किल और चुनौती भरा है कि लखनऊ को पूरी तरह 20 मई तक साफ करना आसान नहीं है।
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अपर नगर आयुक्त अमित कुमार ने ईटीवी से दावा किया कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद अभियान चलाया जा रहा है शहर को पूरी तरह से साफ सुथरा स्वच्छ बनाने को लेकर काम हो रहा है नगर निगम के काम से हाई कोर्ट भी संतुष्ट होगा ऐसे ही उन्हें उम्मीद है।



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