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लखीमपुर खीरी जिला पंचायत ने बढाई आय, कराया गांव का विकास

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Published : Feb 3, 2021, 7:49 AM IST

यूपी में पंचायत चुनाव की तैयारियां तेज हो चुकी हैं. इस बार रानीतिक पार्टियों के सीधे दखल के बाद इस बार का चुनाव दिलचस्प हो गया है. अन्य जिलों की अपेक्षा लखीमपुर खीरी में जिला पंचायत ने गांव का विकास किया है. यहां पर सड़कों, खड़ंजों और पुलियों का निर्माण भी कराया गया है.

जनता बोले, पोल खोले.
जनता बोले, पोल खोले.

लखीमपुर खीरी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियां जोरों पर हैं. हालांकि अभी चुनावों की तरीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अपने 5 साल के कार्यकाल में पंचायतों ने अपने-अपने गांवों में कितना काम किया, यह जानने के लिए ईटीवी भारत लखीमपुर खीरी पहुंचा.

खीरी जिला पंचायत का यह कार्यकाल जिला पंचायत की आय बढ़ाने के लिहाज से अच्छा रहा. इन 3 सालों में जिला पंचायत को आय बढ़ाने और अच्छे काम करने के लिए यूपी में नम्बर वन जिला पंचायत का तमगा भी मिला. जिला पंचायत ने अपनी खोई जमीनों को फिर से पा लिया. यहां सड़कों, खड़ंजों और पुलियों का निर्माण भी कराया गया और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी बनाए गए. हालांकि यहां पर जिला पंचायत की कमाई अपनों पर लुटाने के इल्जाम भी लगे.

लखीमपुर खीरी में पंचायत ने कराया गांव का विकास.

जिला पंचायत की दशा और दिशा सुधारने के लिए उठाए गए कदम
जिला पंचायत के बाहर लगा बोर्ड यह बता रहा है कि खीरी के जिला पंचायत के हालत सुधरी है. जिले के ग्रामीण इलाकों में सड़कों, नाली, खड़ंजा आदि को बनवाने में खीरी जिला पंचायत यूपी में नंबर वन जिला पंचायत भी बना. जिला पंचायत के 5 सालों में शुरुआती दो साल जिला पंचायत अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के बंशीधर राज रहे. जब यूपी में भाजपा सरकार बनी तो जिला पंचायत की कुर्सी सपा से छिन गई. इसके बाद भाजपा नेता नरेंद्र सिंह की पत्नी सुमन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं. सुमन सिंह ने जिले की सबसे प्रतिष्ठित और प्रथम नागरिक की कुर्सी पर बैठते ही जिला पंचायत की दशा और दिशा सुधारने के लिए तमाम कदम एक साथ उठाए. उन्होंने तेजी से काम किया और करीब पौने तीन साल के कार्यकाल में जिला पंचायत की आय करीब दोगुनी कर दी.

जिला पंचायत ने बढ़ाई अपनी आय
2017-18 में जिला पंचायत को करीब साढ़े पच्चीस करोड़ की निधि मिली. 2018-19 में 41 करोड़, 2019-20 में 17 करोड़ मिले तो वहीं 2020-21 में 50 करोड़ का बजट मिला. तीन सालों में 100 करोड़ से ज्यादा के बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में पुल, पुलिया, पेंटेड रोड और खड़ंजे पर काम हुआ. ग्रामीण इलाकों में विकास के काम के साथ जिला पंचायत ने अपनी आय वृद्धि के लिए भी तमाम काम किए. पंचायत ने सैकड़ों एकड़ जिले में फैली अपनी कृषि भूमि से भी आए बढ़ाई. वहीं कांजी हाउस और तमाम अन्य जिला पंचायत की संपत्तियों का रिवैल्युएशन, लाइसेंस वसूली बढ़ाई गई. पंचायत ने दुकानों और शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण भी आय बढ़ाने के बाद कराया. हालांकि जिला पंचायत को गोला में कांजी हाउस की जमीन पर शॉपिंग हाउस बनाने के लिए किरकिरी भी झेलनी पड़ी. इसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची तो शहर की दुकानों के आवंटन में अपने चहेतों को दुकानें देने पर भी सवाल खड़े हुए.

ग्रामीण क्षेत्रों में भवन के नक्शे भी तैयार करेगी जिला पंचायत
जिला पंचायत आगामी वर्षों के लिए अपनी आय बढ़ाने के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार कर चुकी है. अब लखीमपुर खीरी में रोटा हॉट मिक्स बनेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में भवन के नक्शे भी अब जिला पंचायत तैयार करेगी. इसके अलावा बालू, मौरंग और लकड़ी की गाड़ियों से भी जिला पंचायत ने राजस्व वसूलने के लिए बाइलॉज तैयार कर लिए हैं. अब अगले जिला पंचायत की यह जिम्मेदारी और चुनौती भी होगी कि वह इन बाइलॉज पर कैसे अमल करेंगे और जिला पंचायत की आय को कैसे बढ़ाएंगे.

लखीमपुर खीरी: त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए निर्वाचन आयोग की तैयारियां जोरों पर हैं. हालांकि अभी चुनावों की तरीखों की घोषणा नहीं हुई है, लेकिन अपने 5 साल के कार्यकाल में पंचायतों ने अपने-अपने गांवों में कितना काम किया, यह जानने के लिए ईटीवी भारत लखीमपुर खीरी पहुंचा.

खीरी जिला पंचायत का यह कार्यकाल जिला पंचायत की आय बढ़ाने के लिहाज से अच्छा रहा. इन 3 सालों में जिला पंचायत को आय बढ़ाने और अच्छे काम करने के लिए यूपी में नम्बर वन जिला पंचायत का तमगा भी मिला. जिला पंचायत ने अपनी खोई जमीनों को फिर से पा लिया. यहां सड़कों, खड़ंजों और पुलियों का निर्माण भी कराया गया और शॉपिंग कॉम्प्लेक्स भी बनाए गए. हालांकि यहां पर जिला पंचायत की कमाई अपनों पर लुटाने के इल्जाम भी लगे.

लखीमपुर खीरी में पंचायत ने कराया गांव का विकास.

जिला पंचायत की दशा और दिशा सुधारने के लिए उठाए गए कदम
जिला पंचायत के बाहर लगा बोर्ड यह बता रहा है कि खीरी के जिला पंचायत के हालत सुधरी है. जिले के ग्रामीण इलाकों में सड़कों, नाली, खड़ंजा आदि को बनवाने में खीरी जिला पंचायत यूपी में नंबर वन जिला पंचायत भी बना. जिला पंचायत के 5 सालों में शुरुआती दो साल जिला पंचायत अध्यक्ष समाजवादी पार्टी के बंशीधर राज रहे. जब यूपी में भाजपा सरकार बनी तो जिला पंचायत की कुर्सी सपा से छिन गई. इसके बाद भाजपा नेता नरेंद्र सिंह की पत्नी सुमन सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष बन गईं. सुमन सिंह ने जिले की सबसे प्रतिष्ठित और प्रथम नागरिक की कुर्सी पर बैठते ही जिला पंचायत की दशा और दिशा सुधारने के लिए तमाम कदम एक साथ उठाए. उन्होंने तेजी से काम किया और करीब पौने तीन साल के कार्यकाल में जिला पंचायत की आय करीब दोगुनी कर दी.

जिला पंचायत ने बढ़ाई अपनी आय
2017-18 में जिला पंचायत को करीब साढ़े पच्चीस करोड़ की निधि मिली. 2018-19 में 41 करोड़, 2019-20 में 17 करोड़ मिले तो वहीं 2020-21 में 50 करोड़ का बजट मिला. तीन सालों में 100 करोड़ से ज्यादा के बजट से ग्रामीण क्षेत्रों में पुल, पुलिया, पेंटेड रोड और खड़ंजे पर काम हुआ. ग्रामीण इलाकों में विकास के काम के साथ जिला पंचायत ने अपनी आय वृद्धि के लिए भी तमाम काम किए. पंचायत ने सैकड़ों एकड़ जिले में फैली अपनी कृषि भूमि से भी आए बढ़ाई. वहीं कांजी हाउस और तमाम अन्य जिला पंचायत की संपत्तियों का रिवैल्युएशन, लाइसेंस वसूली बढ़ाई गई. पंचायत ने दुकानों और शॉपिंग कांप्लेक्स का निर्माण भी आय बढ़ाने के बाद कराया. हालांकि जिला पंचायत को गोला में कांजी हाउस की जमीन पर शॉपिंग हाउस बनाने के लिए किरकिरी भी झेलनी पड़ी. इसकी शिकायत सुप्रीम कोर्ट तक पहुंची तो शहर की दुकानों के आवंटन में अपने चहेतों को दुकानें देने पर भी सवाल खड़े हुए.

ग्रामीण क्षेत्रों में भवन के नक्शे भी तैयार करेगी जिला पंचायत
जिला पंचायत आगामी वर्षों के लिए अपनी आय बढ़ाने के लिए एक फ्रेमवर्क भी तैयार कर चुकी है. अब लखीमपुर खीरी में रोटा हॉट मिक्स बनेंगी और ग्रामीण क्षेत्रों में भवन के नक्शे भी अब जिला पंचायत तैयार करेगी. इसके अलावा बालू, मौरंग और लकड़ी की गाड़ियों से भी जिला पंचायत ने राजस्व वसूलने के लिए बाइलॉज तैयार कर लिए हैं. अब अगले जिला पंचायत की यह जिम्मेदारी और चुनौती भी होगी कि वह इन बाइलॉज पर कैसे अमल करेंगे और जिला पंचायत की आय को कैसे बढ़ाएंगे.

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