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सीएम योगी के गृह जनपद में ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार - यूपी न्यूज

बांसगांव में नई नदी के निर्माण से गुस्साए ग्रामीणों ने इस बार चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है. ग्रामीणों का कहना है कि जब तक प्रशासन अपने प्रोजेक्ट को वापस नहीं ले लेती, तब तक वह गांव में बूथ तक नहीं बनने देंगे.

ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार
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Published : Apr 18, 2019, 12:18 PM IST

गोरखपुर: बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार करने का फैसला किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि उनका गांव पहले से ही बाढ़ क्षेत्र में आता है. ऐसे में राप्ती नदी की धारा मोड़ का एक नई नदी के निर्माण से गांव पर बाढ़ का खतरा और भी बढ़ जाएगा. ग्रामीणों ने खुदाई करने पहुंचे टीम को मौके से भगा दिया.


इन कारणों से ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का फैसला-

  • 6 गांव के ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया फैसला
  • राप्ती नदी की धारा मोड़कर नई नदी की खुदाई से नाराज हैं ग्रामीण
  • पहले से ही बाढ़ क्षेत्र आता है गांव
  • नई नदी के निर्माण से गांव पर बाढ़ सकता है खतरा
  • नई नदी निर्माण से दो भागों में बंट जाएगी खेती योग्य जमीन
  • प्रशासन ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो ग्रामीण करेंगे पैदल मार्च
  • नाराज ग्रामीणों ने गांव में वोटिंग नहीं बनने देने की दी चेतावनी

गांव पहले से बाढ़ क्षेत्र में आता है. ऐसे में नई नदी की खुदाई करने से बाढ़ का खतरा और भी बढ़ जाएगा. सरकार जब तक अपने प्रोजेक्ट को वापस नहीं ले लेती. गांव में वोटिंग के लिए बूथ बनने नहीं देंगे. जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नीयत से सरकारी धन की बंदरबांट की इस योजना पर विराम लगना चाहिए. इस आंदोलन के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी ध्यान ग्रामवासी खींचना चाहते हैं क्योंकि यह सीएम का जिला है.

ग्रामीण

गोरखपुर: बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव में मतदान के बहिष्कार करने का फैसला किया है. ग्रामीणों का आरोप है कि उनका गांव पहले से ही बाढ़ क्षेत्र में आता है. ऐसे में राप्ती नदी की धारा मोड़ का एक नई नदी के निर्माण से गांव पर बाढ़ का खतरा और भी बढ़ जाएगा. ग्रामीणों ने खुदाई करने पहुंचे टीम को मौके से भगा दिया.


इन कारणों से ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का फैसला-

  • 6 गांव के ग्रामीणों ने मतदान बहिष्कार का लिया फैसला
  • राप्ती नदी की धारा मोड़कर नई नदी की खुदाई से नाराज हैं ग्रामीण
  • पहले से ही बाढ़ क्षेत्र आता है गांव
  • नई नदी के निर्माण से गांव पर बाढ़ सकता है खतरा
  • नई नदी निर्माण से दो भागों में बंट जाएगी खेती योग्य जमीन
  • प्रशासन ने अपना फैसला वापस नहीं लिया तो ग्रामीण करेंगे पैदल मार्च
  • नाराज ग्रामीणों ने गांव में वोटिंग नहीं बनने देने की दी चेतावनी

गांव पहले से बाढ़ क्षेत्र में आता है. ऐसे में नई नदी की खुदाई करने से बाढ़ का खतरा और भी बढ़ जाएगा. सरकार जब तक अपने प्रोजेक्ट को वापस नहीं ले लेती. गांव में वोटिंग के लिए बूथ बनने नहीं देंगे. जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नीयत से सरकारी धन की बंदरबांट की इस योजना पर विराम लगना चाहिए. इस आंदोलन के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी ध्यान ग्रामवासी खींचना चाहते हैं क्योंकि यह सीएम का जिला है.

ग्रामीण

Intro:गोरखपुर। राप्ती नदी की धारा मोड़कर एक नई नदी की खुदाई से नाराज गोरखपुर के बांसगांव लोकसभा क्षेत्र के लोग, लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान के बहिष्कार का फैसला किया है। ग्रामीणों का आरोप है कि उनका गांव पहले से ही बाढ़ क्षेत्र में आता है। ऐसे में नदी की धारा मोड़ का एक नई नदी के निर्माण से गांव पर बाढ़ का खतरा और बढ़ जाएगा साथ ही खेती योग्य जमीन भी दो भागों में बंट जाने से गांव वालों को बड़ी परेशानी उठानी पड़ेगी। ग्रामीणों ने अपनी नाराजगी जाहिर कर दी है और प्रशासन को चेतावनी भी दे दिया है कि फासला नहीं पलटा तो पैदल मार्च करेंगे।

नोट-- पैकेज में वॉइस ओवर अटैच है।



Body:राप्ती नदी की धारा मोड़ने से करजहीं, आईमा, नवापार, कतरारी, बेला समेत कुछ और गांव के भी लोग सरकार की इस योजना का पुरजोर विरोध कर रहे हैं। नदी की धारा मोड़े जाने से सैकड़ों वर्षो से बसे इन गांव के अस्तित्व पर खतरा बढ़ जाएगा। फिलहाल गांव वालों ने खुदाई करने पहुंची हुई टीम को मौके से भगा दिया है और अधिकारियों का ध्यान इस मामले की ओर खींचने और उसका स्थाई समाधान करने के लिए इन्होंने लोकसभा चुनाव 2019 में मतदान न करने का और चुनाव बहिष्कार का फैसला किया है। लोगों का कहना है कि गांव में वोटिंग के लिए बूथ भी बनने नहीं देंगे। सरकार जब तक अपने प्रोजेक्ट को वापस नहीं ले लेती। लोगों को इस बात का बेहद दुख है कि जब सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा हो तो कुछ लोगों को लाभ पहुंचाने की नीयत से सरकारी धन की बंदरबांट की इस योजना पर विराम लगना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यजनाथ का भी ध्यान ग्रामवासी खींचना चाहते हैं क्योंकि यह सीएम का जिला है।

बाइट-श्रीराम शुक्ल, स्थानीय ग्रामीण
बाइट-ओमप्रकाश शुक्ला, पूर्व ग्राम प्रधान


Conclusion:नदी की धारा मोड़े जाने का यह मामला बेहद गंभीर हो चला है। इसे आमी नदी बचाओ मंच और जल पुरुष राजेंद्र सिंह का भी समर्थन प्राप्त हो गया है। उम्मीद है कि 23 अप्रैल को जल पुरुष इस मुद्दे को लेकर राप्ती नदी तट पर कोई बड़ा फैसला करें। नदी तट से जिला मुख्यालय तक इस दौरान पदयात्रा भी हो सकती है। लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि लोकसभा चुनाव की बेला में इस तरह के मुद्दे चुनावी माहौल को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। करीब 6 गांव के लोगों का मतदान ना करने का फैसला जिला प्रशासन के माथे पर बाल ला दिया है तो नदी की धारा मोड़ जाने के संबंध में अधिकारियों ने एक बार फिर आईआईटी के इंजीनियरों से राय लेने की बात कही है। नदी की धारा मोड़े जाने की कार्यवाही जब से शुरू हुई है गांव के लोगों केनी धाराम चुकी है खुद को असुरक्षित महसूस करते हुए लोग नदी बनाए जाने की घटना को भविष्य के लिए बेहद खतरनाक मान रहे हैं।

बाइट--टीएन सिंह, एससी, नलकूप विभाग
क्लोजिंग पीटीसी...
मुकेश पाण्डेय
Etv भारत, गोरखपुर
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