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फेल छात्रों को मिलेगा एक और मौका, DBRAU ने लिए ये महत्वपूर्ण फैसले

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Published : Nov 20, 2020, 11:34 AM IST

आगरा में डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में गुरुवार को विद्या परिषद की आकस्मिक बैठक हुई. बैठक कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की अध्यक्षता आयोजित हुई. इस बैठक में विद्या परिषद और परीक्षा समिति द्वारा रखे गए ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिससे कहीं न कहीं छात्र हित जुड़ा हुआ था.

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बैठक करते कुलपति.

आगरा. डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में गुरुवार को विद्या परिषद की आकस्मिक बैठक हुई. इसमें विद्या परिषद और परीक्षा समिति द्वारा रखे गए ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिससे कहीं न कहीं छात्र हित जुड़ा हुआ था. इन प्रस्तावों में नए कोर्स की शुरुआत करने, बीएड और एलएलबी के छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने और एक या दो परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करना आदि शामिल हैं. बैठक कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की अध्यक्षता आयोजित हुई.

बैठक में लिए गए ये निर्णय

1. बीए, बीएससी के अंतिम वर्ष में दो के स्थान पर तीन विषय लिए जाने के परीक्षा समिति के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. इसके लिए विश्वविद्यालय के अधिनियम में तदनुरूप संशोधन किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया. यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय था, क्योंकि अंतिम वर्ष में दो विषय किए जाने के कारण निरंतर छात्र संख्या में गिरावट हो रही थी.

2. एमडी यूनानी मेडिसिन में एक विषय का नाम परिवर्तन किया गया.

3. धर्म समाज कॉलेज अलीगढ़ द्वारा वर्तमान सत्र से प्रारंभ किए जाने वाले दो नए पाठ्यक्रमों को अनुमोदन प्रदान किया गया. इनके नाम बी वॉक इन इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और एडवांस डिप्लोमा इन हेल्थकेयर है.

4. जंतु विज्ञान विभाग और वनस्पति विज्ञान विभाग की अकादमिक समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसमें एमफिल के विद्यार्थियों के विषय स्वीकृत किए गए थे.

5. इसके अलावा 23 सितंबर 2020 की परीक्षा समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से निम्न निर्णय लिए गए थे- एलएलबी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 6 वर्ष है और बीए एलएलबी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 8 वर्ष है. इन दोनों पाठ्यक्रमों के वे छात्र जिनके पाठ्यक्रम की अधिकतम सीमा समाप्त हो चुकी है अथवा वर्ष 2020 में पूर्ण हो रही है परंतु उनकी डिग्री अधिकतम 3 प्रश्न पत्रों में अनुत्तीर्ण होने के कारण अपूर्ण है, ऐसे समस्त छात्रों को पुनः परीक्षा का एक विशेष अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने पाठ्यक्रम को पूर्ण कर सकें.

6. वर्ष 2015 से दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया था, जिसे उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 3 वर्ष है. परंतु ऐसे छात्र-छात्राएं जिनकी 3 वर्ष की अधिकतम सीमा समाप्त हो चुकी है और बी.एड. प्रथम वर्ष अथवा बी.एड. द्वितीय वर्ष की पुनः परीक्षा अथवा भूतपूर्व छात्र के रूप में अधिकतम दो प्रश्न पत्रों में अनुत्तीर्ण होने के कारण उनकी डिग्री अपूर्ण रह गई है, ऐसे सभी छात्रों को भी पुनः परीक्षा का एक अवसर प्रदान किया जाएगा और वर्ष 2020 में ही द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिए उनके फॉर्म भरवाए जाएंगे.

7. इसी प्रकार सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम जैसे बीबीए, बीसीए इत्यादि में वह छात्र जिनके पाठ्यक्रम की अधिकतम समयसीमा समाप्त हो चुकी है, परंतु किसी एक सेमेस्टर की परीक्षा में एक या दो प्रश्न पत्र की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण उनकी डिग्री अपूर्ण है, ऐसे विद्यार्थियों को भी पुनः परीक्षा का एक अंतिम अवसर प्रदान किया जाएगा. वहीं मुख्य परीक्षा 2020 की अंतिम वर्ष की बाकी परीक्षाओं के लिए नोडल केंद्रों और परीक्षा केंद्रों का अनुमोदन किया गया.

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार, प्रो. यूसी शर्मा, प्रोफेसर अजय तनेजा, प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. अनिल वर्मा, प्रो. बिंदु शेखर शर्मा, प्रो. बी पी सिंह, प्रो. मनोज उपाध्याय, प्रो. दीपमाला श्रीवास्तव, डॉ. निर्मला यादव, डॉ. हेम प्रकाश, डॉ. विपिन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.

आगरा. डॉ. भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय के खंदारी परिसर स्थित जेपी सभागार में गुरुवार को विद्या परिषद की आकस्मिक बैठक हुई. इसमें विद्या परिषद और परीक्षा समिति द्वारा रखे गए ऐसे प्रस्तावों को स्वीकृति दी गई, जिससे कहीं न कहीं छात्र हित जुड़ा हुआ था. इन प्रस्तावों में नए कोर्स की शुरुआत करने, बीएड और एलएलबी के छात्रों को अपना कोर्स पूरा करने और एक या दो परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों को उत्तीर्ण होने के लिए अंतिम अवसर प्रदान करना आदि शामिल हैं. बैठक कुलपति प्रो. अशोक मित्तल की अध्यक्षता आयोजित हुई.

बैठक में लिए गए ये निर्णय

1. बीए, बीएससी के अंतिम वर्ष में दो के स्थान पर तीन विषय लिए जाने के परीक्षा समिति के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई. इसके लिए विश्वविद्यालय के अधिनियम में तदनुरूप संशोधन किए जाने का प्रस्ताव स्वीकृत किया गया. यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय था, क्योंकि अंतिम वर्ष में दो विषय किए जाने के कारण निरंतर छात्र संख्या में गिरावट हो रही थी.

2. एमडी यूनानी मेडिसिन में एक विषय का नाम परिवर्तन किया गया.

3. धर्म समाज कॉलेज अलीगढ़ द्वारा वर्तमान सत्र से प्रारंभ किए जाने वाले दो नए पाठ्यक्रमों को अनुमोदन प्रदान किया गया. इनके नाम बी वॉक इन इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी और एडवांस डिप्लोमा इन हेल्थकेयर है.

4. जंतु विज्ञान विभाग और वनस्पति विज्ञान विभाग की अकादमिक समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसमें एमफिल के विद्यार्थियों के विषय स्वीकृत किए गए थे.

5. इसके अलावा 23 सितंबर 2020 की परीक्षा समिति की संस्तुतियों को अनुमोदन प्रदान किया गया, जिसमें प्रमुख रूप से निम्न निर्णय लिए गए थे- एलएलबी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 6 वर्ष है और बीए एलएलबी पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 8 वर्ष है. इन दोनों पाठ्यक्रमों के वे छात्र जिनके पाठ्यक्रम की अधिकतम सीमा समाप्त हो चुकी है अथवा वर्ष 2020 में पूर्ण हो रही है परंतु उनकी डिग्री अधिकतम 3 प्रश्न पत्रों में अनुत्तीर्ण होने के कारण अपूर्ण है, ऐसे समस्त छात्रों को पुनः परीक्षा का एक विशेष अवसर प्रदान किया जाएगा, जिससे वे अपने पाठ्यक्रम को पूर्ण कर सकें.

6. वर्ष 2015 से दो वर्षीय बी.एड. पाठ्यक्रम प्रारंभ किया गया था, जिसे उत्तीर्ण करने की अधिकतम समय सीमा 3 वर्ष है. परंतु ऐसे छात्र-छात्राएं जिनकी 3 वर्ष की अधिकतम सीमा समाप्त हो चुकी है और बी.एड. प्रथम वर्ष अथवा बी.एड. द्वितीय वर्ष की पुनः परीक्षा अथवा भूतपूर्व छात्र के रूप में अधिकतम दो प्रश्न पत्रों में अनुत्तीर्ण होने के कारण उनकी डिग्री अपूर्ण रह गई है, ऐसे सभी छात्रों को भी पुनः परीक्षा का एक अवसर प्रदान किया जाएगा और वर्ष 2020 में ही द्वितीय वर्ष की परीक्षा के लिए उनके फॉर्म भरवाए जाएंगे.

7. इसी प्रकार सेमेस्टर परीक्षा से संबंधित पाठ्यक्रम जैसे बीबीए, बीसीए इत्यादि में वह छात्र जिनके पाठ्यक्रम की अधिकतम समयसीमा समाप्त हो चुकी है, परंतु किसी एक सेमेस्टर की परीक्षा में एक या दो प्रश्न पत्र की परीक्षा में अनुत्तीर्ण होने के कारण उनकी डिग्री अपूर्ण है, ऐसे विद्यार्थियों को भी पुनः परीक्षा का एक अंतिम अवसर प्रदान किया जाएगा. वहीं मुख्य परीक्षा 2020 की अंतिम वर्ष की बाकी परीक्षाओं के लिए नोडल केंद्रों और परीक्षा केंद्रों का अनुमोदन किया गया.

बैठक में ये रहे मौजूद

बैठक में कुलसचिव डॉ. अंजनी कुमार मिश्रा, परीक्षा नियंत्रक डॉ. राजीव कुमार, प्रो. यूसी शर्मा, प्रोफेसर अजय तनेजा, प्रो. प्रदीप श्रीधर, प्रो. अनिल वर्मा, प्रो. बिंदु शेखर शर्मा, प्रो. बी पी सिंह, प्रो. मनोज उपाध्याय, प्रो. दीपमाला श्रीवास्तव, डॉ. निर्मला यादव, डॉ. हेम प्रकाश, डॉ. विपिन अग्रवाल आदि उपस्थित रहे.

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