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सुलतानपुर: बिजली संविदा कर्मचारियों की जिंदगी से खेल रहे अफसर!

जिले में विद्युत संविदा कर्मचारियों की मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है, लेकिन विद्युत अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए है. हाल फिलहाल के दिनों में ही पांच विद्युत संविदा कर्मचारी विभाग की लापरवाही के चलते अपनी जान गंवा चुके हैं.

संविदा कर्मचारियों की जिंदगी से खेल रहे अफसर
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Published : Jun 19, 2019, 1:05 PM IST

सुलतानपुर: जिले में विद्युत संविदा कर्मचारियों की मौत का सिलसिला जिले में थमने का नाम नहीं ले रहा है और बिजली खराबी दूर करते समय अचानक लाइन चला देने से लगातार संविदा कर्मचारियों की मौत हो रही है. वहीं संविदाकर्मी मरते हैं और परिजनों को मुआवजा भी दिया दिया जाता है. फिर पुराने ढर्रे पर कामकाज शुरू हो जाता है. अफसर संवेदना जताते हैं. सिस्टम सुधारने के दावे होते हैं लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात. संविदा कर्मी एक के बाद एक मौत के काल में समा रहे हैं और अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं.

जिले में लगातार जारी है संविदा कर्मचारियों की मौत का सिलसिला.

जानिए क्या है मामला-

  • जिले में करीब 2000 से अधिक संविदा कर्मचारी तैनात हैं, जो बिजली तंत्र को संचालित किए हुए हैं.
  • संविदा कर्मचारियों की तैनाती पावर हाउस से लेकर उपकेंद्र तक है.
  • सब स्टेशनों पर भी यही बिजली आपूर्ति की दारोमदार थामे हुए हैं.
  • जिले में शटडाउन के समय लाइनमैन कोड के आधार पर लाइन ब्रेक करवाता है और आपूर्ति रोकी जाती है.
  • कोड के आधार पर डिकोड किया जाता है और लाइन पुनः चालू की जाती है.
  • यह व्यवस्था इसलिए लागू है, जिससे कोई हादसा ना हो और अचानक लाइन न चालू हो सके.
  • कागजों में तो यह बदस्तूर जारी है, लेकिन मौके पर अमल नहीं होने से संविदाकर्मी अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं.

जिले में संविदा कर्मचारियों की लगातार हो रही मौत-

घटनाक्रम 1. कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के सोनबरसा निवासी रामदीन की 2017 मध्य में बिजली की फाल्ट दूर करते समय मौत हो गई थी. जहां स्टेशन से अचानक लाइन चला दी गई और तारों में लिपटकर रामदीन ने दम तोड़ दिया.

घटनाक्रम 2 : सैफुल्ला गंज निवासी राकेश बीते सोमवार की देर शाम 11000 लाइन में आई खराबी ठीक कर रहे थें. तभी अचानक बिना संविदा कर्मी से बातचीत किए लाइन रिकॉर्ड करते हुए सप्लाई चालू कर दी गई और तारों में झुलस कर उनकी मौत हो गई. वहीं शव रखकर प्रदर्शन किया गया, तब एक लाख रुपए देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया.

घटनाक्रम 3: कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के जड्डूपुर निवासी गौरी की जिंदगी भी फाल्ट ठीक करते समय अचानक लाइन चल जाने से खत्म गई थी. मामले में उसको कोई खास मुआवजा भी अफसरों ने नहीं दिया और फाइल रिकॉर्ड में दबा दी गई.

घटनाक्रम 4: देहात थाना क्षेत्र के सोनबरसा निवासी विक्रम की मौत हाल ही में पुलिस अधीक्षक आवास के बगल हुई थी. जिसमें बिजली अफसरों की संवेदनहीनता से लाइन चलने की बात सामने आई थी लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई और प्रकरण को रफा-दफा कर दिया गया.

कि इस बारे में बिजली विभाग के अफसरों से वार्ता की गई है. कि इस तरह की घटना दोबारा न हो.दोषी संविदा कर्मचारी अधिकारी की बर्खास्तगी की कार्रवाई करने को कहा गया है ऐसे लापरवाह और संवेदनहीन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.
-रामजी लाल, उपजिलाधिकारी

सुलतानपुर: जिले में विद्युत संविदा कर्मचारियों की मौत का सिलसिला जिले में थमने का नाम नहीं ले रहा है और बिजली खराबी दूर करते समय अचानक लाइन चला देने से लगातार संविदा कर्मचारियों की मौत हो रही है. वहीं संविदाकर्मी मरते हैं और परिजनों को मुआवजा भी दिया दिया जाता है. फिर पुराने ढर्रे पर कामकाज शुरू हो जाता है. अफसर संवेदना जताते हैं. सिस्टम सुधारने के दावे होते हैं लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात. संविदा कर्मी एक के बाद एक मौत के काल में समा रहे हैं और अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं.

जिले में लगातार जारी है संविदा कर्मचारियों की मौत का सिलसिला.

जानिए क्या है मामला-

  • जिले में करीब 2000 से अधिक संविदा कर्मचारी तैनात हैं, जो बिजली तंत्र को संचालित किए हुए हैं.
  • संविदा कर्मचारियों की तैनाती पावर हाउस से लेकर उपकेंद्र तक है.
  • सब स्टेशनों पर भी यही बिजली आपूर्ति की दारोमदार थामे हुए हैं.
  • जिले में शटडाउन के समय लाइनमैन कोड के आधार पर लाइन ब्रेक करवाता है और आपूर्ति रोकी जाती है.
  • कोड के आधार पर डिकोड किया जाता है और लाइन पुनः चालू की जाती है.
  • यह व्यवस्था इसलिए लागू है, जिससे कोई हादसा ना हो और अचानक लाइन न चालू हो सके.
  • कागजों में तो यह बदस्तूर जारी है, लेकिन मौके पर अमल नहीं होने से संविदाकर्मी अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं.

जिले में संविदा कर्मचारियों की लगातार हो रही मौत-

घटनाक्रम 1. कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के सोनबरसा निवासी रामदीन की 2017 मध्य में बिजली की फाल्ट दूर करते समय मौत हो गई थी. जहां स्टेशन से अचानक लाइन चला दी गई और तारों में लिपटकर रामदीन ने दम तोड़ दिया.

घटनाक्रम 2 : सैफुल्ला गंज निवासी राकेश बीते सोमवार की देर शाम 11000 लाइन में आई खराबी ठीक कर रहे थें. तभी अचानक बिना संविदा कर्मी से बातचीत किए लाइन रिकॉर्ड करते हुए सप्लाई चालू कर दी गई और तारों में झुलस कर उनकी मौत हो गई. वहीं शव रखकर प्रदर्शन किया गया, तब एक लाख रुपए देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया.

घटनाक्रम 3: कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के जड्डूपुर निवासी गौरी की जिंदगी भी फाल्ट ठीक करते समय अचानक लाइन चल जाने से खत्म गई थी. मामले में उसको कोई खास मुआवजा भी अफसरों ने नहीं दिया और फाइल रिकॉर्ड में दबा दी गई.

घटनाक्रम 4: देहात थाना क्षेत्र के सोनबरसा निवासी विक्रम की मौत हाल ही में पुलिस अधीक्षक आवास के बगल हुई थी. जिसमें बिजली अफसरों की संवेदनहीनता से लाइन चलने की बात सामने आई थी लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई और प्रकरण को रफा-दफा कर दिया गया.

कि इस बारे में बिजली विभाग के अफसरों से वार्ता की गई है. कि इस तरह की घटना दोबारा न हो.दोषी संविदा कर्मचारी अधिकारी की बर्खास्तगी की कार्रवाई करने को कहा गया है ऐसे लापरवाह और संवेदनहीन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं.
-रामजी लाल, उपजिलाधिकारी

Intro:शीर्षक : देखिए कैसे संविदा कर्मचारियों की जिंदगी से खेल रहे अफसर।
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सुलतानपुर : संविदा कर्मचारियों की मौत का सिलसिला सुल्तानपुर जिले में थमने का नाम नहीं ले रहा है। वह भी बिजली खराबी दूर करते समय अचानक लाइन चला देने का घटनाक्रम लगातार बढ़ता जा रहा है। संविदा कर्मी मरते हैं। उनके परिजनों को मुआवजा दे दिया जाता है। मन मनोबल कर शव का दाह संस्कार करा दिया जाता है। फिर पुराने ढर्रे पर कामकाज शुरू हो जाता है । अफसर संवेदना जताते हैं। सिस्टम सुधारने के दावे होते हैं। लेकिन नतीजा ढाक के तीन पात। सुधार कुछ भी नहीं है । संविदा कर्मी एक के बाद एक मौत के गाल में समा रहे हैं और अफसर हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।


Body:वीओ : सुल्तानपुर जिले में करीब 2000 से अधिक संविदा कर्मचारी तैनात हैं। जो बिजली तंत्र को संचालित किए हुए हैं । इनकी तैनाती पावरहाउस से लेकर उपकेंद्र तक है। सब स्टेशनों पर भी यही बिजली आपूर्ति की दारोमदार थामे हुए हैं।

घटनाक्रम 1. कोतवाली देहात देहात थाना क्षेत्र के सोनबरसा निवासी रामदीन की 2017 मध्य में बिजली की फाल्ट दूर करते समय मौत हो गई थी। स्टेशन से अचानक लाइन चला दी गई और तारों में लिपटकर रामदीन ने दम तोड़ दिया।



घटनाक्रम : सैफुल्ला गंज निवासी राकेश बीते सोमवार की देर शाम 11000 लाइन में आई खराबी ठीक कर रहा था । अचानक बिना संविदा कर्मी से बातचीत किए लाइन रिकॉर्ड करते हुए सप्लाई चालू कर दी गई और तारों में झुलस कर उसकी मौत हो गई। शव रखकर प्रदर्शन किया गया। एक लाख रुपए देकर मामले को रफा-दफा कर दिया गया।


घटनाक्रम 3: कोतवाली देहात थाना क्षेत्र के जड्डूपुर निवासी गौरी की जिंदगी भी फाल्ट ठीक करते समय अचानक लाइन चल जाने से खत्म गई थी। मामले में उसको कोई खास मुआवजा भी अफसरों ने नहीं दिया और फाइल रिकॉर्ड में दबा दी गई।

घटनाक्रम : देहात थाना क्षेत्र के सोनबरसा निवासी विक्रम की मौत हाल ही में पुलिस अधीक्षक आवास के बगल हुई थी। जिसमें बिजली अफसरों की संवेदनहीनता से लाइन चलने की बात सामने आई थी । लेकिन किसी पर कार्रवाई नहीं की गई प्रकरण को रफा-दफा कर दिया गया।



Conclusion:वॉइस ओवर : जिले में शटडाउन के समय लाइनमैन कोड के आधार पर लाइन ब्रेक करवाता है। आपूर्ति रोकी जाती है। इसके बाद उसी कोड के आधार पर डिकोड किया जाता है और लाइन पुनः चालू की जाती है। यह व्यवस्था इसलिए लागू है, जिससे कोई हादसा ना हो । अचानक लाइन न चालू हो सके। कागज में तो यह बदस्तूर जारी है। लेकिन मौके पर अमल नहीं होने से संविदा कर्मी अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं।


बाइट : उपजिलाधिकारी सदर रामजीलाल कहते हैं कि इस बारे में बिजली विभाग के अफसरों से वार्ता की गई है। कल शाम एक संविदा कर्मचारी की मौत हो गई थी। दोषी संविदा कर्मचारी अधिकारी की बर्खास्तगी की कार्रवाई करने को कहा गया है। ऐसे लापरवाह और संवेदनहीन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कराने के निर्देश दिए गए हैं ।



आशुतोष मिश्रा , सुल्तानपुर , 94 150 49 256
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