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महिला मरीज को अस्पताल में बंद कर चले गए डाॅक्टर, टॉयलेट के पानी से बुझाई बच्ची की प्यास - मुजफ्फरनगर मुख्य चिकित्सा अधिकारी

मुजफ्फरनगर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जिसे धरती का भगवान कहा जाता है उसने ही ऐसी लापरवाही बरती कि मरीज की जान पर बन आई. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए गई महिला मरीज को डॉक्टर ताला लगाकर बंद करके चले गए.

महिला और उसकी बच्ची को अस्पताल में लॉक कर गए डॉक्टर.
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Published : Jun 22, 2019, 11:37 PM IST

मुजफ्फरनगरः जनपद के फलौंदा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में शुक्रवार को एक महिला मरीज को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर भर्ती कराया गया था. डाॅक्टर ने इलाज शुरू कर महिला को ग्लूकोज की ड्रिप लगा दी. आरोप है कि उसके बाद सीएचसी का पूरा स्टाफ इस महिला मरीज को भूल गया और ताला लगाकर चला गया. घंटों बाद किसी तरह मौके पर पहुंची पुलिस ने ताला खुलवाकर महिला को बाहर निकलवाया और उसे दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर इलाज कराया. इस दौरान महिला के साथ उसकी तीन साल की बच्ची भी अस्पताल के अंदर थी. वहीं बच्ची को जब प्यास लगी तो महिला ने कमरे के अंदर बने टायलेट की टंकी से ही उसे पानी पिलाया.

महिला मरीज को अस्पताल में बंद कर चले गए डाॅक्टर

अमानवीय कृत्य
मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित फलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गांव भैंसानी निवासी सुनीता पत्नी जयकुमार को उल्टी दस्त की बीमारी के चलते भर्ती कराया गया था. आरोप है कि सीएचसी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मोहित और स्टाफ ने महिला का ड्रिप लगाकर प्राथमिक उपचार तो शुरू कर दिया, लेकिन उसके बाद वे उसे भूल गए. हद तो तब हो गई जब अस्पताल का पूरा स्टाफ यहां भर्ती महिला और उसकी तीन साल की बच्ची को भूल कर जिस कमरे में वह भर्ती थी उसका ताला लगाकर चले गए. महिला को भी ताला लगाकर चले जाने का पता उस वक्त चला जब उसकी ग्लूकोज की बोतल खत्म हो गई और उसने स्टाफ को आवाज लगाई. आवाज लगाने पर जब कोई नहीं आया तो महिला को ताला बंद होने का पता चला.

ताले में बंद दो जानें
इस दौरान महिला की ड्रिप से खून भी निकलने लगा. किसी तरह महिला ने अपनी ड्रिप खुद बंद की. वह काफी देर तक वह आवाज लगाती रही, लेकिन कोई नहीं आया. इस दौरान उसकी बच्ची को प्यास लगी तो उसने टॉयलेट के अंदर लगी टंकी से ही उसे पानी पिलाया. महिला का कहना है कि वह सुबह 11 बजे भर्ती हुई थी. दो-तीन घंटे उसने शोर मचाकर मदद मांगी. बाद में यूपी 100 पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह ताला खुलवाकर महिला और उसकी बच्ची को अस्पताल से बाहर निकाला. बाद में महिला को पुरकाजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया.

भूलवश एक मरीज अस्पताल के अंदर रह गया था. बाद में उस मरीज को बाहर निकाला गया. महिला मरीज करीब दो घंटे तक अंदर बंद रही. इस मामले में लापरवाही हुई है.
- डॉ. मोहित कुमार, चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी

इस मामले में जांच के आदेश दिये गए हैं. फिलहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के वार्ड बॉय सुधीर कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है, जब कि डा. मोहित समेत अन्य स्टाफ का दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया जा रहा है. सभी के खिलाफ विभागीय जांच और शासन को विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति भेजी गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- पीएस मिश्रा, सीएमओ

मुजफ्फरनगरः जनपद के फलौंदा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र में शुक्रवार को एक महिला मरीज को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर भर्ती कराया गया था. डाॅक्टर ने इलाज शुरू कर महिला को ग्लूकोज की ड्रिप लगा दी. आरोप है कि उसके बाद सीएचसी का पूरा स्टाफ इस महिला मरीज को भूल गया और ताला लगाकर चला गया. घंटों बाद किसी तरह मौके पर पहुंची पुलिस ने ताला खुलवाकर महिला को बाहर निकलवाया और उसे दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कर इलाज कराया. इस दौरान महिला के साथ उसकी तीन साल की बच्ची भी अस्पताल के अंदर थी. वहीं बच्ची को जब प्यास लगी तो महिला ने कमरे के अंदर बने टायलेट की टंकी से ही उसे पानी पिलाया.

महिला मरीज को अस्पताल में बंद कर चले गए डाॅक्टर

अमानवीय कृत्य
मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित फलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गांव भैंसानी निवासी सुनीता पत्नी जयकुमार को उल्टी दस्त की बीमारी के चलते भर्ती कराया गया था. आरोप है कि सीएचसी पर तैनात चिकित्सक डॉ. मोहित और स्टाफ ने महिला का ड्रिप लगाकर प्राथमिक उपचार तो शुरू कर दिया, लेकिन उसके बाद वे उसे भूल गए. हद तो तब हो गई जब अस्पताल का पूरा स्टाफ यहां भर्ती महिला और उसकी तीन साल की बच्ची को भूल कर जिस कमरे में वह भर्ती थी उसका ताला लगाकर चले गए. महिला को भी ताला लगाकर चले जाने का पता उस वक्त चला जब उसकी ग्लूकोज की बोतल खत्म हो गई और उसने स्टाफ को आवाज लगाई. आवाज लगाने पर जब कोई नहीं आया तो महिला को ताला बंद होने का पता चला.

ताले में बंद दो जानें
इस दौरान महिला की ड्रिप से खून भी निकलने लगा. किसी तरह महिला ने अपनी ड्रिप खुद बंद की. वह काफी देर तक वह आवाज लगाती रही, लेकिन कोई नहीं आया. इस दौरान उसकी बच्ची को प्यास लगी तो उसने टॉयलेट के अंदर लगी टंकी से ही उसे पानी पिलाया. महिला का कहना है कि वह सुबह 11 बजे भर्ती हुई थी. दो-तीन घंटे उसने शोर मचाकर मदद मांगी. बाद में यूपी 100 पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह ताला खुलवाकर महिला और उसकी बच्ची को अस्पताल से बाहर निकाला. बाद में महिला को पुरकाजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया.

भूलवश एक मरीज अस्पताल के अंदर रह गया था. बाद में उस मरीज को बाहर निकाला गया. महिला मरीज करीब दो घंटे तक अंदर बंद रही. इस मामले में लापरवाही हुई है.
- डॉ. मोहित कुमार, चिकित्सा अधिकारी, सीएचसी

इस मामले में जांच के आदेश दिये गए हैं. फिलहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के वार्ड बॉय सुधीर कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है, जब कि डा. मोहित समेत अन्य स्टाफ का दूसरे स्थान पर ट्रांसफर किया जा रहा है. सभी के खिलाफ विभागीय जांच और शासन को विभागीय कार्रवाई के लिए संस्तुति भेजी गई है. जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
- पीएस मिश्रा, सीएमओ

Intro:मुजफ्फरनगरः महिला मरीज को अस्पताल में बंद कर चले गए डाॅक्टर, टॉयलेट के पानी से बुझायी बच्ची की प्यास
मुजफ्फरनगर। यूपी के मुजफ्फरनगर जिले से मानवता को शर्मसार करने वाली घटना सामने आयी है। जिसे धरती का भगवान कहा जाता है उसने ही ऐसी लापरवाही बरती की मरीज की जान पर बन गई। मामला फलौंदा सामुदायिक स्वास्थ केंद्र का है। यहां शुक्रवार को एक महिला मरीज को उल्टी दस्त की शिकायत होने पर भर्ती कराया गया था। डाॅक्टर ने इलाज शुरू कर महिला को ग्लूकोज की ड्रिप लगा दी। आरोप है कि उसके बाद सीएचसी का समस्त स्टाफ इस महिला मरीज को भूल गया और ताला लगाकर चला गया। इस दौरान महिला की हालत बिगड़ी तो उसने शोर मचाया। घंटों बाद किसी तरह मौके पर पहुंची पुलिस ने ताला खुलवाकर महिला को बाहर निकलवाया और उसे दूसरे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करा कर इलाज कराया। आरोप है कि महिला के साथ उसकी तीन साल की बच्ची भी अस्पताल के अंदर बंद हो गई। बच्ची को जब प्यास लगी तो महिला ने कमरे के अंदर बने टायलेट की टंकी से ही उसे पानी पिलाया।
Body:मुजफ्फरनगर जिले की पुरकाजी नगर पंचायत क्षेत्र में स्थित फलौदा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर गांव भैंसानी निवासी सुनीता पत्नी जयकुमार को उल्टी दस्त की बीमारी के चलते भर्ती कराया गया था। आरोप है कि सीएचसी पर तैनात चिकित्सक डा. मोहित व स्टाफ महिला को ड्रिप लगाकर प्राथमिक उपचार तो शुरू कर दिया लेकिन उसके बाद वह उसे भूल गए। हद तब हो गई अस्पताल का पूरा स्टाफ यहां भर्ती महिला और उसकी तीन साल की बच्ची को भूल गए और जिस कमरे में वह भर्ती थी उसका ताला लगाकर चले गए। महिला को भी ताला लगाकर चले जाने का पता उस वक्त चला जब उसकी ग्लूकोज की बोतल खत्म हो गई और उसने स्टाफ को आवाज लगायी। आवाज लगाने पर जब कोई नहीं आया तो महिला को ताला बंद होने का पता चला। इस दौरान महिला की ड्रिप से खून भी निकलने लगा। किसी तरह महिला ने अपनी ड्रिप स्वयं बंद की। महिला का आरोप है कि काफी देर तक वह आवाज लगाती रही लेकिन कोई नहीं आया। इस दौरान उसकी बच्ची को प्यास लगी तो उसने टायलेट के अंदर लगी टंकी से ही उसे पानी पिलाया। महिला का कहना है कि वह सुबह 11 बजे भर्ती हुई थी। दो तीन घंटे उसने शोर मचाकर मदद मांगी। बाद में यूपी 100 पुलिस मौके पर पहुंची और किसी तरह ताला खुलवाकर महिला और उसकी बच्ची को अंदर से बाहर निकाला। बाद में महिला को पुरकाजी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज के लिए ले जाया गया।
इस मामले में फलौदा सीएचसी पर तैनात चिकित्सा अधिकारी मोहित कुमार ने माना कि भूलवश कल एक मरीज अस्पताल के अंदर रह गया था। बाद में उस मरीज को बाहर निकाला गया, महिला मरीज करीब दो घंटे तक अंदर बंद रही। डा. मोहित ने माना है कि इस मामले में लापरवाही हुई है।
Conclusion: इस मामले में सीएमओ पीएस मिश्रा ने जांच के आदेश दिये हैं, फिलहाल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के वार्ड बॉय सुधीर कुमार को सस्पेंड कर दिया गया है। जबकि डा. मोहित समेत अन्य स्टाॅफ का दूसरे स्थान पर ट्रांसफर करने की बात कही है। सीएमओ का कहना है कि सभी के खिलाफ विभागीय जांच और शासन को विभागीय कार्यवाही के लिए संस्तुति भेजी गई हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बाइट- पीएस मिश्रा (सीएमओ, मुजफ्फरनगर)
बाइट- डा. मोहित कुमार, (लापरवाही बरतने वाला डॉक्टर)
बाइट- सोनिया, महिला मरीज
विजुअल- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, फलौंदा

ajay chauhan
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