कन्नौज: वर्ष 2007 में जब 100 शैय्या संयुक्त जिला चिकित्सालय खुला, तब जनपद सहित आसपास की जनता की खुशी का ठिकाना नहीं रहा. लेकिन अस्पताल खुलने के बाद लगातार इसकी हालत खराब होती जा रही है. आलम ये है कि यहां ठेके पर काम करने वाले संविदाकर्मी ही चिकित्सकों और फार्मासिस्ट का कार्य संभाल रहे हैं. अस्पताल परिसर में दुर्घटनाग्रस्त एवं गंभीर मरीजों के लिए बनाया गया ट्रामा सेंटर अभी तक चालू नहीं हो सका है. वहीं सर्जन के नाम पर डॉक्टरों की खानापूर्ति की जा रही है, जिसके चलते मरीजों को खासी परेशानी उठानी पड़ रही है.
डॉक्टर के इंतजार में मायूस लौट रहे मरीज
- जिले में वर्ष 2007 में खुले जिला चिकित्सालय में 12 वर्ष बीतने के बाद भी अभी तक एक भी फिजीशियन नहीं है.
- अस्पताल में चिकित्सकों और स्टाफ कर्मियों की मनमानी मरीजों पर भारी पड़ रही है.
- अस्पताल में तैनात एक मात्र सर्जन संदीप सिंह 10:30 बजे तक अपने कक्ष से नदारद रहते हैं.
- बुजुर्गों के लिए अतिरिक्त वार्ड बनाए जाने के आदेश के बाद अभी कुछ दिन पहले कैंटीन परिसर में उक्त वार्ड खोलकर औपचारिकता पूर्ण की गई.
वहीं इस मामले में प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक जे एस रंधावा ने बताया कि हमारे एक चिकित्सक छुट्टी पर हैं, इमरजेंसी से ओपीडी ऑपरेट किया जा रहा है. इस समय एक ही सर्जन है, जो अवकाश पर हैं. इसलिए थोड़ी दिक्कत मरीजों को हो रही है.