गोण्डा: जिला अस्पताल में अव्यवस्था और लापरवाही का दौर जारी है. लगता है जिला अस्पताल के जिम्मेदार अधिकारियों इस पर आंख बंद कर लिया है. हालत यह है कि तो कार्य सही से हो पा रहा है और न ही मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाऐं मिल पा रही है. जिससे अस्पताल में आने वाले मरीज और वार्डों में भर्ती मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. वार्डों में पंखे नहीं चल रहे, कुछ चल रहे तो हवा नहीं दे रहे हैं. अस्पताल में 100 से अधिक एसी दिखावे के लगे हैं. खराब पड़े एसी का जिला अस्पताल संज्ञान नहीं ले रहा है जो अस्पताल प्रशासन की घोर लापरवाही दर्शाता रहा है.
- जिला अस्पताल में मरीजों के स्वास्थ्य के साथ हो रहा खिलवाड़
- जिला अस्पताल प्रशासन की उदासीनता
- अस्पताल में लगे लाइट व पंखों का नहीं हो पा रहा मेंटीनेंस
चिल्ड्रन वार्ड में भर्ती बीमार बच्चे गर्मी से सबसे ज्यादा परेशान हो रहे हैं. जिला अस्पताल गोण्डा में चिल्ड्रन वार्ड व बर्न वार्ड में लगे एसी सिर्फ दिखावे के लिए लगे हैं.वहीं वार्डो में मरीज व साथ आये परीजन गर्मियों में तमाम मुश्किलों से जूझ रहे हैं. उनका कहना है कि एक तो गर्मी दूसरे मच्छर इत्यादि होने के कारण बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. अगर यही हाल रहा तो हम तो गर्मी से बीमार हो जाएंगे.
हालांकि वार्ड में एसी लगा हुआ है लेकिन वह एसी काफी दिनों से खराब पड़ा है. इसको देख कर तो यही लग रहा है कि अस्पताल प्रशासन इस पर लापरवाही बरत रहा है. यही हाल बर्न वार्ड का भी है जहां कई हफ्ते पहले से एसी खराब है लेकिन इसकी भी सुध लेने वाला कोई नहीं है. इस बाबत जब हमने चिल्ड्रन वार्ड में आये एक बच्चे के परीजन योगेंद्र सिंह से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां बहुत परेशानी है. यहां गर्मी बहुत होती है. हम लोग यहां नीचे लेटे रहते है. यहां एसी भी नहीं चलता है. गर्मी के कारण हमें बाहर भी जाना पड़ता है.बच्चे भी इससे परेशान हो रहे हैं वह भी जमीन पर उतर घूमने लगते हैं.उन्होंने कहा कि बर्न वार्ड में भी यही हाल है. सबसे ज्यादा दिक्कत तो जले हुए मरीजो को है. बार्न वार्ड में आये एक परीजन से बात की तो उन्होंने भी यही हाल बताया कि सिर्फ नाम की एसी लगी है लेकिन इसका कोई फायदा नहीं है. यह एसी बस देखने के लिए लगा हुआ है.
क्या कहते हैं जिम्मेदार-
"आपको मुझसे पहले मुख्य चिकित्सा अधीक्षक से बात करनी चाहिए थी.उन्होंने कहा कि प्रकरण मेरे संज्ञान में आया है जल्द ही इसको ठीक करवाया जाएगा."
संतोष श्रीवास्तव
अस्पताल प्रशासन