बलरामपुर: जिले की बदहाल हो चुकी एंबुलेंस सेवाओं को सुधारने की कवायद शुरू की गई है. क्योंकि अखिलेश सरकार में शुरू की गई 108 एम्बुलेंस सेवा और केंद्र द्वारा शुरू की गई नेशनल एम्बुलेंस सेवा के अंतर्गत दो दर्जन एम्बुलेंस जिले के स्वास्थ्य विभाग को दी गई थी. जिसमें से लगभग एक दर्जन एम्बुलेंस की हालात खस्ता हो चुकी है. इन्हीं को बदलने के लिए नेशनल हेल्थ मिशन, यूपी परिवार और स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय और ईएमआरआई के सहयोग से जिले में 12 नई एम्बुलेंसों को शामिल किया गया है.
जिले के स्वास्थ्य विभाग में शामिल हुई 12 नई एम्बुलेंस
- जिले में नेशनल हेल्थ मिशन, यूपी परिवार और स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय, जीवीके फाउंडेशन के सहयोग से 12 नई एम्बुलेंसों को शामिल किया जा रहा है.
- इन एम्बुलेंस को उन दुर्गम इलाकों में तैनात किया जाएगा, जहां पर अभी अस्पताल नहीं हैं.
- जिले के पचपेड़वा, गैंसड़ी, तुलसीपुर, गैंडास बुजुर्ग, रेहरा बाजार जैसे इलाकों में तेजी से एम्बुलेंस सेवाओं को पहुंचाने में अभी भी समस्या आती है.
- जिले में अभी 108 एम्बुलेंस की 16 गाड़ियां हैं, जिनमें से 5 गाड़ियां पूरी तरह से जर्जर हैं, जो जल्द से जल्द बदल जाएंगी.
- वहीं, अगर 102 एम्बुलेंस सेवाओं की बात की जाए तो उसमें 22 एम्बुलेंस बेड़े में शामिल हैं.
- छह 102 एम्बुलेंस बिलकुल जर्जर हो चुकी हैं इन्हें भी जल्द से जल्द बदलने की कवायद शुरू हो चुकी है.
- जनवरी 2013 में लागू हुई 108 एंबुलेंस सेवाओं के जरिए अब तक कुल 1,55,000 मरीजों को आपातकालीन स्थितियों में अस्पताल पहुंचाया जा चुका है.
जल्द से जल्द जिले की सभी जर्जर एंबुलेंस को बदल दिया जाएगा, जिसकी कवायद शासन स्तर से शुरू की जा चुकी है. अभी जिले में 12 नई एंबुलेंस के बेड़े को शामिल किया चुका है. इन्हें जिले के उन दुर्गम इलाकों में तैनात किया जा रहा है. जहां पर अभी तक एंबुलेंस सेवाएं त्वरित रूप से लोगों को नहीं मिल पाती थी.
डॉ. घनश्याम सिंह, मुख्य चिकित्सा अधिकारी